लोक सभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना मामले में सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये

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सुभाष चौधरी

नई दिल्ली :  लोकसभा में कोविड-19 से उत्पन्न हालात पर हो रही नियम 193 के तहत चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की भयावहता की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. चर्चा का आरंभ करते हुए कांग्रेस नेता ने एक तरफ सदन में सत्ता पक्ष के सांसदों की संख्या बेहद कम होने की ओर इशारा करते हुए इस विषय पर सरकार की बेरुखी को दर्शाने की कोशिश की जबकि इस नए वेरिएंट को लेकर ग्लोबल इंपैक्ट क्या होगा सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कोविड-19 के नए वेरिएंट का संक्रमण बेहद तेज गति से फैलने की आशंका जताते हुए कहा कि इसका आर ओ वैल्यू 0.2 है जिससे इससे होने वाले खतरे की प्रबल आशंका है. उन्होंने दावा किया कि विशेषज्ञ इस वेरिएंट को अब तक का सबसे खतरनाक बता रहे हैं।

श्री चौधरी ने स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में प्रथम और द्वितीय वेव का आकलन बताता है कि वहां डेल्टा और उससे पहले कोविड-19 के वायरस का असर कम था लेकिन इस बार नए वेरिएंट ओमीक्रोन का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए पूछा कि क्या इस बार भी सरकार कोताही बरतेगी या फिर समय रहते ही उचित कदम उठाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार समय रहते आवश्यक एहतियाती कदम नहीं उठाने के कारण देश को भारी जनहानि और धन हानि हुई। उन्होंने कहा कि अगर सही समय पर कदम उठाए गए होते तो देश में इतनी मौतें नहीं होती।

विपक्ष के नेता ने वेलोर के एक वायरोलॉजिस्ट जैकब जॉन द्वारा किए गए दावे की चर्चा करते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ ने 24 नवंबर को ही साउथ अफ्रीका में कोविड-19 के नए वेरिएंट के सामने आने की जानकारी दी है जिसे खतरनाक बताया गया है। उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका,  यू के, ब्राजील, जर्मनी, डेनमार्क और इजराइल जैसे देशों में इस नए वेरिएंट का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रियों की जांच 26 नवंबर से ही शुरु कर देनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने इसमें भी देरी की।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आशंका व्यक्त की कि अगर समय पर उचित कदम इस बार भी नहीं उठाया गया तो हमें दोबारा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस नए वेरिएंट से लड़ने के लिए देशवासियों को बूस्टर डोज देना भी जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया यह कहती है कि भारत बेहतर आविष्कारक नहीं है बल्कि बेहतर व्यापारी है क्योंकि केंद्र सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहद कम निवेश कर रही है।

अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के सामने सवाल रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार केबल वाहवाही लूटने की होड़ में लगी हुई है. ताजा स्थिति देश के सामने उन्हें रखनी चाहिए. वर्तमान में हालात क्या हैं सरकार को सदन में बताना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अब तक केवल 94 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगी है जबकि देश के 30% लोगों को ही दूसरी डोज लग पाई है। उन्होंने दावा किया कि पड़ोस के देश श्रीलंका, भूटान, चाइना, यूएई, यहां तक कि मेक्सिको और  यूके जैसे देशों में भारत से कई गुना अधिक लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है. उन्होंने सरकार से कहा कि हम कहां हैं यह विश्लेषण करने की जरूरत है . हमारा देश क्या कदम उठा रहा है यह ढिंढोरा पीटने की बजाय सदन में रखना होगा।

विपक्षी नेता ने देश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम के प्रति दिन के तुलनात्मक आंकड़े रखते हुए कहा कि सरकार के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। उन्होंने यह कहते हुए याद दिलाया कि सरकार ने यह दावा किया था कि दिसंबर 20 21 तक पूरे देश को वैक्सीनेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा लेकिन वर्तमान हालात से तो स्थिति चिंताजनक लगती है।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति को नरसंहार की संज्ञा दी थी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आलोचना की थी लेकिन सरकार वाहवाही लूटने में लगी हुई है। उन्होंने सरकार से वर्तमान परिस्थिति में देश के सामने कोविड 19 के नए वेरिएंट से उत्पन्न होने वाली स्थिति को लेकर रोड मैप रखने की जोरदार मांग की।

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