-सर्दियों में यह हाल तो गर्मियों में कैसी होगी स्थिति ?
-लोगों की दिनचर्या हो रही है बुरी तरह प्रभावित
-जे ई एसडीओ स्तर के अधिकारी नहीं उठाते हैं फोन
-एक्शन और एस ई रहते हैं बैठक में व्यस्त
गुडग़ांव, 16 जनवरी : हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड पड़ रही है। समाज का हर वर्ग इससे प्रभावित होता हुआ दिखाई दे रहा है। सबसे अधिक परेशानियां बेसहारा और असहाय लोगों को पेश आ रही हैं। इस ठंड के मौसम में भी पिछले एक पखवाड़े से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती चल रही है। पुराना गुडग़ांव क्षेत्र इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित है। हालांकि नए गुडग़ांव के विभिन्न क्षेत्रों में भी लोगों को बिजली की अघोषित कटौती का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतों का निपटारा नहीं होता और एस एम् एस भेज दिया जाता है कि आपकी समस्या हल कर दी गई. यह खेल बिजली की आँख मिचौनी की तरह डी एच विवि एन की ओर से लगातार गुरुग्राम के लोगों के साथ चल रहा है. शिकायत केंद्र की व्यवस्था खामियों की शिकार है और लोग बेहद परेशान हैं.
गुरुग्राम के पुराने क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पिछले 2 माह से भी अधिक समय से बदतर हो चली है .एक तरफ लोगों को अघोषित बिजली कट का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ अधिकतर कालोनियों में वर्षों पुराने ट्रांसफार्मर की तकनीकी खराबी का खामियाजा भुगतना पड़ता है. इस मामले में न्यू कॉलोनी. पटेल नगर. भीम नगर. भीमगढ़ खेरी. लक्ष्मण विहार. अर्जुन नगर और पटौदी रोड के किनारे बसी कालोनियां, ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, अशोक विहार, शीतला कॉलोनी, रेलवे स्टेशन के आसपास, राजेंद्र पार्क, सूरत नगर, विष्णु गार्डन, आनंद गार्डन एवं न्यू पालम विहार सहित लगभग सभी कालोनियों के लोग बेहद परेशान हैं।
राजेंद्र पार्क इलाके के निवासी समाजसेवी भ्रतपाल यादव का कहना है कि वह शिकायतें करते थक जाते हैं लेकिन जेई से लेकर एक्शन तक कोई सुनने वाला नहीं . ऑनलाइन और व्हाट्सएप से शिकायतें करने के बाद थोड़ी ही देर में शिकायत का निवारण करने संबंधित संदेश आ जाता है जबकि समस्या पूर्ववत बनी रहती है. यह रोज की गतिविधि हो गई है . दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण निगम के कंजूमर कंप्लेंट कॉल सेंटर का भी यही हाल है।
सूरत नगर निवासी मुकेश सिंगला का कहना है कि इलाके के लाइनमैन फोन बंद कर बैठ जाते हैं जबकि जेई और एसडीओ दर्जनों बार फोन करने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं देते हैं . अगर उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस किया जाता है तब भी हालत पूर्ववत रहती है। आम आदमी बड़े अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाता है. इसलिए बिजली आपूर्ति व्यवस्था अनियमित होने के कारण लोग परेशान हैं .एक तरफ कोविड-19 संक्रमण से लोग त्रस्त हैं तो दूसरी तरफ भीषण सर्दी के दौरान बिजली आपूर्ति लगातार बाधित रहना. दोहरी मार झेलने को लोग मजबूर हैं।
छोटे व्यवसाई हों या फिर मध्यम दर्जे के उद्यमी सभी बिजली की अघोषित कट से परेशान हैं . व्यवसाय बाधित तो उद्योग उत्पादन में गिरावट. दूसरी तरफ सरकार गुरुग्राम में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आपूर्ति व्यवस्था को दूसरे शहरों की अपेक्षा अधिक मजबूत और स्मार्ट होने का दावा ठोक रही है. बिजली मंत्री गुरुग्राम जैसे शहर में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के दावे लगातार कर रहे हैं और अधिकारी उनके इस दावे को धूल चटाने की कोशिश। जाहिर है बदहाल बिजली आपूर्ति व्यवस्था से आम जनता में भी प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है. लोग यह मानने लगे हैं कि सरकार की विभाग के अधिकारियों पर पकड़ बेहद ढीली है।
भुक्तभोगियों का कहना है कि बिजली के आने व जाने का कोई समय नहीं है। यदि बिजली एक बार चली जाए तो 3-4 घंटे से पहले नहीं आती। शहर के विभिन्न क्षेत्रों शीतला रोड, सैक्टर 4, 5, 6, 12, 15, 34, 52, बजीराबाद, झाड़सा क्षेत्र स्थित कई कालोनियों में बिजली कटौती का
सामना सर्दी के इस मौसम में लोगों को करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि ऐसा कोई भी दिन नहीं है, जिस दिन 3-4 घंटे बिजली जाती न हो।
बिजली निगम के शिकायत केंद्र फोन लगाता है तो पहली बात तो कोई फोन उठाता नहीं। यदि फोन उठा भी लिया जाता है तो जबाव मिलता है कि रखरखाव का कार्य चल रहा है। बिजली की अघोषित कटौती से लोगों की दिनचर्या प्रभावित होकर रह गई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सर्दी में भी बिजली के अधिक लोड बनाने का बिजली निगम का बहाना कोई समझ नहीं आता। यदि सर्दियों में यह हाल है तो गर्मियों में क्या होगा, इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।
जबकि प्रदेश के बिजली मंत्री निर्विघ्र बिजली आपूर्ति प्रदेश में दिए जाने के दावे करते रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते अधिकांश लोगों को
अपना कार्य घर से ही करना पड़ रहा है। ऐसे में बिजली की आपूर्ति न होने के कारण उनका वर्क फ्रॉम होम प्रभावित होता है। शिकायतें करने के बावजूद भी समस्या का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है।