ट्विटर के नये सीईओ पराग अग्रवाल की प्रत्येक नौकरी में छह माह से एक साल तक का गैप रहा है

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नई दिल्ली :  दुनिया में कोई कटना भी बड़ा आदमी हो अब कुछ चीप नहीं सकता जबकि लोग किसी का भी ऑपरेशन करने से नहीं चूकते हैं. ऐसा ही मामला तब देखने को मिला जब पिछले हफ्ते एक भारतीय पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनाया गया .  लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के सीईओ  जैक डोरसी Jack Dorsey ने इस कुर्सी को अचानक खाली कर दिया और उस पर के भारतीय पराग अग्रवाल को ट्विटर का नया सीईओ अपॉइंट किया. भारत ही नहीं पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा हो रही है कि पराग अग्रवाल अपनी प्रत्येक नौकरी छोड़ने के बाद छह माह से एक साल तक का गैप लेता रहा है. यानी नौकरी छूटने की रफ़्तार भी काफी है जबकि घर बठने का अंतराल भी आम लोगों की तरह ही रहा है.  इस बात का खुलासा उनके ट्विटर के सीईओ बनने के कुछ ही समय में लिंक्डइन का एक पोस्ट वायरल होने पर हुआ जिसमें पराग अग्रवाल का बायोडाटा भी  देखा गया.

 

मिडिया में चर्चा जोरों पर है कि पिछले ही हफ्ते, मास्टेक डिजिटल Mastech Digital के रीक्रूटर, निश्चय जैन ने पराग अग्रवाल के बायो डाटा को शेयर किया और उसमें कुछ चौकाने वाले खुलासे किये . पराग अग्रवाल के लिंक्डइन पर बायो डाटा का कलन किया और दी गई जानकारी में उन्होंने पाया कि पराग अग्रवाल कि हर नौकरी के बीच कई महीनों का गैप रहा है.  इस जानकारी को उन्होंने पोस्ट कर दिया . कहना न होगा कि इतनी बड़ी कंपनी के सीईओ बने एक व्यक्ति के लिए यह बहुत अजीब बात है कि उनकी हर नौकरी के बीच एक गैप है जो 6 महीनों से भी ज्यादा का है.

पोस्ट में पाया गया है कि पराग अग्रवाल ने ट्विटर में काम करने से पहले AT&T Labs में काम किया था.  उनकी उस नौकरी को छोड़ने और ट्विटर जॉइन करने के बीच पूरे 12 महीनों यानी एक साल का गैप रहा है . यह स्थिति सिर्फ तब नहीं पैदा हुई है बल्कि अन्य नौकरियों में ऐसा देखने को मिला है. उक्त बायोडाटा के अनुसार पराग अग्रवाल सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी करने के बाद याहू गए तो उसके बीच नौ महीनों का गैप रहा है. फिर याहू से वापस माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन जॉइन करने से पहले फिर आठ महीनों का गैप रहा है . वहां से जब वह AT&T Labs गए तो फिर आठ महीनों का गैप रहा .

उनके बायोडाटा को शेयर करने वाले निश्चय जैन ने इस बात को सबसे सामने रखा कि अगर ट्विटर ने इस गैप के चलते पराग अग्रवाल को नौकरी नहीं दी होती तो आज 10 साल बाद उन्हें अपना इतना काबिल सीईओ नहीं मिलता. ऐसा कहने के बाद निश्चय ने आज के रीक्रूटर्स से यह सवाल भी किया है जो लोगों के सीवी में गैप देखकर उन्हें नौकरी नहीं देते हैं वह शायद बड़ी भूल करते हैं.  दूसरी तरफ यह सन्देश है कि गैप के बावजूद नौकरी नौकरी मिल सकती है .

उल्लेखनीय है कि पराग अग्रवाल 29 नवंबर से वो ट्विटर के नये सीईओ हैं. पराग IIT-Bombay के छात्र रहे हैं और भारतीय हैं.

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