लायंस पब्लिक स्कूल में कैशलेस भुगतान व आंतकवाद पर चर्चा
छात्रों को दिया स्वरोजगार का प्रशिक्षण
गुरुग्राम : लायंस पब्लिक स्कूल, सेक्टर 10 ए, में आयोजित किए जा रहे सात दिवसीय आवासीय शिविर के छठे दिन का कार्यक्रम ‘E- Banking- Cashless India’ थीम पर केन्द्रित रहा. इसके अंतर्गत अध्यापिका सुमन यादव ने स्वयंसेवकों को क्रेडिट व डेबिट कार्ड से भुगतान के तरीके वे इसके आर्थिक लाभ भी बताए। उन्होंने बताया कि कैसे नकद रहित भुगतान कर हम भ्रष्टाचार तथा आंतकवाद जैसे अपराधों को रोक सकते हैं तथा देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार कर सकते हैं। चर्चा का केंद्र कैश के दुरूपयोग को रोकने पर रहा.
अद्यापिका गीतांजलि मदान ने छात्रों को कई उदाहरण के माध्यम से बताया कि किसी भी देश के विकास के लिए भ्रष्टाचार मुक्त होना आवश्यक है। विकास यह नहीं कि बड़ी-बड़ी इमारतें बने, विकास यह है कि हर एक नागरिक को आधारभूत सुविधाएँ प्राप्त हों और देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो. उनके अनुसार देश की सभी आधारभूत सुविधाओं पर प्रत्येक नागरिक का सामान अधिकार होता है लेकिन भ्रष्टाचार के कारण न तो हम आधारभूत सुविधाओं को सही तरीके से विकसित कर सकते हैं और न ही इसे आम लोगों तक पहुंचा सकता है. कैशलेस प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा है ब्लेक मनी को रोकना और देश के पैसे को अर्थव्यवस्था में शामिल करना. इसको अपनाकर हम अपने देश के विकास की गति को अपेक्षाकृत अधिक तेज कर सकते हैं।
समूह चर्चा के दौरान से यह स्पष्ट किया गया कि नोटबंदी क्या है और क्यों आवश्यक है. नोटबंदी के फायदे और नुकसान पर छात्रों ने बेबाकी से अपनी बात रखी। इस चर्चा से स्पष्ट हो गया कि बच्चों में नोट्बंदी के निर्णय की पूरी समझ है और इनमें भी इस आर्थिक निर्णय को लागू करने के तौर तरीके पर वैचारिक मतैक्य नहीं है. यह अलग बात है कि अधिकतर बच्चों ने नोट्बंदी के फैसले के समर्थन में ही अपना विचार व्यक्त किया.
विद्यालय के ट्रेजरार लायन ओम वाधवा ने छात्रों को बताया कि बैल्ज्यिम, स्वीडन, डेनमार्क जैसे देश जहाँ 90 प्रतिशत से अधिक कैशलेस भुगतान होता है वहाँ भ्रष्टाचार नहीं के बराबर है। इसलिए हमें भी दैनिक जीवन में प्लास्टिक मनी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए।
स्कूल के मैनेजर राजीव कुमार ने छात्रों से यह आह्वान किया कि जो कुछ उन्होने सीखा है उसे वे कम से कम 10 लोगों को अवश्य सिखाएँ। आपको अपने साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी निभानी चाहिए जिससे समाज के साथ साथ प्रदेश व देश का भी भला होगा.उनका कहना था कि जनहित हमारे जीवन का ध्येय होना चाहिये और हमारा हर कदम उसी दिशा में बढना चाहिए. जीवन की सार्थकता इसी में है.
वरिष्ठ प्रधानाचार्या डा. नीलिमा प्रकाश ने स्वयंसेवकों से जन-धन खातों के उद्देश्य तथा नोटबंदी के दौरान उनके दुरुपयोग पर चर्चा की। उन्होनें छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी आशंकाए दूर की । बच्चों ने कई सवाल पूछे और उनको इसका समाधान मिला. आम तौर पर बच्चे बैंकिंग व्यवस्था की जानकारी चाहते थे जबकि कुछ छात्रों ने जन धन खाते की जाँच को लेकर सवाल किया. कई बच्चों ने यह भी सवाल किया कि सरकार इन खातों को कैसे मोनिटर करेगी ? डॉ. प्रकाश ने सभी सवालों के जवाब दिए .
आज शिविर का द्वितीय भाग बच्चों को स्वरोजगार एवं उन्हें एक लघु उद्यमी बनने का प्रशिक्षण देने को समर्पित रहा. उल्लेखनीय है की देश के पीएम नरेन्द्र मोदी अक्सर इस बात पर बल देते हैं कि स्कूल स्तर से ही रोजगार मूलक शिक्षा देने की व्यवस्था होनी चाहिए. इसी धारणा को ध्यान में रखते हुए लायंस पब्लिक स्कूल सेक्टर 10 ए प्रबंधन ने शिविर में स्वरोजगार प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की और अध्यापिका निर्मल ने स्वयंसेवकों को लघु उधोगों की उपयोगिता बताते हुए उन्हें विभिन्न प्रकार की मोमबत्तियाँ बनाना तथा उन्हें सजाना सिखाया।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी किरण बाला, दिनेश आर्या, अरुणा बहल, पूर्णिमा, ममता श्रीधर, कुमारी राज वर्मा, लक्ष्मण सहरावत, बलराम यादव तथा परवीन डागर भी उपस्थित रहे।