– राव ने डिजिटल माध्यम से की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक
गुरुग्राम। केंद्रीय सांख्यिकीय तथा आयोजना मंत्री गुरूग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने आज वच्र्युअल माध्यम से गुरूग्राम में बरसात के दिनों में जलभराव को रोकने, कोविड मरीजों के लिए आॅक्सीजन की उपलब्धता तथा ठोस कचरा प्रबंधन आदि विषयों पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की रिपोर्ट ली।
राव इंद्रजीत सिंह ने गुरूग्राम में बरसात के दिनों मंे होने वाले जलभराव को रोकने की तैयारियों की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों से तलब करते हुए विशेष रूप से हीरो होंडा चैक तथा राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 48 पर बने अंडरपासों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने विशेष रूप से उपर से बंद नालों और पानी निकासी की अंडर ग्राउंड लाईनों की सफाई मशीनों से करवाने पर जोर दिया और कहा कि नगर निगम किराए पर सक्षन मशीन लेने की बजाय अपनी मशीन खरीदने पर विचार करें। साथ ही उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन पर चर्चा करते हुए इकोग्रीन कंपनी के खिलाफ मिल रही शिकायतों का भी उल्लेख किया और कहा कि इसका समाधान भी संबंधित अधिकारीगण करें। इसके अलावा उन्होंने इस बार कोविड की दूसरी लहर के दौरान लोगों को आॅक्सीजन प्राप्त करने मे आई कठिनाई का जिक्र करते हुए भविष्य में ऐसी दिक्कत लोगो को ना हो, उसके लिए प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों की जानकारी ली।
– जीएमडीए ने जलभराव की समस्या के जल्द समाधान के लिए गठित की क्यूआरटी
बरसात में जलभराव की समस्या के निदान को लेकर किए जा रहे उपायों का गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि जलभराव की समस्या के जल्द समाधान के लिए इस बार क्विक रिस्पोंस टीम (क्यूआरटी) बनाई गई है जिसके पास मशीने और मोबाइल पंप आदि होंगे। इस टीम के साथ नगर निगम का अमला भी जुड़ा रहेगा और टीम ताऊ देवीलाल स्टेडियम में रखी जाएगी ताकि कहीं से भी जलभराव की शिकायत मिलने पर उसका जल्द समाधान किया जा सके।
उन्होंने बताया कि पूर्व के इतिहास के आधार पर जल भराव वाले स्थानों की पहचान करके वहां पर 25 जून तक आवश्यक प्रबंध करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्हांेने बताया कि हीरो होंडा चैक पर जल भराव गांव खांडसा के पास बादशाहपुर डेªन की चैड़ाई कम होना एक मुख्य कारण था जिसका इस बार समाधान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस डेªन में पीछे से 2300 क्यूसिक पानी आता था और गांव खांडसा के पास इसकी पानी की निकासी की क्षमता 800 क्यूसिक होने की वजह से हीरो होंडा चैक और पीछे के क्षेत्रों में जलभराव होता था। अबकी बार इस 33 मीटर टुकड़े की चैड़ाई बढाकर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसे 25 जून तक पूरा करने की कोशिश है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी कारणवश बरसात पहले आ जाती है या निर्धारित तिथि तक यह काम पूरा नहीं भी हो पाता तो कच्ची डेªन बनने से उन्हें विश्वास है कि दिल्ली-जयपूर राष्ट्रीय राजमार्ग और हीरो होंडा चैक पर पानी नही भरेगा, अगर ज्यादा बारिश हुई तो एक बार भर भी गया तो जल्द खाली हो जाएगा।
– जीएमडीए ने जलभराव वाले 20 बिंदुओं की करी पहचान
उन्होंने बताया कि एक कमेटी गठित करके बरसात में जलभराव वाले 20 स्थलों की पहचान की गई है, जोकि लोगों के लिए समस्या का कारण बनते हैं। इनमें 15 स्थल या बिंदु जीएमडीए, 4 बिंदु नगर निगम और एक बिंदु डीएलएफ के क्षेत्र में हैं। जीएमडीएम के 15 बिंदुओं में से 12 पर काम या तो पूरा कर लिया गया है या 25 जून तक कर लिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर सैक्टर 27 में सीता अपार्टमंेट के पास पानी भरता था, जिसका समाधान चक्करपुर बंद के नीचे से पाईप लाईन डालकर किया गया है। उन्होंने बताया कि दो बिंदुओं इफको चैक और वाटिका चैक से एसपीआर तक डेªन बनाने का कार्य तत्काल संभव नहीं था इसलिए इन स्थानों पर ज्यादा संख्या में पंप लगाकर समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नगर निगम के क्षेत्र मंे चार बिंदुओं में से दो पर काम पूरा कर लिया गया है। उदाहरण के तौर पर रेलवे द्वारा दीवार बनाए जाने के कारण लक्ष्मण विहार में पानी भरता था, जिसका समाधान उस दीवार को कुछ जगहो पर तोड़कर पानी निकासी के प्रबंध किए जाएंगे। डीएलएफ द्वारा भी अरावली के उपरी हिस्से में पानी को रोकने के प्रबंध किए जा रहे हैं।
श्री राजपाल ने बताया कि जीएमडीए के क्षेत्र में मास्टर डेªन, सतही डेªन सभी को मिलाकर डेªनो की लंबाई लगभग 275 किलोमीटर है। इसमें से पिछले तीन वर्षों में 225 किलोमीटर से ज्यादा डेªनों की सफाई की जा चुकी है और जो 40-50 किलोमीटर की डेªन रहती हैं, उनकी सफाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साल हम नगर निगम क्षेत्र में छोटी डेªनो की सफाई पर फोकस करेंगे। श्री राजपाल ने यह भी बताया कि दिल्ली-जयपुर हाइवे और गोल्फ कोर्स रोड़ पर बने अंडरपासों में जलभराव ना हो इसके लिए ट्रायल कर ली गई है।
-पानी निकासी के साथ भूजल रिचार्ज करने की भी योजना
बरसात के दिनों में जल निकासी के प्रबंधों के साथ गुरूग्राम के पानी को बाहर निकालने की बजाय उसे कुछ अलग-अलग स्थानों पर इक्कट्ठा करके भूमिगत जल को रिचार्ज करने की योजना भी बनाई गई है। सुधीर राजपाल ने इस योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अरावली में बंदो को मजबूत किया गया है ताकि पहाड़ का पानी उनमें जमा रहे और नीचे जाकर उत्पाद ना मचाए। इसके अलावा, सड़को के साथ बनी ग्रीन बैल्ट का लैवल भी नीचा करके उनमें पानी जमा किया जाएगा जिससे भूजल रिचार्ज होने के साथ-साथ ग्रीन बैल्ट भी हरी-भरी रहेंगी।
नगर निगम क्षेत्र की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए निगम आयुक्त मुकेश आहुजा ने बताया कि निगम क्षेत्र में जल भराव के 35 बिंदुओं के अलावा, 45 नए बिंदुओं की पहचान की गई है। इन स्थानों पर जलभराव ना हो इसके लिए पर्याप्त संख्या में मशीनरी, पंप आदि किराए पर लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नगर निगम 113 पंप, 32 सक्शन टैंकर तथा 32 जेसीबी किराए पर लेगा । उन्होंने बताया कि निगम क्षेत्र में 600 किलोमीटर डेªनो की सफाई का कार्य चल रहा है जो 25 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस बैठक में जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल के अलावा, उपायुक्त डा. यश गर्ग, नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा तथा सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव उपस्थित रहे।