केंद्र सरकार ने सरकारी कार्यालयों में फ्लेक्सी उपस्थिति विकल्प को 15 जून तक बढ़ा दिया

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नई दिल्ली : कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी की वर्तमान स्थिति देखते हुए फ्लेक्सी (फ्लेक्सिबल) उपस्थिति के विकल्प को 15 जून तक बढ़ा दिया गया है। यह कार्यालयों में फ्लेक्सी उपस्थिति का प्रावधान करने वाले पहले आदेश की निरंतरता है। इससे पहले, कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के पैटर्न पर कार्य होने की उम्मीद थी।

वर्तमान आदेश की मुख्य बातें (क) मंत्रालयों/विभागों के सचिवों और संलग्न और अधीनस्थ कार्यालयों के प्रमुखों को कार्यालय में कोविड के पॉजिटिव मामलों और कार्यात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी स्तरों पर अपने कर्मचारियों की उपस्थिति को विनियमित करना अनिवार्य किया गया है। (ख) विकलांग व्यक्तियों और गर्भवती महिला कर्मचारियों को कार्यालय आने से छूट प्रदान की जा सकती है, लेकिन वे घर से काम करते रहेंगे। (ग) भीड़भाड़ से बचने के लिए अधिकारी/कर्मचारी विभाग के प्रमुखों द्वारा तय किए गए कार्यालयों/कार्यस्थलों में अलग-अलग समय का पालन करेंगे। (घ) कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को तब तक कार्यालय में आने से छूट प्रदान की जाएगी जब तक कि कंटेनमेंट जोन को डिनोटिफाई नहीं किया जाता है।

ये अधिकारी/कर्मचारी, जो कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं, घर से काम करेंगे और हमेशा टेलीफोन और संचार के इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से उपलब्ध रहेंगें। (ङ) कार्यालय में उपस्थित होने वाले सभी अधिकारी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन करेंगे, जिसमें मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना, सैनिटाइजर का उपयोग करना और साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना शामिल है।

मंत्री ने आशा व्यक्त किया कि इन सभी निर्देशों का पालन सभी नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के हित में पूर्ण रूप से किया जाएगा। हालांकि उन्होंने इस बात को दोहराया कि सरकारी काम को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा और कोविड के कारण सरकारी कर्मचारियों के बीमार पड़ने से होने वाले मानव दिवसों के नुकसान को कम करने की दिशा में सभी प्रयास किए जाएंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि कार्यस्थलों पर टीकाकरण करने की अवधारणा एक सफल मॉडल के रूप में उभर कर सामने आई है और उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से इसका अनुकरण करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि नार्थ ब्लॉक में चलाए जा रहे टीकाकरण केंद्र में अब तक 228 से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है और कहा कि केंद्र सरकार के अन्य कार्यालयों और विभागों में भी इस प्रकार के केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर से 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के सभी पात्र केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जल्द से जल्द टीका लगवाने की अपील को दोहराया।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि महामारी के दौरान पिछले एक वर्ष में, डीओपीटी ने सरकारी कार्यालयों में पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों का एक सेट विकसित किया है, जिसका उद्देश्य न केवल कोरोनवायरस के प्रसार को रोकना है बल्कि इसमें कार्यालय को प्रभावी रूप से और बिना किसी रुकावट के चलाने का लक्ष्य भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, डीओपीटी द्वारा विकसित किया गया वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) प्रोटोकॉल इतना सफल रहा है कि कई बार यहां पर होने वाला काम सामान्य परिस्थितियों से भी ज्यादा होता है क्योंकि सरकारी कर्मचारी कार्यदिवसों या छुट्टियों के दिन भी ऑनलाइन काम करते हैं।

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