यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को हंगरी सहित कई देशों ने अपनी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जारी रखने का ऑफर दिया : डॉ जयशंकर

Font Size

सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली : केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने लोकसभा में बताया कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले सभी भारतीय छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने की दृष्टि से आसपास के कई देशों ने अपने मेडिकल कॉलेज में  समान व्यवस्था के तहत ऑफर दिया है.  विदेश मंत्रालय उन सभी देशों की सरकारों के संपर्क में है और इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.  उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि  यूक्रेन से लौटे सभी भारतीय छात्रों  के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.  देश में मेडिकल एजुकेशन से संबंधित मंत्रालय एवं सरकारी संस्थान इस विषय पर काम कर रहे हैं. इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जायेगा . 

 

विदेश मंत्री जयशंकर 8 लोकसभा में नियम 193 के तहत रूस यूक्रेन  संघर्ष के कारण उत्पन्न  स्थिति पर हुई  विशेष चर्चा का जवाब दे रहे थे.  चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने भारतीय छात्रों के भविष्य की चिंता,  भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध,  पश्चिमी देशों के साथ वर्तमान हालात में  राजनयिक एवं व्यावसायिक संबंध ,  और रूस एवं यूक्रेन की युद्ध शांति को लेकर भारत की मध्यस्थता के सवालों को मजबूती से उठाया. 

 

 विशेष चर्चा का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने यह साफ कर दिया भारत ने यूक्रेन से अपने छात्रों के साथ-साथ अन्य 18 देशों के नागरिकों को भी निकालने का दुनिया का सबसे बड़ा अभियान सफलतापूर्वक संपन्न किया.  उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी दुनिया के पश्चिमी से बिल्कुल अलग थी क्योंकि पश्चिमी देशों के अपने राजनीतिक लक्ष्य थे.  भारत का अपना कूटनीतिक तरीका है जिसके माध्यम से हमने अपनी स्थिति दुनिया के सामने स्पष्ट कर दी है.  उन्होंने आश्वस्त किया कि वर्तमान परिस्थिति में भारत  की निष्पक्ष भूमिका को लेकर किसी भी देश को कोई शिकायत नहीं है.  उन्होंने जोर देते हुए कहा की दुनिया में किसी भी देश को भारत के स्टैंड को लेकर कोई आशंका नहीं है.

 

 रूस के साथ व्यापारिक संबंध जारी रखने के सवाल पर उनका कहना था कि इसको लेकर किसी भी देश की ओर से कोई आपत्ति नहीं जताई गई है.  इस मामले में केवल मीडिया की ओर से सवाल उठाए जाते रहे हैं.  उन्होंने कहा कि रूसी करेंसी रूबल और भारतीय करेंसी रुपए में से किस प्रकार व्यावसायिक आदान-प्रदान होगा इसको लेकर देश में अंतर मंत्रालय समिति विचार विमर्श कर रही है.  उन्होंने कहा कि इस मामले पर अंतिम निर्णय देश कि वित्त मंत्री लेंगी.

 

 रूस और यूक्रेन  के बीच जारी युद्ध के कारण यूक्रेन से वापस लाएंगे भारतीय छात्रों के भविष्य के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि उन्हें यूक्रेन सहित अन्य आसपास के देशों के विदेश मंत्रियों के साथ उनके पूर्व के व्यक्तिगत संबंधों के कारण बड़ी मदद मिली.  उन्होंने भारत सरकार की इस पहल की जमकर  प्रशंसा की की अन्य विभागों के मंत्रियों को छात्रों को स्वदेश वापस लाने की व्यवस्था में  सहयोग करने के लिए लगाया गया. उन्होंने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली सभी केंद्रीय मंत्रियों की सराहना की.  उन्होंने कहा कि हमने सामूहिक नेतृत्व और प्रयास का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसका दुनिया को मजबूत संदेश गया.  विदेश मंत्री की इस घोषणा पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने एकमत होकर नीचे थपथपा कर भारत सरकार की इस संयुक्त प्रयास की  सराहना की.

 

 जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन स्थित सभी स्टूडेंट्स के कांट्रेक्टर से भारतीय एंबेसी का सीधा संपर्क था.  उन्हें आवश्यक कदम उठाने के लिए निरंतर गाइड किया जा रहा था.  छात्रों को सभी प्रकार की सुविधाएं और साधन मुहैया कराई गये.  उन्होंने कहा कि कई बार युद्ध के दौरान सुरक्षित गलियारे बनाकर छात्रों को तत्काल पैदल ही निकलने की सलाह दी गई.  छात्रों के वहां थकने के सवाल पर उनका कहना था कि अधिकतर छात्रों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि स्थिति इतनी खराब हो जाएगी इसलिए वह वहां अपने साथियों में विचार विमर्श कर रुके रहे.

 

 विदेश मंत्री ने कहा कि छात्रों को वापस लाने की चिंता सभी राज्य सरकारों को थी.  उन्होंने सभी राज्य सरकारों को आश्वस्त किया और उनसे उनके राज्य के छात्रों को भारतीय नागरिक होने के नाते एक जैसी व्यवस्था देने की बात की.  उन्होंने सभी राज्य सरकारों के सहयोगात्मक रवैये की भी प्रशंसा की.

 

 विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन के सभी यूनिवर्सिटी से विदेश मंत्रालय की बातचीत हुई है.  उन्होंने स्पष्ट किया कि यूक्रेन के आसपास के कई देशों की सरकारों ने भारतीय छात्रों खासकर मेडिकल स्टूडेंट की पढ़ाई को जारी रखने के लिए अपने देश के मेडिकल कॉलेज में वर्तमान सत्र में ही  नामांकन का ऑफर किया है.  इनमें हंगरी,  पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया, रोमानिया और कजाकिस्तान सहित कई देश शामिल है जहाँ समान स्तर की मेडिकल पढ़ाई होती है .  उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और मेडिकल एजुकेशन के लिए अधिकृत संस्था गंभीरता से विचार कर रही है. 

वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए  सभी सत्रों के लिए यूक्रेन सरकार ने रिलैक्सेशन देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन सरकार ने थर्ड ईयर के स्टूडेंट के लिए आवश्यक एग्जाम को  स्थगित कर उन्हें फोर्थ ईयर में जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए एकेडमिक एसेसमेंट के आधार पर उन्हें अगले सत्र में जाने की अनुमति दे दी जाएगी.  इसी तरह 6 ईयर के स्टूडेंट के लिए  फाइनल डिग्री हासिल करने के लिए आवश्यक क्रोक  2:00 एग्जाम देने की जरूरत नहीं होगी.  उन्हें एकेडमिक एसेसमेंट के आधार पर ही फाइनल डिग्री दे दी जाएगी. 

 

यूक्रेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्र जिन्होंने भारतीय बैंकों से एजुकेशन लोन लिया हुआ है उनके लिए भी अच्छी खबर की घोषणा की.  विदेश मंत्री ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन को रूस यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न हालात का आकलन करने को कहा है.  उन्होंने सदन को बताया कि 3900 से अधिक ऐसे एजुकेशन लोन हैं जो आउटस्टैंडिंग है.  इस संबंध में भी जल्द ही राहत देने वाले निर्णय लिए जाएंगे. 

 

 जयशंकर ने कहा कि दुनिया में पिछले कई वर्षों से जबर्दस्त बदलाव देखने को मिल रहा है . यह बदलाव  कोविड-19 महामारी,  आर्थिक उत्पादन,  देशों के बीच में विश्वास और पारदर्शिता,  डाटा,  अफगानिस्तान के कारण उत्पन्न  स्थिति,  और अब रूस यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के कारण हो रहे हैं.  इन परिस्थितियों से  बचने का एक ही उपाय है कि भारत को  और मजबूत होना पड़ेगा.  उन्होंने कहा कि देश को मजबूत करने का एक उपाय आप निर्भर भारत है जिसमें हमें अपनी आर्थिक और व्यावसायिक निर्भरता अन्य देशों पर अपेक्षाकृत कम करनी पड़ेगी.

 

You cannot copy content of this page