नई दिल्ली : देश के बड़े उद्योगपतियों में शुमार और बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और बजाज मोटर्स के संस्थापक राहुल बजाज का शनिवार को निधन हो गया है. वे 83 साल थे. उन्हें कैंसर की बीमारी थी और काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे. मारवाड़ी बिजनेसमैन परिवार से सम्बन्ध रखने वाले राहुल बजाज के परिवार का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है. उनका जन्म 10 जून 1938 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने लगभग 5 दशक तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाली.
उद्योग जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 2001 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राहुल बजाज स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते थे. उनकी पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई थी. उन्होंने लॉ की डिग्री मुंबई से की . उनके नेतृत्व में बजाज ऑटो 12 हजार करोड़ की कंपनी बनी थी . देश में स्कूटर और दोपहिया वाहन बेचने वाली ऐसी कंपनी थी जिसने एक समय सभी को पछाड़ दिया था. साल 1965 में उन्होंने बजाज की कमान संभाली थी.
राहुल बजाज के तीन पीढ़ियों से नेहरू परिवार के साथ घनिष्ठ पारिवारिक मैत्री संबंध थे. राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय तक एक ही स्कूल में पढ़े थे. वो उनका ही कार्यकाल था, जिसमें बजाज, स्कूटर बनाने वाली टॉप की कंपनी बन गई थी. साल 2005 के दौरान राहुल ने अपने बेटे के हाथ में कंपनी की जिम्मेदारियों को देना शुरू किया और बेटे को कंपनी का एमडी बनाया.