सीएसआर मीट में हुए चार एमओयू : डीसी ने कारपोरेट कंपनियों से मांगा सहयोग

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  • जिला प्रशासन व हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सीएसआर मीट गुरूग्राम का हुआ आयोजन
  • उपायुक्त ने भविष्य की विकास परियोजनाओं के लिए कॉर्पोरेट कंपनियों से आगे आने का किया आह्वान

  • गुरुग्राम, 03 जून। गुरूग्राम सहित पूरे प्रदेश में भविष्य की विकास परियोजनाओं में सीएसआर के माध्यम से औद्योगिक संस्थानों की सहभागिता बढ़ाने के लिए शुक्रवार को गुरूग्राम के लघु सचिवालय स्थित सभागार में विभिन्न औधोगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ ‘सीएसआर मीट गुरुग्राम’ का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस मीट का हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के ज्वायंट सक्रेटरी एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव व ट्रस्ट के वाइस चेयरमेन बोधराज सीकरी ने रिबन काटकर शुभारंभ किया। यह मीट जिला प्रशासन व हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी।
    बैठक की शुरुआत में चण्डीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के सचिव श्री टी.वी.एस. एन प्रसाद ने कोरोना काल में औद्योगिक संस्थानों से मिले सहयोग की सराहना करने के साथ ही हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के स्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियों ने कोविड काल के दौरान सीएसआर के तहत अपना सहयोग देकर सरकार के प्रयासों में इजाफा किया। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियों को अपना सीएसआर का पैसा सही ढंग से खर्च करने में सहयोग देने के लिए हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ मिलकर काम करने से कंपनियों को यह लाभ होगा कि उन्हंे विकास कार्य करवाने वाली ऐजेंसियों को ढूंढना नही पडे़गा। सरकार के पास विकास कार्यों के अस्टिमेट, नक्शा आदि बनाकर उनको अमलीजामा पहनाने के लिए अमला होता है। सभी कानूनी अनुपालना सुनिश्चित होंगी और कंपनियों को विकास कार्यों की हर स्टेज पर प्रगति के बारे में सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनियां इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार के अलावा, जनसुविधाओं को बेहत्तर बनाने की दिशा में भी अपना सहयोग दे सकती हैं। इसके अलावा, कुछ कंपनियां इक्कट्ठी होकर प्रदेश में कोई बड़ा काम भी हाथ में ले सकती हैं। यह भी किया जा सकता है कि प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा बनाने मंे कंपनी सहयोग दे और बाकि हिस्से को सरकार पूरा कर दे। श्री प्रसाद ने सभी कंपनियों के प्रतिनिधियांे को भरोसा दिलाया कि आपके सीएसआर फंड के पैसे की पाई-पाई का सदुपयोग होगा और इस कार्य मंे पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।
    सीएसआर मीट में गुरुग्राम के उपायुक्त व सीएसआर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव निशांत कुमार यादव ने आयोजन स्थल पर स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन व विभिन्न औधोगिक संस्थानों द्वारा सीएसआर के तहत करवाए जा रहे विकास कार्यों की प्रेजेंटेशन देखने उपरान्त अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भविष्य में आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाई गई है जिसमें आप सभी की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आज इस सीएसआर मीट का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार का विकास व सामाजिक उत्थान को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण कोण है लेकिन सरकार की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं। ऐसे में कॉर्पोरेट कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार तथा जनसुविधाओं में विस्तार करने में सीएसआर के तहत सहयोग दे सकती हैं। उन्होनें कहा कि इस में कोई दो राय नही है कि जिला के औद्योगिक संस्थान सीएसआर के तहत समाज के प्रति अपनी निर्धारित जिम्मेदारियों का प्रमुखता से निर्वहन कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी योजना बनाकर विकास को और गति दी जा सकती है जिससे आम लोगों को लाभ हो। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियां सीएसआर के तहत दो तरीके से काम कर सकती हैं। एक तरीका यह है कि कंपनी अपना सीएसआर फंड हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट को दे दे जो सरकारी ऐजेंसियों के माध्यम से प्रोजेक्ट को लागू करवाए और इस दौरान जिला प्रशासन व कंपनी उस पर निगरानी रखे। दूसरा तरीका यह है कि कंपनी खुद काम करवाए और इसके लिए जिला प्रशासन कंपनी के साथ एमओयू साइन करे।
    इस मौके पर ट्रस्ट के वाइस चेयरमेन बोधराज सीकरी ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने चण्डीगढ़ में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि कंपनियां सीएसआर के तहत जो भी प्रोजेक्ट लागू करें, कुछ समय के लिए उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी उन कंपनियांे को लेनी चाहिए।
    बैठक में उपस्थित औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि गुरुग्राम जिला में शिक्षा के क्षेत्र में स्कूलों में लाइब्रेरी व अन्य भवन निर्माण, स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न पीएचसी व सीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी, खेल के क्षेत्र में स्टेडियम, स्पेशल नीड के तहत आंगनबाड़ी निर्माण, कामकाजी महिला छात्रावास, कौशल विकास के तहत स्वयं सहायता समूह को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने व कौशल वृद्धि कार्यक्रम में आपसे सहयोग की आवश्यकता है। वहीं प्रदेश में पराली प्रबंधन, डायगोनोस्टिक लैब बनवाने सहित आपातकाल स्थिति में एम्बुलेंस बाइक व अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के सौंदर्यीकरण व जीर्णाेद्धार के कार्य में आप सभी से सहयोग की अपेक्षा है।
    -सीएसआर में अपनी इच्छा व सुविधा के अनुसार विकास परियोजनाओं का चुनाव कर सकेंगे औधोगिक संस्थान
    उपायुक्त ने कहा कि हमारा प्रयास है कि सरकार की विकास परियोजनाएं व औद्योगिक संस्थानो द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्य एक ही दिशा में चलें ताकि धरातल पर जिन विकास कार्यों की आवश्यकता है उनमें किसी प्रकार का विलंब ना हो। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी औद्योगिक संस्थानो के प्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि उपरोक्त उद्देश्यों को पूर्ति के लिए गुरुग्राम व प्रदेश में अपेक्षित सभी विकास कार्याे की सूची सीएसआर ट्रस्ट के पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी ताकि आप सभी अपनी इच्छा व सुविधा के अनुरूप विकास परियोजना का चुनाव कर उस पर कार्य कर सकें।
    -जिला प्रशासन ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए चार औधोगिक संस्थानो के साथ एमओयू पर किए हस्ताक्षर
    आज की बैठक में गुरुग्राम जिला में ऑटो ड्राइवर को ड्रेस व आईकार्ड उपलब्ध करवाने के लिए आरसपीएल कंपनी, गुरुग्राम व फरीदाबाद के 5 स्कूलों में मेन्टल हेल्थ चेक अप प्रोग्राम के लिए पॉवरग्रिड व अमृत सरोवर योजना के तहत जिला के दो तालाबों का जीर्णाेद्धार व सौंदर्यीकरण के लिए कंसेंट्रिक व जिला के सरकारी स्कूलों में अस्ट्रोनॉम लैब स्थापित करने के लिए हौंडा कंपनी के साथ एमसोयू साइन किए गए।
    ट्रस्ट के एडिशनल सीईओ गौरव सिंह ने प्रेजेन्टेशन दी जिसमें बताया गया कि वर्ष 2019-20 में सीएसआर के तहत हरियाणा में 528 करोड़ रूपए खर्च किए गए। वर्ष 2018 से 2021 तक प्रदेश के तीन जिलों नामतः गुरूग्राम, झज्जर और हिसार में सीएसआर से 385 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गई। पिछले डेढ साल में प्रदेश में सीएसआर के तहत 45 परियोजनाएं पूर्ण की गई हैं और कोविड के समय प्रदेश के 17 जिलों में सीएसआर की मदद से 57 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं।
    कार्यक्रम में उपायुक्त ने आए हुए कंपनी प्रतिनिधियों के सुझाव भी लिए और आश्वस्त किया कि उनके उपयोगी सुझावों पर अवश्य विचार किया जाएगा। खजाना विभाग के निदेशक श्री पंकज, जो ट्रस्ट के विशेष सचिव भी हैं, भी ऑनलाईन इस कार्यक्रम से जुडे़ थे।

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