चंडीगढ़ / फरीदाबाद : हरियाणा के मुख्य राज्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल ने फरीदाबाद स्थित अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को डॉक्टरों की भर्ती एवं अन्य व्यवस्था संबंधित जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का आदेश दिया है।
यह है मामला –
फरीदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता अजय बहल ने गत 04 मई 2021 को चिकित्सक शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग हरियाणा से सरकारी मेडिकल कालेज छायंसा फरीदाबाद में सरकार द्वारा की जाने वाली 120 डॉक्टरों की नियुक्ति एवं अन्य सेवाओं के बारे में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में जानकारी माँगी थी।
उल्लेखनीय है कि छायंसा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति न होने के कारण व ज़िले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी थी. इस मेडिकल कॉलेज का संचालन भी अस्थायी रूप से भारतीय सेना को सौंपा गया है।
कोरोना महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और लोगों की जान की रक्षा से जुड़े इस मामले से संबंधी यह सभी जानकारी विभाग को सूचना अधिनियम 2005 की धारा 7 के अंतर्गत 48 घंटे की समय सीमा में उपलब्ध करवानी थी।
विभाग द्वारा निर्धारित समयावधि में कोई भी जानकारी न दिए जाने पर अजय बहल द्वारा राज्य सूचना आयोग हरियाणा में गत 15 मई 2021 को द्वितीय अपील दायर की गई। आयोग में 28 मई 2021 को मामले की सुनवाई के दौरान विभाग के उप निदेशक डॉक्टर नरेंद्र मलिक ने बताया कि यह सूचना का आवेदन विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज के जन सूचना अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया गया है व अब सूचना मेडिकल कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
सुनवाई उपराँत मुख्य राज्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल ने अपने आदेश में अटल बिहारी बाजपेयी राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल छायंसा को सम्पूर्ण एवं सही जानकारी समय पर उपलब्ध कराने को कहा ।
साथ ही आयोग ने चिकित्सक शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को आदेश जारी कर अटल बिहारी बाजपेयी राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल छायंसा में डॉक्टरों के चयन एवं नियुक्तियों से संबंधित सभी जानकारी अगले 30 दिन में अपनी वेबसाइट पर डालने के आदेश दिए हैं।
अजय बहल ने राज्य सूचना आयोग का धन्यवाद करते हुए इसे प्रदेश में सरकारी विभागों के कामकाज़ में पारदर्शिता लाने एवं लोगों को जागरूक करने संबंधी एक बड़ा एवं ऐतिहासिक निर्णय बताया है। उन्होंने कहा कि अब इस अस्पताल के लिए स्थाई तौर से डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी होने एवं कोरोना काल में आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद बनी है।