निजी संस्थानों में स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का कानून हो गया है लागू

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उद्यमियों ने कानून को उच्च न्यायालय में दी हुई है चुनौती, 2 फरवरी को होगी सुनवाई

गुडग़ांव, 16 जनवरी : प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण गत दिवस से लागू कर दिया है।
हालांकि उद्यमी सरकार के इस कानून का विरोध भी कर रहे हैं और उन्होंने इसको लेकर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की हुई है जिस पर आगामी 2 फरवरी को सुनवाई भी होनी है। उद्यमियों को आशा है कि उच्च न्यायालय उनकी परेशानियों को समझते हुए उनके पक्ष में अवश्य ही निर्णय देगा।

उद्यमी न्यायालय के आदेश का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार भी कर रहे  हैं। उधर श्रम विभाग ने इस कानून को लागू कराने के लिए अलग से बेवसाईट भी जारी कर दी है। इस बेवसाईट पर सभी निजी कंपनियों, उद्योगों, सोसायटी व ट्रस्ट को अपने यहां कुल पदों और कुल पदों पर कार्यरत व अन्य स्टाफ का भी पूरा विवरण अपलोड करना होगा। श्रम विभाग का कहना है कि विवरण अपलोड करने में किसी तरह की कोई दिक्कत उद्यमियों को नहीं आएगी। इसके लिए विभाग ने 3 माह का समय भी दिया है।

जानकारों का कहना है कि यदि किसी भी कंपनी में स्टाफ की आवश्यकता है और वह इसके लिए विज्ञापन जारी करती है तो इसमें 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं को अनिवार्य रुप से देनी होगी। हालांकि 30 हजार से अधिक वेतन वाली नौकरियों पर यह कानून लागू नहीं होगा और साथ ही ईंट-भट्टों पर भी ये नियम लागू नहीं होगा। जानकारों का यह भी कहना है कि आने वाले समय में प्रदेश में जितने भी नए उद्योग लगेंगे, उन सभी पर यह कानून पहले दिन से ही लागू हो जाएगा।

पुरानी कंपनियों में वर्तमान में कार्यरत स्टाफ के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ इस कानून को लेकर नहीं की जाएगी। नए स्टाफ की जरुरत की सूरत में ही यह कानून निजी कंपनियों व उद्योगों पर लागू हो सकेगा। जानकारों का यह भी कहना है कि सभी निजी कंपनियों को हर 3 माह में अपने यहां कार्यरत स्टाफ का पूरा ब्यौरा बेवसाईट पर अपलोड करना होगा।

उनको यह भी बताना होगा कि कार्यरत स्टाफ में मूलरुप से हरियाणा के कितने और अन्य राज्यों के कितने कर्मचारी कार्यरत हैं। हरियाणा मूल के कर्मचारियों के रिहायशी प्रमाण पत्र भी बेवसाईट पर अपलोड करने होंगे।

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