गुरुग्राम : साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 37 सी की सड़कें बदहाल है. आये दिन यंहा दुपहिया वाहन दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं। बिल्डर व प्रशासन किसी तरह गम्भीर नही है. ठंड के इस मौसम में भी हल्की बारिश ने सड़कों की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। यह स्थिति इलाके के लोगों को जनवरी के माह में भी जुलाई और अगस्त के दौरान भारी बारिश से उत्पन्न होने वाली स्थिति का एहसास करा रही है. लोग वाहनों में तो क्या पैदल चलने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं .
सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। गड्ढों के कारण नजदीकी स्कूल, अपेक्स आवर होम्स, तक्षशिला, इम्पीरिया, आईएलडी आदि सोसाइटीयों के निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन गड्ढों में कीचड़ भरा होने से वाहन चालकों को गहराई का पता नहीं चलता। ऐसे में वाहन बीच में फस जाते हैं।
इसी इलाके में रहने वाले योगेंद्र सिंह ने बताया कि वारिश की आड़ में आसपास के कुछ बिल्डर सोसाइटी से सीवरेज का पानी भी सड़क पर छोड़ देते हैं। उनका कहना है कि केवल वारिश के पानी से यह हाल नही होता है ।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर लगातार पानी के ठहराव से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं । सोसाइटी के बाहर ठेकेदारों के मजदूरों की झुग्गियां बनी हुई हैं. उसका सारा गन्दा पानी सड़क पर आ जाता है। झुग्गियों को हटाने के लिए प्रशासन व बिल्डर सुध नहीं ले रहे हैं । दोपहिया वाहनों पर चले वाली महिलायें इस रास्ते से निकलने से बचती हैं क्योंकि स्कूटर फिसलने की घटना यहाँ अक्सर होती रहती है . बच्चों को भी बाहर भेजने में भय बना रहता है। आना जाना बेहद असुविधाजनक हो गया है लेकिन बिल्डरों की लापरवाही पर न तो नगर निगम सख्त है और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है।
इसी इलाके के निवासी तरुण कुमार कहते हैं कि हल्की बारिश ने सड़कों की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए है। सोसाइटी के बाहर ठेकेदारों के मजदूरों की झुग्गियां बनी हुई है. उसके वेस्काट वाटर को डिस्पोज करने की व्यवस्था बिल्डरों ने नहीं की है. इसके कारण ही वेस्ट वाटर का बहाव सड़क की ओर है। यहाँ अवैध बनी झुग्गियां पर न तो पुलिस कार्रवाई कर रही है और न ही डीटीपी एन्फोर्समेंट या एम् सीजी का तोड़फोड़ दस्ता.
श्रीमती गगन बताती है कि एक दिन उनका भी इस सड़क पर स्कूटर बुरी तरह फिसलने उन्हें चोट आई. इन हालात में अब बच्चों को भी स्कूटर पर भेजने में भय बना रहता है। मेरा ऑपरेशन हो रखा है, मुझे अक्सर हॉस्पिटल जाना पड़ता है। आने जाने में वहुत असुविधा होती है और मन में भय बना रहता है।
इलाके के लोग इस सडक की मरम्मत तत्काल करवाने और अवैध बसी झुग्गियों को हटवाने की मांग कर रहे हैं. इतने महंगे इलाके में करोड़ों रूपये में फ़्लैट और मकान खरीद कर लो सुविधाजनक जीवन यापन करने का सपना देखते हैं लेकिन एमसीजी और प्रशासन की अनदेखी से लोग त्रस्त हैं.