मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और समाज में किसान की महत्वपूर्ण भूमिका है
चंडीगढ़, 30 जून : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और समाज में किसान की महत्वपूर्ण भूमिका है। किसान के प्रति समाज में सम्मान का भाव है और किसान की परिभाषा पवित्र है लेकिन किसानों के नाम पर धरने पर बैठे हुए लोगों ने किसान शब्द की पवित्रता को भंग करने का काम किया है। मुख्यमंत्री आज यहां पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के नाम पर रास्ता रोके बैठे लोगों के कारण आसपास के गांवों व कस्बों के लोगों का कारोबार ठप्प हैं। उन्होंने कहा कि आसपास की पंचायतें रास्ता खुलवाने के लिए धरना स्थलों पर जाकर बातचीत कर रही हैं ताकि रास्ते खुलने से उनके व्यवसाय चल सके। मुख्यमंत्री ने धरने पर बैठे लोगों से रास्ते खोलने की अपील की।
उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर हुई कई दुखद घटनाएं चिंता का विषय हैं। उन्होंने ऐसे कृत्यों की भर्त्सना करते हुए कहा कि अलोकतांत्रित तरीके से किया गया कोई भी कार्य निदंनीय है।
मुख्यमंत्री ने नए कृषि कानूनों को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि नए कानूनों के लागू होने से किसानों को अपनी फसल इच्छानुसार मण्डी या ओपन मार्केट में बेचने की छूट रहेगी। इस बार हरियाणा में किसानों ने सरसों की फसल ओपन मार्केट में एमएसपी से ज्यादा मूल्य पर बेचकर अधिक मुनाफा कमाया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व हरियाणा सरकार ने किसानों के हित अनेक योजनाएं लागू की हुई हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भी किसानों की आर्थिक समृद्वि के लिए उठाया गया बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं के विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि किसानों को विभिन्न फसलों के बीज खरीदने पर सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है। गेहूं पर प्रति क्विंटल 1000 रुपये, धान पर 1000 रुपये, जौं पर 1500 रुपये, सरसों पर 4000 रुपये, तोरिया पर 4000 रुपये, चना व दालें 2500 रुपये और बाजरा पर 1500 रुपये की सहायता दी जाती है।
उन्होंने कहा कि कोई एक किसान कृशि यंत्र खरीदता है तो उसे 50 प्रतिशत तथा कई किसान मिलकर खरीदते हैं तो 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। यूरिया पर 70 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
डेयरी स्थापित करने के लिए दुधारू पशुओं की खरीद करने हेतु बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। अनुसूचित जाति विषेश योजना के अन्तर्गत 3 पशुओं की डेयरी, सूअर पालन व भेड़–बकरी पालन इकाईयां स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
किसानों को कृषि कार्यों के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज बिना ब्याज उपलब्ध करवाया जाता है। सिंचाई के लिए जल संग्रह तालाबों के निर्माण पर 7 लाख रुपये तक अनुदान दिया जा रहा है। सिंचाई के लिए भूमिगत पाइपलाइन डालने पर 10,000 रुपये प्रति एकड़, अधिकतम 60,000 रुपये प्रति किसान अनुदान राशि दी जाती है। ‘फव्वारा संयंत्र प्रणाली‘ के तहत किसानों को 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। बैटरी चालित स्प्रे पम्प पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। सोलर पम्प लगाने के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
आम, अमरूद और सिट्रस फलों के बाग लगाने पर प्रति एकड़ 20 हजार रुपये सब्सिडी दी जा रही है।
खेतों में उपयोग होने वाली बिजली 10 पैसे यूनिट की नाममात्र दर पर दी जाती है।
किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से फसलें खराब होने पर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता है। मशरूम की खेती पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। हाइब्रिड सब्जी पौध तैयार करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है वर्टिकल खेती पर 65 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी के बक्से की खरीद पर 85 प्रतिशत और उपकरण की खरीद पर 75 प्रतिशत अनुदान।
‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना‘ के तहत पात्र लघु और सीमांत किसान परिवारों को 6000 रुपये वार्शिक की सहायता बैंक खातों में सीधे तीन किस्तों में उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के तहत अब तक हरियाणा के 19 लाख 42 हजार किसानों के खातों में 2594 करोड़ रुपये डाले गये।