विधान सभा चुनाव के लिए सपा के 325 प्रत्याशियों की सूचि जारी
अखिलेश के कई करीबी मंत्रियों के टिकट कटे
अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के लिए अंततः समाजवादी पार्टी ने एकला चलो की नीति अपनाते हुए बुधवार को 325 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. इस सूचि का सहारे उन्होंने कई सन्देश देने की कोशिश की है. एक तरफ उन्होंने अपने बेटे व प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कई करीबी मंत्रियों के टिकट काट दिये हैं जबकि कई नाम ऐसी भी हैं जिनका अखिलेश ने विरोध किया था. दूसरी तरफ कांग्रेस या अन्य दलों के साथ गठबंधन के कयासों पर विराम लगा दिया.
सूची जारी करते हुए मुलायम सिंह ने दावा किया कि बहुत सोच विचार कर उम्मीदवारों का चयन किया गया है. उनके अनुसार बाकी बचे अन्य 78 सीटों पर अभी फैसला नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि जिनको टिकट नहीं मिला, उन्हें सम्मान दिया जायेगा. गौरतलब है कि इस सूचि में 176 सिटिंग विधायकों के नाम शामिल हैं. माना जा रहा है कि जिन सीटों पर सर्वे हुआ उन्हीं सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है. 78 सीटों पर सर्वे नहीं हो पाया है.
सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी का किसी भी अन्य पार्टी से चुनावी गठबंधन नहीं होगा. हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी.
उल्लेखनीय है की पिछले कई माह से कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के साथ गठबंधन की कोशिशों की चर्चा चल रही थी लेकिन आज सूचि जारी करते हुए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और उत्तर प्रदेश विधानसभा की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और अब भी कह रहा हूं कि सपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि सपा प्रदेश विधानसभा की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अभी 325 उम्मीदवारों की सूची जारी की गयी है, बाकी 78 सीटों के लिये सर्वे का काम पूरा होते ही उन पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिये जाएंगे.
हालांकि, यह दिलचस्प है कि कांग्रेस से चुनावी तालमेल के तहत सपा द्वारा उसे 78 सीटें ही देने के कयास लगाये जा रहे थे. मालूम हो कि सपा के कांग्रेस और रालोद से गठबंधन की सम्भावनाओं को लेकर अटकलें एक बार फिर जोरों पर हैं। हाल में दिल्ली में इन दलों के नेताओं की बैठक के बाद चर्चाओं ने फिर से जोर पकड़ लिया था. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बार-बार कह रहे हैं कि वैसे तो सपा एक बार फिर बहुमत की सरकार बनाएगी लेकिन अगर कांग्रेस से गठबंधन हो जाए तो 300 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि मुलायम ने सपा के उम्मीदवारों की जो सूची घोषित की, उसमें 176 वे सीटें हैं जिन पर मौजूदा समय में सपा के विधायक हैं जबकि 149 वे सीटें हैं जिन पर सपा के विधायक नहीं हैं. बाकी 78 सीटों पर ‘सर्वे पूरा ना होने’ के कारण उम्मीदवार तय नहीं किये जा सके हैं।
गौरतलब है किइस सूची में अखिलेश के करीबी मंत्रियों रामगोविन्द चौधरी (बांसडीह), पवन पाण्डेय (अयोध्या) और अरविन्द सिंह गोप (रामनगर) के नाम नहीं हैं. हालांकि सूचि में माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्ला अंसारी के नाम शामिल हैं, जिनके नाम पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आपत्ति थी. सीतापुर के बिसवां से रामपाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है. अखिलेश ने प्रदेश अध्यक्ष रहते रामपाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने परसों उनका निष्कासन रद्द कर दिया.
यह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिये झटका है, जिन्होंने पिछले दिनों सपा मुखिया को 403 उम्मीदवारों की अपनी सूची दी थी. बताया जाता है कि उसमें अतीक अहमद, सिबगतउल्ला अंसारी, मंत्री गायत्री प्रजापति और बर्खास्त मंत्री नारद राय के नाम नहीं थे. आज जारी सूची में इन सभी के नाम हैं. हालांकि, मुलायम ने दावा किया कि टिकट को लेकर पार्टी में कहीं कोई विवाद नहीं है.
सपा मुखिया ने कहा कि प्रदेश विधानसभा की 403 विधानसभा सीटों के लिये कुल 4200 इच्छुक लोगों ने आवेदन किया था. सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने हर उम्मीदवार से अलग-अलग बात की और सर्वेक्षण कराया, जिसके बाद काफी सोच-समझकर जिताउ उम्मीदवारों की यह सूची तय की गयी है. अब इसमें कोई रद्दोबदल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जो इच्छुक लोग टिकट नहीं पा सके हैं, वे निराश ना हों. भविष्य में उन्हें कहीं ना कहीं ‘सम्मानित’ किया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि आज जारी सूची में अखिलेश की पेशकश वाले कितने उम्मीदवार शामिल हैं, मुलायम ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के साथ-साथ कई नेताओं ने अपनी-अपनी सूची दी थी, उन सभी में से उम्मीदवारों को ‘एडजस्ट’ किया गया है. अखिलेश को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश किये जाने की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर मुलायम ने कहा कि सपा में ऐसी कोई परम्परा नहीं है. दूसरी कुछ पार्टियों में ऐसा रिवाज है, इसलिये वे धराशायी हो जाती हैं. सपा में मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल करता है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अखिलेश जहां से चाहें चुनाव लड़ सकते हैं.