यूनुस अलवी
मेवात: वर्ष 2016, मेवात के इतिहास में बीफ बिरयानी, डींगरहेडी के डबल मर्डर, डबल गैंग रेप और ठंड के मौसम में प्रशासन द्वारा पंचायत कि जमीन से गांव टूंडलाका से हटाये गये करीब 80 परिवारों के लिये जाना जाऐगा। ये तीनों मसले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रय स्तर पर काफी समय तक चर्चा में बने रहे। ये तीनों मसले इस वजह से भी जाने जाऐगें कि ये सीधे आम जनता से जुडे मसले थे तथा इन पर खूब जमकर राजनीति भी हुई। भले ही अब ये मसले ठंडे पडते नजर आ रहे हों लेकिन सरकार, प्रशासन, राजनेता और आम जनता कि नजर इनके फैंसलों पर हमेशा टिकी रहेंगीं।
24-25 अगस्त 2016 की रात्री
गत 24-25 अगस्त कि रात्री तावडू खंड के गांव डींगरहेडी में कुछ अज्ञात बदमाशों ने एक परिवार के दो लोगों कि हत्या, एक नाबालिक सहित दो लडकियों के साथ गैंग रेप कर कई लोगो को घायल कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने काफी लापरवाही कि जिसकी वजह से डींगरहेडी का मामला राजनेतिक रंग ले गया। जिसपर कई महापंचायें हुई। पुलिस ने अन्न-फन्न में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया। लेकिन चारों आरोरियों कि गिरफ्तारी से दूसरा पक्ष नाराज हो गया जहां उनको निर्दोश बताते हुऐ उनकी रिहाई के लिये कई पंचायते की गई। आरोपियों कि गिरफ्तारी, मामले को सीबीआई को सौंपने, दौषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई के लिये 20 सितंबर को मेवात के हजारों युवाओं ने नूंह में गुरूग्राम-अलवर रोड पर जाम लगा दिया। इस पर पुलिस विभाग ने करीब 300 युवाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। फिलहाल इस मामले कि हरियाणा सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपी है और सीबीआई ने जांच भी शुरू कर दी है। जिसकी वजह से अब ये मामला शांत सा हो गया है और लोग इसके नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।
5 सितंबर 2016
5 सितंबर को हरियाणा गौसेवा आयोग के चैयरमेन भानी राम मंगला और काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स की इंचार्ज एंव डीआईजी भारती आरोडा ने नूंह में पुलिस कप्तान के कार्यालय में प्रैसवार्ता के दौरान मेवात की सडकों पर बिकने वाली बिरयानी में बीफ ढूंडने के लिये मेवात के फिरोजपुर झिरका में बिरयानी के लिये गये करीब 10 सैंपल लेकर उनकी जांच कराने कि बात कह कर इलाके में सनसनी फैला दी थी। ये मामला गत वर्ष इतना तूल पकडा कि प्रदेश के डीजीपी ने नंूंह में एक बेठक कर लोगों को शांति बनाये रखने तक की अपील की थी। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर द्वारा बीफ और हींडरहेडी मामले को मामूली घटना करार देकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी। मेवात की सडकों पर बिकने वाली बिरयानी में बीफ ढूंडने की वजह से कई हजार लोगों ने बिरयानी बनाना ही छोड दिया था। काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स द्वारा लिये गये बिरयानी के सैंपलों को आखिकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गलत बताते हुऐ गोसेवा आयोग के चैयरमेन को जमकर फटकार लगानी पडी तथा जांच के लिये प्रयोगशाला भेजे जाने के बावजूद उनका परिणाम को दबा दिया गया जिसकी वजह से ये मामला शांत हो सका लेकिन मेवात कि बिरयानी में बीफ ढूंडने का मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा पर विषय बना रहा।
18 दिसंबर 2016
बिरयानी में बीफ ढूंडने और डींगरहेडी के डबल मर्डर-डबल गैंग रेप मामले बाद मेवात प्रशासन द्वारा साल के अंत में 18 दिसंबर को पुन्हाना खण्ड के गांव टूंडलाका में पंचायत कि जमीन पर बसे करीब 80 परिवारों के कब्जे हटाने को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। अब ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले को मोहम्मद अरशद ऐडवोकेट ने प्रसाशन द्वारा 80 परिवारों के मकानों को तोडने के बाद उनका पुर्णवास ना किये जाने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग कि गई है कि प्रशासन द्वारा तोडे गये पक्के मकानों का मुआवजा दे और जो बेघर लोग हटाये गये हैं उनको प्लाट देकर बसाया जाये।
—