नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के निमंत्रण पर 08 से 10 जून, 2022 तक वियतनाम की आधिकारिक यात्रा करेंगे। रक्षा मंत्री हनोई में दिवंगत राष्ट्रपति हो ची मिन्ह को उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी यात्रा आरंभ करेंगे।
श्री सिंह जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसके दौरान दोनों मंत्री दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा करेंगे और रक्षा संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के लिए नई पहलों की खोज करेंगे। दोनों मंत्री साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। रक्षा मंत्री का वियतनाम के राष्ट्रपति श्री गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री श्री फाम मिन्ह चिन से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
हाई फोंग के हांग हा शिपयार्ड में, रक्षा मंत्री वियतनाम को भारत सरकार की 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा क्रेडिट लाइन के तहत निर्मित 12 हाई स्पीड गार्ड नौकाओं को सुपुर्द करने के समारोह की अध्यक्षता करेंगे। यह परियोजना वियतनाम के साथ बढ़ते रक्षा उद्योग सहयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया, ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन का उदाहरण है।
यात्रा के दौरान, श्री सिंह दूरसंचार विश्वविद्यालय जहां भारत सरकार द्वारा 50 लाख अमेरिकी डॉलर के अनुदान के साथ एक आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क स्थापित किया जा रहा है, सहित न्हा ट्रांग में वियतनाम के प्रशिक्षण संस्थानों का भी दौरा करेंगे। वह हनोई स्थित भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे और वियतनाम में प्रवासी भारतीय के साथ बातचीत करेंगे।
भारत और वियतनाम 2016 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और भारत-प्रशांत विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। दोनों देशों के बीच रक्षा नीति संवाद, द्विपक्षीय सैन्य विनिमय, उच्च-स्तरीय यात्राओं, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों, संयुक्त राष्ट्र शांति वाहिनी में सहयोग, जहाजों का दौरा और द्विपक्षीय अभ्यास सहित दोनों देशों के बीच व्यापक संपर्कों को शामिल करने के लिए पिछले कुछ समय के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोगों का विस्तार हुआ है।
भारत-वियतनाम राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और भारत की आजादी के 75 साल के ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री की यात्रा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और व्यापक सामरिक साझेदारी को और समेकित करेगी।