निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

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नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन में पांच राज्यों गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आगामी चुनाव के लिए अग्रिम योजना पर एक समीक्षा बैठक की।

 

प्रारंभिक बैठक में मतदान केंद्रों पर निश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ),  मतदाता सुविधा के लिए पंजीकरण व्यवस्था में आसानी,  मतदाता सूची, शिकायतों का समय पर समाधान, ईवीएम/वीवीपीएटी की व्यवस्था, वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) और विकलांगव्यक्तियों के लिए डाक मतपत्र सुविधा सहित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। साथ ही कोविड नियंत्रण योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और मतदाताओं के बीच व्यापक पहुंच जैसे मुद्दों पर भी यहां चर्चा हुई।

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता चुनाव प्रक्रिया की पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग हो सकती हैं, लेकिन चुनाव योजना में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मतदाता-केंद्रित दृष्टिकोण और भागीदारीपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।

अपने संबोधन में, सीईसी श्री चंद्रा ने मतदाता सूची की सटीकता के महत्व पर जोर दिया और सीईओ से मतदाता पंजीकरण के संबंध में सभी लंबित आवेदनों के शीघ्र निवारण के लिए कहा। उन्होंने कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी मतदान केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं व बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने आगे कहा कि चुनावों के सुचारू और पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए वरिष्ठ नागरिकों (80+) और विकलांग व्यक्तियों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा को लागू करने में सभी लॉजिस्टिक चुनौतियों को चुनाव के दौरान पहचानने और उन्हें हल करने की आवश्यकता है।

श्री चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्यों को उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुनाव प्रबंधन में नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना और अपनाना चाहिए, जहां चुनाव हो चुके हैं।

चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि चुनाव के प्रत्येक पहलू पर सभी चुनाव सीईओ द्वारा समय-समय पर और व्यापक निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने आगामी चुनावों की तैयारी शुरू करने के लिए पांच राज्यों में जमीनी स्तर की चुनाव मशीनरी को सक्रिय करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक जरूरतों के बीच के अंतर को खत्म करने, मतदाता सूची को अपडेट करने और एक व्यापक मतदाता शिक्षा और सशक्तिकरण आउटरीच कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि चुनाव प्रबंधन के लिए चुनाव योजना महत्वपूर्ण है और हर चुनाव के लिए व्यापक और समय पर तैयारी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व योजना बैठक राज्यों के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने में आयोग का मार्गदर्शन लेने और पांच राज्यों में आगामी चुनावों की आगे की तैयारी के लिए आयोजित की गई है।

पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने मतदाता सूची की सटीकता, बजट की उपलब्धता, जनशक्ति संसाधनों, स्वीप, योजना, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और आईटी एप्लीकेशन्स आदि सहित चुनाव के संचालन के विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। भारत निर्वाचन आयोग के सभी वरिष्ठ उपचुनाव आयुक्तों, उपचुनाव आयुक्तों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।

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