-बिल्डर ने हजारों लोगों से किया वायदा खिलाफी
– आर डब्ल्यू ए का गठन एक साल बाद भी नहीं
-मेंटेनेंस के नाम पर वसूलते हैं लाखों रुपये, सुविधाएं नगण्य
-फ्लैट्स के निर्माण में घटिया समाग्री का उपयोग करने की शिकायत
-प्रशासन को भी भेजी शिकायत लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
सुभाष चौधरी /संपादक
गुरुग्राम : ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी सेक्टर 33 गुरुग्राम – सोहना रोड के रेसिडेंट्स ने रविवार को ब्रीज बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे सोसायटी के लोगों ने ब्रीज बिल्डर्स पर वायदाखिलाफी का आरोप लागाया. उनका कहना था कि बिल्डर ने फ्लैट बेचने के समय जितने वायदे किए थे उनमें से एक भी पूरा होते हुए नहीं दिख रहा है। कई बार उक्त कंपनी के निदेशकों से सोसाइटी की समस्याओं को लेकर बात की गई परंतु उनका कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला ।
लोगों का का कहना था कि उनके पास अब सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. आज प्रशासन के सामने अपनी समस्याओं को उजागर करने के लिए ब्रीज बिल्डर्स प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि गुड़गांव आयुक्त से मेल के माध्यम से हमने अपनी परेशानी साझा की है और समस्याओं के निराकरण की मांग की। हमें कहीं से भी समस्या का हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इसीलिए आज हमने शांति पूर्ण ढंग से ब्रिज बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। उनके अनुसार ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी में 1652 आवासीय फ्लैट्स हैं. इनमें से पिछले एक वर्ष में लगभग 500 फ्लैटों से लोग आये हैं. वर्तमान में यहाँ रहने वाले निवासियों की संख्या लगभग 2000 है।
लगभग 1 वर्ष से फ्लैट खरीददारों और ब्रीज बिल्डर्स प्रबंधन के बीच विवाद जारी :
ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी की निवासी अस्मिता पाठक के अनुसार सोसाइटी के निवासियों ने बृज बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव जैन और रोहतास जांगू से सोसाइटी की समस्याओं और विभिन्न विषयों पर कई बार बैठक की. उनसे किए गए वायदे पर अमल करने की मांग की लेकिन लोगों की मांग को उन्होंने अनसुना कर दिया। बिल्डर्स की मनमानी के कारण यहां के लोग बेहद परेशान हैं। उनके अनुसार लगभग 1 वर्ष से फ्लैट खरीददारों और ब्रीज बिल्डर्स प्रबंधन के बीच विवाद जारी है लेकिन ना तो बिल्डर और ना ही जिला प्रशासन इस विवाद को निपटाने का रुझान दिखा रहा है।
बिजली व्यवस्था के नाम पर प्रति फ्लैट ₹30हजार वसूले
लगभग 9.9 एकड़ के इस अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम टाउनशिप में लगभग 1650 फ्लैट हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां बिल्डर सभी फ्लैट ओनर्स से बिजली आपूर्ति व्यवस्था करने के नाम पर लगभग 4 करोड़ रुपए वसूल चुका है। लोगों का कहना है कि बिल्डर ने बिजली व्यवस्था के नाम पर प्रति फ्लैट ₹30हजार वसूले हैं लेकिन हालात बदतर हैं। बिजली के उपकरण और अन्य सामान इतने घटिया किस्म के लगाए गए हैं कि दिन में गुरुग्राम जैसे शहर में भी यहां रहने वाले परिवारों को 5 से 7 घंटे की बिजली ही नसीब होती है। बिजली के बिना बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं जबकि कोरोना महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम की दृष्टि से घरों से काम करने वाले प्रोफेशनल असुविधा का सामना कर रहे हैं।
आश्चर्यजनक रूप से बिजली विभाग ने यहां के लोगों को लिखित रूप में यह जानकारी दे दी है की ब्रिज बिल्डर की ओर से बिजली आपूर्ति व्यवस्था के नाम पर कितनी रकम खर्च की गई है जो वसूली गई रकम का 25% ही है। यह समझना आसान है कि अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत बड़ी मुश्किल से अपना आशियाना खरीदने वाले लोगों से भी बिल्डर अंधाधुंध कमाई करने में जुटा हुआ है.
अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत 5 साल के लिए मेंटेनेंस की जिम्मेदारी बिल्डर पर :
अगर बात की जाए फ्लैट्स के मेंटेनेंस की तो हरियाणा सरकार के अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम के प्रावधान के तहत अगले 5 साल के लिए मेंटेनेंस की जिम्मेदारी बिल्डर पर होना निर्धारित है. लेकिन इस नाम पर भी ब्रीज बिल्डर्स प्रबंधन अपनी मनमानी पर उतारू है और फ्लैट मालिकों से लाखों उगाही कर रहा है जबकि व्यवस्था निम्न स्तर की है। । मेंटेनेंस का खर्च निकालने के लिए इन्हें अलग से कुछ स्थानों का कमर्शियल उपयोग करने की सुविधा दी गई है लेकिन इन नियमों को दरकिनार कर यहाँ के बिल्डर आम लोगों पर ही यहाँ बोझ भी जबरन डाल रहा है.
10 सदस्यीय एक कमेटी भी नहीं सुनते हैं बिल्डर :
बताया जाता है कि फ्लैट ओनर और ब्रीज बिल्डर्स प्रबंधन के बीच उत्पन्न विवाद को निपटाने के लिए यहां रह रहे निवासियों की 10 सदस्यीय एक कमेटी भी गठित की गई है। इस कमेटी को ब्रिज बिल्डर प्रबंधन ने भी मान्यता दी है लेकिन इनकी बातों पर अमल करने को तैयार नहीं है। ऐसे में यहां के निवासियों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है और सरकारी तंत्र को भी झकझोरने की तैयारी में है। लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर पुलिस कमिश्नर और शहरी विकास विभाग का दरवाजा भी खटखटा ना शुरू कर दिया है।
क्या है ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी के रेसिडेंट्स की मांग :
- मूलभूत सुविधाओं का अभाव : बिजली – प्रतिदिन औसतन 8-14 घंटे की नियमित बिजली आउटेज। इससे ऑनलाइन क्लास, छात्रों की परीक्षा बाधित हो रही है, जिससे निवासियों का वर्क फ्रॉम होम प्रभावित हो रहा है। हमने आधिकारिक तौर पर डीएचबीवीएन/डिस्कॉम के साथ जांच की है। डीएचबीवीएन की ओर से बिजली गुल नहीं हो रही है। यह खराब विद्युत उपकरण और बिल्डर द्वारा स्थापित एचटी केबल की खराब गुणवत्ता के कारण हो रहा है। निवासियों ने अकेले ईडीसी के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है लेकिन इस राशि का 50% भी उपयोग नहीं किया गया है।
2.निवासियों को पीने के पानी में एसटीपी का पानी मिल रहा है. प्रतिदिन उपयोग के लिए नियमित रूप से पानी की कमी है। शिकायत के बाद उन्होंने एसटीपी चालू कर दिया है।
- कब्जे के 1 साल बाद आरडब्ल्यूए शुरू नहीं किया गया है। आरडब्ल्यूए के नाम पर बिल्डर के खाते में पैसे ले रहे हैं।
- बिल्डर द्वारा अक्षम रखरखाव और सुरक्षा टीम तैनात है
- निवासियों पर बिल्डर द्वारा नाजायज रखरखाव शुल्क लगाया गया है
- खराब निर्माण गुणवत्ता और रिसाव की समस्या से भी लोग परेशान हैं
बिल्डर किफायती आवास नीति की खामियों का उठा रहा है फायदा :
प्रदर्शन कर रहे है ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी के रेसिडेंट्स का कहना था कि इस सोसाइटी में लगभग सभी फ़्लैट मालिक निम्न-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग वर्ग से हैं। लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई अपने फ्लैट खरीदने पर खर्च कर दी है और बिल्डर किफायती आवास नीति की खामियों का फायदा उठा रहा है और निवासियों से भारी रखरखाव शुल्क, कब्जा शुल्क, ईडीसी आदि वसूल रहा है। हम इन मुद्दों को बिल्डर के साथ पारस्परिक रूप से हल करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बिल्डर की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि बिल्डर के विरोध में हम इस प्रकार का प्रदर्शन आगे भी करते रहेंगे और डीसी गुडगांव एवं सीएम और पीएम के नाम से ज्ञापन भी सौंपेंगे।
लोगों को धमकाने के लिए बाहर से बाउंसर गुंडे व बदमाशों के रूप में बुलाए :
निवासियों ने यह भी कहा कि वहां पर मेंटेनेंस के नाम पर ₹2000 वसूले जा रहे हैं जबकि इतने पैसे का वहां पर कोई भी ऐसा कार्य नहीं नजर आ रहा है, जिससे निवासियों को लाभ पहुंचा हो। उन्होंने कहा कि सोसाइटी के लिए सिक्योरिटी गार्ड की फैसिलिटी है परंतु वह गार्ड सोते रहते हैं. आज जब हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं तो उसके लिए बाहर से बाउंसर गुंडे व बदमाशों के रूप में बुलाए गए हैं। उनका यहाँ कदम सोसायटी के लोगों को डराने और धमकाने के लिए जिससे हम बिल्डर्स खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठा सकें। यहाँ के लोग मिडिया के सामने अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन बिल्डर के गुंडों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. मीडिया के प्रतिनिधियों को भी सोसाइटी में प्रवेश नहीं करने दिया.
प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन को चेतावनी :
उन्होंने कहा कि आज के प्रदर्शन के माध्यम से हम प्रशासन और सरकार को अपना मैसेज देना चाहते हैं कि हमारे साथ जो नाइंसाफी हो रही है उस पर अंकुश लगाया जाए। यहाँ मौजूद कई बुजुर्ग महिलाओं ने तो यहाँ तक कहा कि अगर यह समस्याएं खत्म नहीं हुई, तो हम बिल्डर के नाम पर सुसाइड नोट छोड़कर मर जाएंगे। कई निवासी इस सोसाइटी की परेशानियों से बहुत ही परेशान हैं और वह अपने यहां के फ्लैट बेच दुबारा से किराए पर जाने को मजबूर हैं। वहां के लोकल निवासियों का यह भी कहना है कि इस बिल्डर के सभी प्रोजेक्टों में यही हाल है।
इस अवसर पर सोसायटी के निवासियों में अस्मिता पाठक, आशीष भारद्वाज, सुधांशु, शेखर, राकेश पांडेय, आशीष अग्रवाल, रोसली, सुमित यादव, नवनीत कुमार , प्रशांत राय, दिनेश जैतपुरिया, रेणु, कल्याणी मुकेश जांगड़ा और विनीत धींगड़ा सहित सैकड़ों निवासी मौजूद थे।