सुभाष चौधरी
नई दिल्ली। देश के डॉक्टरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पतञ्जलि योग संस्थान के प्रमुख बाबा रामदेव से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सख्त विरोध जताया है। उन्होंने स्वामी रामदेव से अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी वापस लेने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री ने संपूर्ण देशवासियों के लिए कोविड-19 के खिलाफ दिन-रात युद्धरत डाक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को देवतुल्य बताया है. उन्होंने कहा है कि बाबा रामदेव ने अपने वकतव्य से कोरोना योद्धाओं का घोर निरादर कर देश भर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है।
स्वामी रामदेव को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि एलोपैथिक दवाओं व डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं. उन्होंने याद दिलाया कि लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले ही अवगत करा चुका हूं. संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ दिन रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी देव तुल्य हैं. आपने अपने वक्तव्य से न केवल कोरोना योद्धाओं का निरादर किया बल्कि देशवासियों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचाई है. उन्होंने कहा कि आपने जो स्पष्टीकरण जारी किया है वह लोगों की चोटिल भावनाओं पर मरहम लगाने में नाकाफी है।
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस संकट भरे दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ों लोगों को नया जीवनदान दिया है आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई. उन्होंने यह कहते हुये उन्हें याद दिलाया कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस महामारी के खिलाफ यह लड़ाई सामूहिक प्रयासों से ही जीती जा सकती है. इस लड़ाई में हमारे डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मी जिस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने में दिन-रात जुटे हुए हैं वह कर्तव्य और मानव सेवा के प्रति उनकी निष्ठा की अतुलनीय मिसाल है, उन्होंने कहा कि आप इस तथ्य से भी परिचित हैं कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में भारत सहित पूरे विश्व के असंख्य डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने भी अपनी जान न्योछावर की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि आपके द्वारा कोरोना के इलाज में एलोपैथिक चिकित्सा को तमाशा, बेकार और दिवालिया बताना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज लाखों लोग कोरोना से ठीक हो कर घर जा रहे हैं. अगर देश में मृत्यु दर सिर्फ 1.6% और रिकवरी रेट 88% से अधिक है तो उसके पीछे एलोपैथी और उसके डॉक्टरों का अहम योगदान है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बाबा रामदेव को आईना दिखाते हुए कहा है कि आप सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति हैं. ऐसे में आपका कोई भी बयान बहुत मायने रखता है. मैं समझता हूं कि आपको किसी भी मुद्दे पर कोई भी बयान समय, काल और परिस्थिति को देखकर देना चाहिए. ऐसे समय में इलाज के मौजूदा तरीकों को तमाशा बताना न सिर्फ एलोपैथी बल्कि उनके डॉक्टरों की क्षमता, योग्यता व उनके इरादों पर भी सवाल खड़े करता है जो पूरी तरह अनुचित है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि आप का बयान डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ने और कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने वाला साबित हो सकता है।
डॉ हर्षवर्धन ने स्वामी रामदेव को लिखे पत्र में कहा है कि आपको यह पता होना चाहिए कि चेचक, पोलियो, ईबोला सार्स और टीवी जैसे गंभीर रोगों का निदान एलोपैथी ने हीं दिया है. आज कोरोना के खिलाफ वैक्सीन एक अहम हथियार साबित हो रहा है. यह भी एलोपैथी की ही देन है. आपने अपने स्पष्टीकरण में सिर्फ यह कहा कि आपकी मंशा मॉडर्न साइंस, अच्छे डॉक्टरों के खिलाफ नहीं है. मैं आपके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को अपर्याप्त मानता हूं ।
उन्होंने बल देते हुए बाबा रामदेव से उनकी आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण वक्तव्य को वापस लेने की मांग की है।