गुरुग्राम विवि में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन : डेटा प्रविष्टि की महत्ता पर विस्तार से हुई चर्चा

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गुरुग्राम,26 नवंबर : गुरुग्राम विश्वविद्यालय परिसर सेक्टर 51, गुरुग्राम में अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण,प्रकोष्ठ और गुरुग्राम  विश्वविद्यालय ने मिलकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें हरियाणा के 8 जिलों से आए विभिन्न शिक्षण संस्थानों के नोडल अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षक व छात्रों  ने हिस्सा लिया।आज के कार्यशाला में डेटा प्रविष्टि की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की गई।कार्यशाला को दो सत्रों में विभाजित किया गया था जिसमे प्रथम सत्र “सर्वेक्षण, डाटा प्रविष्टि” एवं द्वितीय सत्र “सामान्य त्रुटियाँ एवं समाधान” विषय पर केन्द्रित था।

कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि डॉ. बृजपाल (नोडल अधिकारी ,अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण,प्रकोष्ठ ) ने कहा कि भारत की मानव संसाधन क्षमता को पूर्ण रूप से समानता और समावेशिता के साथ उच्चतर शिक्षा क्षेत्र में लगाना चाहिए। आज विकसित राष्ट्रों के आर्थिक और तकनीकी विकास के पीछे उनके शोध का मजबूत आधार देखा जा सकता है।किसी भी सर्वेक्षण में आंकड़ों का अत्यधिक महत्व होता है।अगर टारगेट किए गए क्षेत्र के लिए डेटा उपलब्ध है और सर्वे के जवाब देने वालों का डेटा, हमारे ज़मीनी डेटा से बहुत अलग नहीं है, तो आप सर्वे के सही नतीजों पर पहुँच सकते हैं।

इस अवसर पर गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मार्कण्डेय आहूजा जी ने कहा कि शिक्षा मनुष्य को चरित्रवान और विचारवान बनाने के साथ-साथ उसमें नैतिकता,समाज और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का बोध कराती है।उच्च शिक्षा के क्षेत्र में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमने काफी प्रगति की है। लेकिन अगर  उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और उसकी व्यावहारिकता पर विचार किया जाए तो अभी काफी कुछ करना बाकी  है।हमें उच्च शिक्षा की व्यवस्था में ऐसे बुनियादी बदलाव लाने की जरूरत है जिससे शिक्षा का सही उपयोग देश के आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में प्रभावी ढंग से  कर सके।किसी भी विश्वविद्यालय  के तीन आधार स्तंभ होते हैं,-शिक्षक,शिक्षार्थी और पाठ्यक्रम।इन्ही पर   संस्थान की सफलता और विफलता निर्भर करती है।डॉ. आहूजा ने आगे कहा कि हम शिक्षा के माध्यम से केवल तकनीकी ज्ञान और कौशल सिखाकर आपको सिर्फ एक पैसा कमाने वाले रोबोट की तरह नहीं बनाना चाहते बल्कि हमें अपने राष्ट्र की प्रगति के लिए हर विशेषता से परिपूर्ण, संस्कारित स्वस्थ नागरिकों की आवश्यकता है ।

इस अवसर पर प्रो. एम. एस. तुरान जी,प्रो.बदरुद्दीन जी ,डॉ.अमन वशिष्ठ जी, डॉ.अशोक खन्ना,डॉ. राकेश कुमार योगी जी, डॉ.नवीन गोयल ,डॉ. सुमन वशिष्ठ ,डॉ.वंदना हांडा,डॉ.एकता ,डॉ.सीमा महलावत , डॉ.नीलम वशिष्ठ ,डॉ.फलक खन्ना,डॉ, वंदना जी,डॉ. शुभम गांधी मौजूद रहे।

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