नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि बच्चों में होर रहा कोरोना संक्रमण पर हमारी नजर है. अधिकतर बच्चों को कोई गंभीर बीमारी नहीं होती इसलिए वे एसिम्प्टोमैटिक ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि वायरस अपना व्यवहार बदल सकता है, तो हो सकता है संक्रमण का प्रकोप बढ़ जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार बच्चों को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी कर रही है. उनके अनुसार सरकार की ओर से एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप बनाया गया है जिसके द्वारा कुछ गाइडलाइन्स भी दी गई हैं. उक्त गाइड लाइन अगले एक-दो दिन में लागू कर दी जाएंगी.
डॉ पॉल ने कहा कि बच्चों में कोरोना दो रूप में आता है. एक, निमोनिया की शक्ल में जो अस्पताल में भर्ती होता है. दूसरा, कोरोना होने के बाद दो से छह हफ्ते बाद कुछ बच्चों को दोबारा फीवर आता है. आंखों में सूजन आ जाती है. सांस फूल जाती है. पूरे शरीर में कुछ होने लगता है. इसे एम् आई एस MIS कहते हैं यह एक नई बीमारी है. उन्होंने आश्वस्त किया कि इसका इलाज कठिन नहीं है.
वैक्सीन की सिंगल डोज की अटकलों पर उन्होंने कहा कि भारत में अभी दो डोज ही लगेंगी. वैक्सीन की नीति में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस मामले में कोई गलतफहमी पैदा नहीं करनी चाहिए. उनका कहना था कि दोनों खुराक जरूरी हैं साथ ही भी स्पष्ट किया कि मिक्सिंग ऑफ वैक्सीन की संभावना है जिसपर अभी रिसर्च जारी है. अब तक देश में 21.60 करोड़ डोज़ दी जा चुकी हैं, 2.03 करोड़ डोज़ 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को अब तक दी जा चुकी है.
प्रेस वार्ता में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में कोरोना इन्फेक्शन में कमी आई है. कोरोना वायरस के मामले 7 मई को 4 लाख से ज्यादा आ रहे थे जो आज घटते-घटते 1 लाख 27 हजार पर आ गए हैं. एक्टिव केसेज को मॉनिटर करना जरूरी है. उनके अनुसार देश में अब एक्टिव केस 37 लाख से घटकर करीब 19 लाख रह गए हैं. ठीक होने वाले मामले रोजाना सामने आ रहे मामलों से ज्यादा हैं। नए मामलों की तुलना में पिछले 24 घंटों के दौरान 1,27,777 मरीज़ ठीक हुए. उन्होंने बताया कि 3 मई को देश में 17.13% थे अब वह सिर्फ 6.73% रह गए हैं। सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट दर्ज़ की गई है। आज एक दिन में देश में 1.3 लाख सक्रिय मामलों में कमी दर्ज़ की गई है.