सुभाष चौधरी
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश को मंज़ूरी दी. TATA SONS’ SPV – TALACE PVT LTD ने एयर इंडिया के लिए बोली जीती. यह जानकारी केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजिव बंसल ने आज यहाँ आयोजित प्रेस वार्ता में दी. इस अवसर पर लोक संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कान्त पांडे भी मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि करीब दो दशकों से भारत सरकार एयर इंडिया के निजीकरण की कोशिश कर रही थी। इस दौरान केंद्र में कई सरकारें आई, मगर इस दिशा में प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। अब आखिरकार कर्ज से जूझ रही एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया को पूरी करने में सरकार की कोशिश कामयाब हो गई।
पत्रकार वार्ता में श्री बंसल ने बताया की केंद्र सरकार ने ₹18000 करोड़ के उद्यम मूल्य पर एयर इंडिया के विनिवेश के लिए मेसर्स टाटा संस के एसपीवी (मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड) की विनिंग बिड को मंज़ूरी दे दी है.
उन्होंने बताया कि ₹14,718 करोड़ के बुक वैल्यू वाली भूमि और इमारतों सहित गैर-प्रमुख संपत्तियां अधिग्रहणकर्ता को नहीं सौंपी जाएगी, बल्कि ये भारत सरकार की एयर इंडियन @airindiain एसेट होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) को हस्तांतरित की जाएगी.
निवेश एवं लोक संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग सचिव तुहिन कान्त पांडे ने बताया कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपये की सफल बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी नकद भुगतान शामिल है.
प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु :
–टाटा संस की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड एयर इंडिया में भारत सरकार की इक्विटी शेयर होल्डिंग की बिक्री के लिए सफल बिडर रही.
-एक साल तक किसी को हटाया नहीं जाएगा, यदि एक वर्ष के बाद उन्हें हटाया जाना है, तो उन्हें वीआरएस की पेशकश की जाएगी.
-कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
– आशय पत्र (एलओआई) जारी किया जाएगा और सफल बोलीदाता के साथ शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
-विनियामक और अन्य अनुमोदनों के बाद संपादन दिसंबर 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है.
-@airindiain के ब्रान्ड्स में आठ लोगो हैं जो नए बोलीदाता को सौंपे जाएंगे और पांच साल की अवधि के लिए स्थानांतरित नहीं किए जा सकते।
-5 साल की अवधि के बाद भी, इसे किसी विदेशी संस्था में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.
-@airindiain के ब्रांडों में जो आठ लोगो हैं उन्हें नए बोली लगाने वालों को सौंपा जाएंगा, 5 साल की अवधि के बाद भी, इसे किसी भी विदेशी संस्था में ट्रान्सफर नहीं जा सकेगा.
सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के एवज में टाटा से 2,700 करोड़ रुपये नकद मिलेंगे.