नई दिल्ली : जापान के प्रधानमंत्री के रूप में प्रथम भारत यात्रा पर प्रधानमंत्री किशिदा का स्वागत करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले जापान में आये भूकंप के कारण जान-माल की क्षति के लिए, मैं पूरे भारत की ओर से संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किशिदा भारत के पुराने मित्र रहे हैं। विदेश मंत्री की भूमिका में वे कई बार भारत आये थे, और मुझे उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला था। पिछले कुछ वर्षों में भारत-जापान Special Strategic and Global Partnership में जो अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली, उसमें प्रधानमंत्री किशिदा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य का प्रमुख अंश :
आज की हमारी Summit का आयोजन एक बहुत महत्त्वपूर्ण समय हुआ है। विश्व अभी भी Covid-19 और उसके दुष्प्रभावों से जूझ रहा है।
वैश्विक Economic recovery की प्रक्रिया में अभी भी अडचनें आ रही हैं।
Geo-political घटनाएँ भी नयी चुनौतियाँ प्रस्तुत कर रही हैं।
इस सन्दर्भ में भारत-जापान partnership को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है। इससे Indo-Pacific क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी peace, prosperity और stability को प्रोत्साहन मिलेगा।
हमारा आपसी विश्वास, हमारे civilizational ties, democracy, freedom, और rule of law जैसे हमारे साझा मूल्य, हमारे संबंधों के मूल में हैं, उन्हें शक्ति प्रदान करते हैं।
आज की हमारी चर्चा ने हमारे आपसी सहयोग को नयी ऊँचाइयों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
हमने द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
हमने United Nations और अन्य अंतर-राष्ट्रीय मंचों पर भी अपना समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया।
Friends,
भारत-जापान आर्थिक पार्टनरशिप में पिछले कई वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। दोनों देशों के businesses में जबरदस्त विश्वास है, उत्साह है।जापान भारत में सबसे बड़े इन्वेस्टर्स में से एक विश्वस्तर साथी है।
Dedicated Freight Corridor और Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail जैसे हमारे flagship projects में जापान का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। हम इस योगदान के लिए बहुत बहुत आभारी हैं।
Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है। दोनों देश इस पर ‘One Team One Project’ की एप्रोच के साथ काम कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट भारत-जापान पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण है।
मुझे प्रसन्नता है कि हमने 2014 में निर्धारित three point five trillion Japanese येन का investment target पार कर लिया गया है।
अब हमने अपनी महत्वाकांक्षाओं को और बढ़ाने का निर्णय लिया है और आने वाले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन येन, मतलब करीब तीन लाख बीस हजार करोड़ रुपए का नया target तय किया है।
आप सभी जानते हैं कि पिछले कुछ सालों में भारत ने व्यापक आर्थिक reforms अपनाये हैं और ease of doing business में बड़ी छलांग लगाई है।
आज भारत “Make in India for the world” के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है।
इस संदर्भ में Japanese companies बहुत समय से एक प्रकार से हमारी brand ambassadors रही हैं।
हमारे बीच technology और innovation sectors में पार्टनरशिप में नए आयाम जुड़ रहे हैं।
हम जापानी companies को भारत में अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आज लांच किया गया India-Japan Industrial Competitiveness Partnership Roadmap इसके लिए एक कारगर मैकेनिज्म सिद्ध होगा।
जापान के साथ हमारी skills partnership भी इस दिशा में कारगर भूमिका निभाएगी।
Friends,
भारत और जापान, दोनों ही secure, trusted, predictable और stable energy supply के महत्व को समझते हैं।
यह sustainable economic growth के लिए उस लक्ष्य को पाने और climate change की समस्या से निपटने के लिए बहुत ही अनिवार्य है।
हमारी Clean Energy Partnership इस दिशा में लिया गया एक निर्णायक कदम साबित होगा।
कई अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी आज हमारे बीच सहमती बनी है, घोषणाएं हुई हैं।
प्रधान मंत्री किशिदा की यह यात्रा भारत-जापान special strategic and global partnership में नए आयाम जोड़ने में सफल रही है।