नई दिल्ली : कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के लिए मानव संसाधन बढ़ाने के प्रयासों को जारी रखते हुए मंत्रालय ने इनके नैदानिक प्रबंधन के लिए अपने पास उपलब्ध प्रशिक्षित आयुष मानव संसाधनों को तैनात करने के लिए एडवाइजरी जारी की।
आयुष पेशेवरों को कोविड-19 महामारी के विरुद्ध संघर्ष की अग्रिम पंक्ति में तैनात करने का निर्णय कुछ दिन पहले लिए गए उन निर्णयों के सिलसिले में है जिनके अंतर्गत कोविड-19 से लड़ाई हेतु चिकित्सा कार्मिकों की उपलब्धता बढ़ाई जानी थी जैसे- नीट-पीजी परीक्षा का स्थगन, आगामी नियमित सरकारी भर्तियों में कोविड से जुड़ी ड्यूटी में 100 दिन पूरा करने वाले चिकित्सा कर्मियों को प्राथमिकता देना और कोविड प्रबंधन ड्यूटी में मेडिकल प्रशिक्षुओं की उनकी फैकल्टी की देखरेख में तैनाती।
आयुष डॉक्टर संस्थागत रूप से योग्य पेशेवर हैं, जो चिकित्सा संबंधी देखभाल के विभिन्न पहलुओं में अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे पहले ही देश भर के विभिन्न संस्थानों में विभिन्न कोविड-19 प्रबंधन भूमिकाओं में अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत जाने वाले कुछ संस्थान जो कोविड -19 केयर सेंटर के रूप में कार्य करते हैं, जैसे अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली वर्तमान में कोविड-19 मामलों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन कर रहे हैं।
इसके अलावा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड-19 प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं में लगभग 1.06 लाख आयुष पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है और 28,473 पेशेवरों को कोविड-19 से जुड़ी गतिविधियों के लिए तैनात किया गया है। आयुष पेशेवरों को कोविड-19 प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण आयुष मंत्रालय द्वारा एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आई-गोट) डिजिटल प्लेटफॉर्म (https://igot.gov.in/) के माध्यम से भी प्रदान किया गया था और 66045 आयुष पेशेवरों ने इस प्रशिक्षण को पूरा किया। इसके अलावा आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने संयुक्त रूप से 33,000 आयुष मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्रदान किया है।
इस प्रकार महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर कार्यों को शुरू करने के लिए विभिन्न प्रयासों के माध्यम से बड़ी संख्या में आयुष पेशेवरों को पहले ही तैयार किया जा चुका है। आयुष मंत्रालय के कदमों के माध्यम से लगभग 832 लाख आयुष जनशक्ति का ब्यौरा संकलित किया गया है और कोविड वॉरियर्स पोर्टल (covidwarriors.gov.in) पर उपलब्ध कराया गया है।
जारी की गई एडवाइजरी के मुख्य बिंदु निम्न हैं:
I – सुविधा/विस्तार
1. कोविड-19 के सर उठाने के मद्देनजर वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी जाती है कि वे सभी योग्य आयुष चिकित्सकों तक पहुंचें और उन्हें जरूरत की इस घड़ी में कोविड-19 कार्यबलों में शामिल होने के लिए राजी करें। इन आयुष डॉक्टरों की सेवाओं का उपयोग उचित स्तर पर कोविड-19 के प्रबंधन में किया जा सकता है। कोविड प्रबंधन के लिए क्लीनिकल सेट अप में आयुष चिकित्सकों, स्नातकोत्तर छात्रों और इंटर्न की तैनाती चिकित्सकों/ विशेषज्ञों की देखरेख में की जाए। चिकित्सकों/ विशेषज्ञों द्वारा आवश्यक प्रेस्क्रिप्शन जारी किए जा सकते हैं और रोगियों की नैदानिक देखभाल आयुष चिकित्सकों द्वारा विशेषज्ञों की देखरेख के अनुसार प्रदान की जाएगी जैसा कि उपचार के लिए बनी टीम के एक भाग के रूप में उल्लिखित किया गया है। इस प्रक्रिया से कोविड प्रबंधन के लिए उपलब्ध मानव संसाधन में वृद्धि होगी।
2. आयुष डॉक्टरों, पीजी छात्रों और इंटर्न को ई-संजीविनी डिजिटल प्लेटफॉर्म (स्थानीय भाषाओं सहित) का प्रबंधन करने के लिए तैनात किया जा सकता है, जहां वे कोविड से रोकथाम, उपचार और पोस्ट कोविड पुनर्वास के लिए आयुष प्रोटोकॉल पर लोगों का मार्गदर्शन करने में सक्षम होंगे। वे उचित रिकॉर्ड बनाए रखेंगे और यदि किसी मामले में आवश्यकता पड़े तो एलोपैथिक/आयुष अस्पतालों से संपर्क करेंगे।
3. आयुष मानव संसाधन के विभिन्न स्तरों की तैनाती के साथ स्वीकृत प्रोटोकॉल (https://main.AYUSH.gov.in/event/national-clinical-management-protocol-based-ayurveda-and-yoga-management-covid-19) के अनुसार सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष सुविधाओं को जुटाना तत्काल संभव हो सकता है। इसके अलावा आयुष सुविधाओं का उपयोग पोस्ट कोविड केयर एवं पुनर्वास के लिए भी किया जा सकता है जहां विजिटिंग/ऑन-कॉल एलोपैथिक डॉक्टर इन सुविधाओं में आवश्यकतानुसार कोविड से ठीक होने के बाद वाला उपचार प्रदान कर सकते हैं।
4. आयुष मंत्रालय राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देता है कि वे मौजूदा कोविड लहर का सामना करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली क्षमता बढ़ाने के प्रयास में कोविड केयर सेंटरों/अस्पतालों (नर्स और अन्य कर्मचारियों समेत) के लिए आयुष अवसंरचना (अस्पताल/सुविधाएं/केंद्र/क्लीनिक आदि) प्रदान करें। इस संबंध में कोविड यथोचित सुविधाओं के रूप में आयुष अस्पतालों (50000+ बेड, 750+ आयुष कॉलेजों के अस्पतालों, आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय संस्थानों और अनुसंधान परिषदों की 86 नैदानिक सुविधाओं) के बारे में जानकारी एक राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से आयुष मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाएगी।
5. राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें आयुष इंटर्न को भी अपनी फैकल्टी की देखरेख में कोविड प्रबंधन ड्यूटी में तैनात कर सकती हैं। उन्हें राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, गैर सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र द्वारा प्रबंधित की जा रही क्वारंटाइन और आइसोलेशन सुविधाओं पर तैनात किया जा सकता है।
6. अंतिम वर्ष के आयुष छात्रों की सेवाओं का उपयोग आउटरीच गतिविधियों, संदिग्ध कोविड मामलों की स्क्रीनिंग, फैकल्टी द्वारा प्रशिक्षण के बाद उनकी देखरेख में परीक्षण और परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। उन्हें राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार घर की देखभाल करने वाले मामलों के लिए टेली काउंसलिंग प्रदान करने के साथ-साथ टीकाकरण, कोविड यथोचित व्यवहार, 24×7 हेल्पलाइनों के माध्यम से पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर आदि के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए भी लगाया जा सकता है।
7. अंतिम वर्ष के पीजी छात्रों की सेवाओं का उपयोग तब तक किया जा सकता है जब तक कि नए बैच जॉइन नहीं कर लेते। अखिल भारतीय आयुष पीजी प्रवेश को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा स्थगित कर दिया गया है और दिनांक 31 अगस्त, 2021 के बाद परीक्षा की तिथि की सूचना राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा कम से कम एक महीने पहले दी जाएगी।
8. आयुष वाली योग्य स्टाफ नर्सों का उपयोग आयुष आधारित कोविड सुविधाओं में कोविड-19 नर्सिंग ड्यूटी में किया जा सकता है जैसा कि ऊपर बताया गया है। डॉक्टरों की देखरेख में जरूरत पड़ने पर उन्हें अन्य कोविड अस्पतालों में भी तैनात किया जा सकता है। आयुष विभागों/
कॉलेजों/ संस्थानों द्वारा तैनात अन्य नर्सों को राज्य स्वास्थ्य और मेडिकल कॉलेज विभागों के अंतर्गत कोविड सुविधाओं/ अस्पतालों में तैनात किया जाए।
9. आयुष मंत्रालय राज्यों के परामर्श से सुझाई गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के लिए आयुष मानव संसाधनों के और इंटरैक्टिव प्रशिक्षण का समन्वय करेगा।
10. इस प्रकार जुटाए गए अतिरिक्त मानव संसाधनों का उपयोग केवल कोविड-19 मामलों के प्रबंधन की सुविधाओं में या पोस्ट कोविड प्रबंधन और पुनर्वास के लिए किया जा सकता है।
II – मानदेय/सेवा की मान्यता
1. उपर्युक्त दिशानिर्देशों का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के जवाब में उपलब्ध मानव संसाधनों को बढ़ाना है और इसका पूरा लाभ प्रयास में लगे सार्वजनिक और निजी संस्थानों द्वारा उठाया जा सकता है। राज्य सरकारें इस प्रक्रिया के माध्यम से निजी कोविड-19 अस्पतालों के साथ-साथ कोविड के व्यापक फैलाव वाले क्षेत्रों में भी अतिरिक्त आयुष पेशेवर उपलब्ध करा सकती हैं।
2. विशिष्ट कोविड-19 सेवा के लिए उपयुक्त मानदेय पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विशिष्ट कार्य के लिए विचार किया जा सकता है।
3. वित्तीय प्रोत्साहन/ पारिश्रमिक केवल उन लोगों के लिए उपलब्ध होगा जो कोविड-19 की देखभाल के लिए कम से 100 दिनों के लिए काम करते हैं।
4. ऐसे सभी पेशेवर जो न्यूनतम 100 दिन की कोविड-19 ड्यूटी पूरा करते हैं, उन्हें भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विशिष्ट कोविड-19 राष्ट्रीय सेवा सम्मान दिया जाएगा।
5. कोविड से संबंधित कार्य में लगाए जाने वाले आयुष डॉक्टर, स्नातकोत्तर छात्र, इंटर्न, अंतिम वर्ष के छात्र और अन्य मानव संसाधनों को उपयुक्त रूप से टीकाकरण कराने की आवश्यकता होगी।
6. इस प्रकार लगे हुए ऐसे सभी आयुष पेशेवरों को कोविड-19 से लड़ने में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सरकार की बीमा योजना के तहत कवर किया जाएगा।
7. केंद्र सरकार राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से सिफारिश करती है कि वे संबंधित लोक सेवा आयोग/अन्य भर्ती निकायों के माध्यम से आयुष पेशेवरों की नियमित सरकारी नियुक्तियों में वरीयता देने और ऐसे आयुष पेशेवरों के लिए संविदात्मक नियुक्तियों पर विचार करें जो कोविड-19 संबंधित शुल्क के न्यूनतम 100 दिन पूरा करते हों ।
8. राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें स्वास्थ्य और चिकित्सा विभागों में आयुष डॉक्टरों, नर्सों, अन्य सहायक कर्मचारियों के रिक्त पदों को भी यथाशीघ्र और सकारात्मक रूप से संविदात्मक नियुक्तियों के माध्यम से 45 दिनों के भीतर त्वरित प्रक्रिया के माध्यम से भर सकती हैं।