गुरुग्राम विवि में ‘अनुसंधान मॉडल बनाने और शोध पत्र के प्रकाशन ‘  विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

Font Size
शोधार्थियों को एक अच्छा शोध पत्र लिखने एवं प्रकाशित करने के लिए अपने हुनर को निखारने के गुर भी बताए
शोधार्थियों को शोध विषय का चयन आज की जरूरत के अनुरूप करना चाहिए -डॉ. संजय कुमार, प्रोफेसर, यूएसए
अच्छा शोध पत्र लिखने के लिए शोधार्थी को धैर्य बनाकर रखना चाहिए : डॉ.  रैने
प्रगति के पथ पर अग्रसर है जीयू -प्रो. दिनेश कुमार
गुरुग्राम 1 जुलाई  : गुरुग्राम विवि के प्रबंधन विभाग द्वारा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत ”विचार से लेकर अनुसंधान मॉडल बनाने और शोध पत्र के प्रकाशन तक’  विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिसमें बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शोधार्थियों  ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में  यूएसए, वैलपराइसो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ऑफ इनफार्मेशन एंड डिसिशन साइंस के डॉ. संजय कुमार और यूएसए, वैलपराइसो विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ एकाउंटिंग डॉ  रैने ने भाग लिया । गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यशाला का शुभारंभ माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ ।
इस अवसर पर  मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. संजय कुमार ने एक प्रभावशाली शोध पत्र लिखने में रचनात्मक विचारों की भूमिका को अहम बताते हुए उस पर प्रकाश डाला ।  उन्होंने शोधार्थियों को एक अच्छा शोध पत्र लिखने एवं प्रकाशित करने के लिए अपने हुनर को निखारने के गुर भी बताए, आगे मुख्य वक्ता ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान वहां हो रहे शोध कार्यों से होती है।उन्होंने शोधार्थियों को विश्वविद्यालय की रीढ़ की हड्डी बताया।उन्होंने कहा कि शोध कार्यों के माध्यम से ही आज नयी-नयी तकनीकों का जन्म हो रहा है।शोध मानव ज्ञान को दिशा प्रदान करता है। शोध से व्यावहारिक समस्याओं का समाधान होता है। इसलिए शोधार्थियों को शोध विषय का चयन आज की जरूरत के अनुरूप करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित दूसरी विशेषज्ञ डॉ. रैने  ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रबंधन के क्षेत्र में शोध की आवश्यकता और उसकी उपयोगिता के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। जिसमें शोध कार्य कैसे किया जाए,शोध विषय का चयन,विशिष्ट तकनीक ,डेटा एकत्र करने और मूल्यांकन करने के लिए कौन सी अनुसंधान प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए शामिल थी। आगे मुख्य वक्ता ने बताया कि एक अच्छा शोध पत्र लिखने के लिए शोधार्थी को धैर्य बनाकर रखना चाहिए।
इस मौके पर शोधार्थियों को संबोधित करते हुए गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा पिछले कुछ समय में काफी अहम कदम उठाए गए  हैं, जिनके सार्थक परिणाम अब सामने आने लगे हैं और विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों के लिए जीयू में अनेक तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हम इसी तरह शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास करते रहेंगे।
 इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह, प्रो.सुभाष कुंडू, डॉ. अमरजीत कौर, डॉ. मोनिका भाटिया समेत विवि. के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे

You cannot copy content of this page