नगर निगम क्षेत्र में भवन निर्माताओं को ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट का नोटिस भेजने की तैयारी

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 – निगमायुक्त ने योजना तथा राजस्व शाखा के अधिकारियों के साथ की बैठक

– निगम की जमीनों, मोबाइल टावर, बिल्डिंग प्लान स्वीकृति प्रक्रिया की ली जानकारी

  – कॉलोनी नियमितीकरण और इनफोर्समैंट पर भी हुई चर्चा
– बागवानी अधिकारियों को पहाड़ी भूमि पर ऑक्सी वन विकसित करने के दिए निर्देश

गुरूग्राम। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने सोमवार को नगर निगम गुरूग्राम की योजना तथा राजस्व शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने नगर निगम की जमीनों, मोबाइल टावर स्वीकृति, बिल्डिंग प्लान स्वीकृति प्रक्रिया, कॉलोनी नियमितीकरण सहित इनफोर्समैंट आदि की जानकारी ली तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निगमायुक्त ने सभी स्वीकृत बिल्डिंग प्लान को टीमों के माध्यम से चैक करवाने तथा ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट लेने के बारे में सभी बिल्डिंग धारकों को नोटिस भेजने का आदेश दिया.

बैठक में सीनियर टाऊन प्लानर संजीव मान ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में बिल्डिंग प्लान स्वीकृति के लिए सरकार द्वारा ऑनलाईन प्रक्रिया की हुई है तथा आर्किटैक्ट को इसमें आवेदन करने की जिम्मेदारी दी गई है। रजिस्टर्ड आर्किटैक्स बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के लिए ऑनलाईन आवेदन करता है तथा उसे 24 घंटे में प्रोविजन स्वीकृति मिल जाती है। स्वीकृत बिल्डिंग प्लान के अनुसार निर्माण करवाना आर्किटैक्ट की ही जिम्मेदारी होती है तथा ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2019 से अब तक लगभग 400 बिल्डिंग प्लान ऑनलाईन माध्यम से स्वीकृत करवाए गए हैं, लेकिन ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं होते हैं। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि सभी स्वीकृत बिल्डिंग प्लान को टीमों के माध्यम से चैक करवाएं तथा ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट लेने के बारे में नोटिस भेजे जाएं। उन्होंने बिल्डिंग प्लान बारे पूरी प्रक्रिया का एक फ्लो चार्ट बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मोबाईल टावर अनुमति की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तृत जानकारी देने को कहा।

बैठक में डीआरओ हरीओम अत्री ने नगर निगम जमीनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6577 एकड़ भूमि पर नगर निगम गुरूग्राम की मलकियत है। इसमें गैरमौरूसी, दोहलीदार, भोंडीदार, गैर मुमकिन रास्ते, नगर निगम एवं अन्य विभागों के भवन, जोहड़, पहाड़, नाले, आवंटित/निर्धारित भूमि, आवंटन/निर्धारण के लिए प्रस्तावित भूमि तथा उपलब्ध खाली भूमि शामिल है। निगमायुक्त ने योजना शाखा के अधिकारियों से कहा कि निगम की खाली भूमि पर योजना तैयार करें। इसमें निगम की आय बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राऊंड पर जाकर जमीनों का स्कैच तैयार करें, पजेशन चैक करें तथा प्रस्ताव तैयार करें।

ऑक्सी वन करें विकसित : बैठक में उपस्थित बागवानी शाखा के अधिकारियों से निगमायुक्त ने कहा कि वे पहाड़ी क्षेत्र में खाली पड़ी भूमि पर ऑक्सी वन विकसित करने की दिशा में कार्य करें। इसके साथ ही इस मानूसन में पौधारोपण की विस्तृत योजना तैयार की जाए तथा अच्छे पेड़ लगाए जाएं। पौधारोपण के लिए नागरिकों को शामिल करके पार्कों, रोड़ साईड आदि की मैपिंग करवाएं तथा नागरिकों को इन पेड़ों की जिम्मेदारी दें।

बैठक में एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर रोहताश बिश्नोई, डीआरओ एवं संयुक्त आयुक्त हरीओम अत्री, सीनियर टाऊन प्लानर संजीव मान, डीटीपी मनीष यादव, एटीपी सिद्धार्थ खंडेलवाल, डीएफओ सुभाष यादव, कार्यकारी अभियंता (बागवानी) देवेन्द्र भड़ाना एवं अमरजीत बिसला सहित योजना शाखा के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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