गुरूग्राम, 11 मई। कोरोना महामारी के इस दौर में जिलावासियों के लिए इससे जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है। अब गुरूग्राम जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों का पाॅजीटिविटी रेट घटकर 24 प्रतिशत तक पहुंच गया है अर्थात् अब गुरूग्राम जिला में रोजाना सामने आने वाले मरीजों की संख्या पहले की अपेक्षा कम हुई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि 29 अप्रैल को जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों का पाॅजिटीविटी रेट 41.98 दर्ज किया गया। इसी प्रकार, 30 अप्रैल को 34.91 प्रतिशत, 2 मई को 34.4 प्रतिशत तथा 10 मई को यह दर घटकर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई। जिला गुरूग्राम में अब जहां एक ओर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले कम हुई है वहीं अब इससे ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी लगातार सुधार दर्ज किया जा रहा है। जिला के कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में जिला का रिकवरी रेट 77.18 प्रतिशत हो गया है जोकि सराहनीय है।
डा. गर्ग ने बताया कि हमारा प्रयास है कि लोगों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं और लोगों में कोविड संक्रमण के बचाव उपायों के बारे में जागरूकता बढ़े। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सेवाभाव के कार्य करते हुए लोगों को जरूरत अनुसार उनके घर तक भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में पहले की अपेक्षा जागरूकता बढ़ी है। जिला में कोरोना संक्रमित मरीज अब घर रहकर भी ठीक हो रहे हैं।
सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि जिला में होम आइसोलेशन को लेकर लोगों का विश्वास पहले के मुकाबले बढ़ा है और लोग होम आइसोलेशन में रहकर भी ठीक हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की लगातार माॅनीटरिंग की जाती है ताकि उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को समय रहते दूर किया जा सके। इतना ही नहीं, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की काउंसलिंग के लिए भी डाॅक्टरों की टीम लगाई गई है ताकि लोगों में कोरोना को लेकर भय की स्थिति को दूर किया जा सके। यह टीम रोजाना प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक वर्चुअल माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों से जुड़ते हुए उनसे स्वास्थ्य संबंधी फीडबैक लेती है। इसके अलावा, हैल्पलाइन नंबर-1950 के माध्यम से भी लोगों को वैक्सीनेशन कैंप सहित कोरोना संक्रमण संबंधी समस्याओं का समाधान किया जाता है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण संबंधी आवश्यक जानकारी सांझा की जा रही है। गंभीर रूप से संक्रमित मरीज वैबसाईट -covidggn.com पर बैड के लिए रजिस्टरेशन कर सकते हैं।
डा. यादव ने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए रोजाना 12 से 15 हजार लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। हाईरिस्क एरिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सघन टेस्टिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोेरोना संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी है कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की जल्द से जल्द पहचान की जाए। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों की पहचान समय रहते होने से उनका समय रहते इलाज हो जाता है जिससे उनकी जान का जोखिम भी कम रहता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर तथा कोरोनारोधी टीकाकरण है। इसलिए लोग जल्द ही आरोग्य सेतु एप या कोविड पोर्टल पर वैक्सीनेशन के लिए अपना रजिस्टरेशन करवाए ताकि कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके। वैक्सीनेशन के बाद भी लोग एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें और फेस मास्क का प्रयोग करे। जहां तक संभव हो लोग घर में रहें और जब तक बहुत जरूरी ना हो घरों से ना निकले। लोग अपने हाथों को साबुन से धोते रहे और यदि ऐसा संभव ना हो तो सेनिटाइजर का इस्तेमाल अवश्य करें।