– राईट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिशनर ने गुरूग्राम में अधिकारियों के साथ की बैठक
– अधिसूचित सेवाएं और योजनाओं का लाभ निर्धारित समय अवधि में आम जनता को देने के निर्देश
– आवेदनों का रिजेक्शन रेट कम और पब्लिक सटिसफैक्शन रेट में सुधार करने पर दिया बल
– प्रबुद्धजनों, आरडब्ल्यूए,निगम पार्षदों तथा एनजीओ के प्रतिनिधियों से मांगे सेवाएं बेहतर करने के सुझाव
गुरूग्राम, 09 सितंबर। हरियाणा के राईट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिशनर टी सी गुप्ता ने आज कहा कि आम जनता के रोजमर्रा के काम समयबद्ध तरीके से लोगों की संतुष्टि के साथ हों, यही राईट टू सर्विस कमीशन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सरकार के 31 विभागों की 546 सेवाएं राईट टू सर्विस एक्ट में नोटिफाइड हैं जिसमें हर सेवा प्रदान करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। सरकारी विभागों के अधिकारियों को उस समय अवधि में ही वे सेवाएं आम जनता को देनी हैं। इस दौरान सभी अधिकारी यह ध्यान रखें कि आवेदनों का रिजेक्शन रेट कम हो और पब्लिक सटिसफैक्शन रेट में सुधार हो। उन्होंने कहा कि राईट टू सर्विस एक्ट मंे नोटिफाइड सेवाओं की समीक्षा के दौरान वे इन दो पहलुओं को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा और नीयत बिल्कुल साफ है कि सभी लोगों को समयबद्ध तरीके से सभी सरकारी सेवाएं उपलब्ध हों।
श्री गुप्ता आज गुरूग्राम में जिला अधिकारियों के अलावा एमिनेंट सिटीजन, एनजीओ, निगम पार्षद, रैजीडेंट वैलफेयर एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों की बैठक में बोल रहे थे। यह बैठक गुरूग्राम के सैक्टर 44 स्थित अपैर्ल हाउस के आॅडिटोरियम में आयोजित की गई थी। इस बैठक में श्री गुप्ता ने बताया कि एक्ट में नोटिफाइड 546 वे सर्विसिज हैं जो लोगों की आम जिंदगी से जुड़ी हुई हैं। इनमंे से 277 सेवाएं अंतोदय सरल पोर्टल के माध्यम से आॅनलाईन दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इन सेवाओं के बारे में जानकारी वैबसाईट https://haryana-rtsc.gov.in पर उपलब्ध है। सेवाओं के साथ स्कीम की जानकारी भी इस वैबसाईट पर दी गई है। उन्होंने कहा कि नोटिफाइड सेवाओं में और सेवाएं जोड़ने या आयोग के साथ अपने सुझाव अथवा शिकायत सांझा करने के लिए [email protected] पर ई-मेल कर सकते हैं।
श्री गुप्ता ने बताया कि आयोग की स्थापना सन् 2014 में हुई थी और पिछले 8 सालों में अब तक आयोग के पास उन आवेदकांे की केवल 7 अपील आई हैं, जिनके आवेदनों पर निर्धारित समय अवधि में काम नही हुआ। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए हमने राईट टू सर्विस कमीशन तथा अधिसूचित सेवाओं के बारे में आम जनता को जागरूक करने तथा अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ सेवाएं निर्धारित समय अवधि में देने को प्रेरित करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में बैठकें रखी हैं। अब तक वे प्रदेश के पांच जिलों में बैठकें कर चुके हैं और गुरूग्राम में यह छठी बैठक है। उन्हांेने स्पष्ट तौर पर कहा कि आयोग प्रो-एक्टिव होकर काम कर रहा है तथा किसी भी अधिकारी द्वारा सेवाएं प्रदान करने में देरी करने पर उसके खिलाफ कार्रवाही करने में नहीं हिचकेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यालय पर वे सभी विभागों के साथ बैठकें कर चुके हैं। इसका नतीजा यह है कि हरियाणा हैड क्वाटर का अंतोदय सरल पोर्टल पर रैंक 23 में से अब दूसरे स्थान पर आ गया है। इसका मतलब है कि मुख्यालय पर काम होना शुरू हो गया है, अब फील्ड में भी अधिकारीगण राईट टू सर्विस एक्ट के अनुसार काम करना शुरू कर दें।
उन्होंने कहा कि सेवाएं प्रदान करने में देरी करने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर 20 हजार रूपए तक जुर्माना करने की शक्तियां प्राप्त हैं, जो उसे अपने वेतन से भरना होगा और जिस भी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन पैनेल्टी लग गई तो आयोग उसे नौकरी से बरखाश्त करने की सरकार से सिफारिश करेगा। यही नहीं, पीडि़त आवेदक को भी आयोग 5 हजार रूप्ए तक का मुआवजा देरी के लिए दे सकता है। इसके साथ श्री गुप्ता ने यह भी कहा कि आयोग के फैसले के खिलाफ अपील उच्च न्यायालय में ही हो सकती है।
श्री गुप्ता ने कहा कि अभी उन्हें चीफ कमीशनर का कार्यभार संभाले तीन महीने भी नहीं हुए हैं और इस थोड़ी सी अवधि में उन्होंने मुख्यमंत्री के हाथों आॅटोमैटिड अपील साॅफटवेयर (आस) की शुरूआत करवाई है जिसमें व्यक्ति के आवेदन पर निर्धारित अवधि में काम नहीं होने पर अपने आप उच्च अधिकारी के पास अपील चली जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी आवेदक का आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है तो ऐसे मामले में अपील अपने आप नहीं जाएगी बल्कि आवेदक इस साॅफटवेयर पर अपनी अपील दायर कर सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि आम जनता को सरकारी विभागों की सेवाएं तय समय में दिलवाने के लिए कमीशन जहां आवश्यकता होगी वहां साॅफटवेयर में बदलाव करवाएगा और प्रोसेस री-इंजीनियरिंग भी करेगा। इस दिशा में काम चल रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एचएसवीपी में बिल्डिंग प्लान अप्रुवल के लिए 30 दिन का समय निर्धारित है जिसे जल्द ही घटाकर 4 दिन का किया जाएगा क्यांेकि अब सेवाएं आॅनलाईन हो गई हैं। बैठक में उपस्थित पार्षदों तथा अन्य व्यक्तियों को अधिसूचित सेवाओं के बारे में समझाते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि शहर में बिजली चली जाए तो चार घंटे मंे उसकी आपूर्ति बहाल होनी चाहिए। इसी प्रकार, कचरा उठाने का समय भी निर्धारित है, यदि शिकायत करने के बाद उस अवधि में कचरा नहीं उठता है और उसकी शिकायत आयोग को आती है तो आयोग चीफ सैनेटरी इंसपैक्टर पर 20 हजार रूप्ए जुर्माना कर सकता है। इसी प्रकार यदि सरकारी स्कीमों जैसे लाडली योजना, मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना आदि का लाभ समय पर नहीं दिए जाने पर भी संबंधित अधिकारी पर पैनेल्टी लगाई जा सकती है।
बैठक में श्री गुप्ता ने लोगों से सुझाव लिए और उनकी अधिसूचित सेवाओं से संबंधित समस्याएं भी सुनी। उन्होंने बताया कि इन सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विभागों की वैबसाईट तथा कार्यालयों के बाहर डिस्पले बोर्ड लगवाए गए हैं।
इस अवसर पर गुरूग्राम के मण्डलायुक्त राजीव रंजन और मेयर मधु आजाद ने भी अपने विचार रखे। गुरूग्राम के नगराधीश सिद्धार्थ दहिया ने अंतोदय सरल पोर्टल के माध्यम से दी जा रही सेवाओं के बारे में विस्तृत पै्रजेंटेशन दी। बैठक में नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की प्रशासक जसप्रीत कौर, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा भी उपस्थित थे।
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