जीवन का हर क्षण प्रभु को समर्पित करें : माता सविन्दर

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निरंकारी सदगुरु माता सविन्दर हरदेव जी का नव वर्ष संदेश

 

नई दिल्ली : नव वर्ष को वास्तव में आनंद मय बनाने का एकमात्र रास्ता है कि हम अपने जीवन का हर क्षण  निरंकार प्रभु को समर्पित होकर बिताएं। संत-महात्माओं के बताये हुए मार्ग पर चल कर ही हम अपनी और अपने आस-पास रहने वालों की जिंदगी बेहतर और खुश नुमा बना सकते हैं।

ये उद्गार गत् रात्री निरंकारी सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने अपने नव वर्ष संदेश में प्रकट किये। इस संदेश को सन्त निरंकारी मिशन की वेबसाइट पर नववर्ष 2017 के आगमन पर अपलोड किया गया।

सद्गुरु माता जी ने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के शब्दों को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने सदैव यही चाहा कि सभी मानव, एक मानव परिवार के सदस्य बनकर एक दूसरे के काम आयें। उन्होंने कहा कि बाबा जी का प्यार, मिल वर्तन, शान्ति और एकत्व का संदेश हम सब के जीवन और व्यवहारों से झलकना चाहिए। सद्गुरु माता जी ने निरंकारी राजमाता कुलवन्त कौर जी को भी उनके जन्म दिवस (31 दिसम्बर) पर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि निरंकारी राजमाता जी का जीवन सद्गुरु और मानवता को समर्पित था, जो सभी के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

सद्गुरु माताजी के शब्द थेः-

“साध संगत जी, आज से एक नये साल की शुरूआत हो रही है। एक ओर जहाँ सारी दुनिया में लोग एक दूसरे को मुबारकबाद दे रहे हैं वहीं साथ ही ये उम्मीद भी कर रहे हैं कि आने वाला साल अच्छा बीते। निराकार ही वास्तव में आनंद का स्रोत है और नये साल को आनंदमय बनाने का एक मात्र रास्ता यही है कि हर एक पल निराकार को समर्पित होकर बिताया जाये। संत महात्माओं के बताये हुये मार्ग पर चल कर ही हम अपनी और अपने आस-पास रहने वालों की जिंदगी बेहतर और खुशनुमा बना सकते हैं।

एक बार बाबाजी ने कहा था,श्डंलूमंसस इम जीमतम वित वदम दवजीमतें मिससवू उम उम इमते विनउंदपजलश् हमआजनयेसाल के इस अवसर पर ये प्रण करें कि अपने जीवन को बाबा जी के विचारों और शिक्षाओं के अनुसार जियेंगे। प्यार, मिल वर्तन, शांति और एकत्व काजो संदेश बाबा जी हमेशा देते रहे वो हमारे जीवन और व्यवहारों से प्रकट होता कि हम बाबा जी की शिक्षाओं को सम्पूर्ण मानव जाति तक  पहुँचा सकें।

आज  राज माता जी का जन्म दिन भी है। हम सभी जानते हैं कि उनकी जिंदगी सभी के लिये प्रेरणास्रोत रही है। उन्होंने एक ऐसी जिंदगी जी जो सद्गुरु को समर्पित होने के साथ-साथ मानवता के लिये भी कल्याणकारी रही। राजमाताजी का जीवन आज भी हम सब के लिये एक मिसाल है। हम सभी उनके दिव्य गुणों को जीवन का आधार बनाकर उनके जीवन से प्रेरणा लेते रहें।

अंत में निरंकार प्रभु से यही प्रार्थना है इस नये साल में जहाँ सभी दया, करुणा, प्रेम जैसे दिव्य गुणों से युक्त हों वही स्वस्थ और सुखी जीवन व्ययतीत करें।”

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