लोक सभा में टीएमसी सांसद डॉक्टर काकोली घोष ने सरकार के सामने सवालों की झरी लगा दी

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सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली :   लोक सभा में  देश में कोरोना से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा में भाग लेते हुए टीएमसी सांसद डॉक्टर काकोली घोष दस्तीदार ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि दुनिया के वायरलोजिस्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 65 से अधिक उम्र वाले लोगों को बूस्टर डोज देने की जरूरत है लेकिन हमारे देश में बूस्टर डोज की व्यवस्था कहां है ? केंद्र सरकार इस पर क्यों नहीं सोच रही है ?  उन्होंने कहा कि इस पर और अधिक संवेदनशील निर्णय लेने की आवश्यकता है.

पेशे से डॉक्टर टी एम् सी सांसद काकोली ने कहा कि (आई ए एस ) इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव  सर्विस की तरह हमें इंडियन मेडिकल सर्विस को क्यों नहीं शुरू करना चाहिए , जिससे कि इस क्षेत्र के विशेषज्ञ इस हालात में मैनेज कर सकें.  उन्होंने कहा कि  कोविड 19  का संक्रमण फ़ैल नहीं रहा बल्कि म्यूटेट कर रहा है।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने अब इस नए वेरिएंट को जोखिम वाला वैरीअंट घोषित किया है. उन्होंने कहा कि हमें डब्ल्यूएचओ की चेतावनी पर ध्यान देते हुए अपने लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी आरंभिक स्थिति में इस नये ओमिक्रोन वैरीअंट के लक्षण और इससे होने वाले नुकसान का भी आकलन सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को पहले कोविड-19 का संक्रमण हो चुका है यह जरूरी नहीं कि उन्हें इस वायरस का संक्रमण नहीं होगा , उन्हें भी हो सकता है। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि केंद्र सरकार अपने देश के लोगों को अधिक से अधिक लोगों को टीके लगाने पर बल देने की बजाय वैक्सीन को एक्सपोर्ट कर रही है. यह सरकार यह क्यों कदम उठा रही है यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि हमें टीके की दूसरी डोज की अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाने की जरूरत है जबकि बूस्टर डोज भी देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हम यह सरकार से जानना चाहते हैं कि कई कंपनियां कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए अपने पास दवाई होने का दावा कर रही हैं क्या यह सही है ? अगर सही है तो क्या हमारे देश के पास इस प्रकार के ड्रग्स की पर्याप्त व्यवस्था है यह सरकार को सदन को बताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी का एकमात्र इलाज है वैक्सीन. इसलिए हमें वैक्सीन पर ही बल देना चाहिए. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि पीएम केयर्स फंड से दिए गए वेंटिलेटर और दूसरे उपकरण में किस तरह से विफल साबित हुए हैं यह भी हमने देखा है। उन्होंने कहा कि यह सदन सरकार से यह जानना चाहती है कि इस नए वेरिएंट को लेकर सरकार के पास क्या योजना है,  क्या रणनीति है ? अंतरराष्ट्रीय उड़ान के संबंध में सरकार ने क्या निर्णय लिया है ? क्या फिर लॉक डाउन की ओर सरकार आगे बढ़ेगी क्योंकि इससे अधिक असुविधा पैदा होगी।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी के इलाज के लिए हमारे पास दवाई की क्या व्यवस्था है ? ड्रग्स का क्या स्टॉक है ? वेंटिलेशन की क्या स्थिति है ? आईसीयू की क्या व्यवस्था है और अगर देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आती है तो इसको लेकर सरकार के पास क्या तैयारी है ? इसका खुलासा सरकार को सदन के सामने करना चाहिए।

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