क्यों मिले मोदी से राहुल व कांग्रेस पार्टी के नेता ?

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नई दिल्ली : पिछले कई दिनों से नोट्बंदी के खिलाफ संसद में रोड़े अटका रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. अन्य विपक्षी सदस्यों से अलग कांग्रेस नेताओं ने यह खास मुलाकात  2 करोड़ 34 लाख किसानों के मांग पत्र सौपने के लिए की. इसमें उत्तर प्रदेश व पंजाब के किसानों के पत्र शामिल हैं जिसमें कर्ज माफ़ी की मांग की गयी है.

संसद के शीतकालीन सत्र के आरम्भ से ही  राहुल गांधी नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं. हाल में उन्होंने पीएम मोदी पर निजी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. उन्होंने यह कह कर सबकी चौका दिया था कि उनके बोलने से नोटबंदी के फैसले का गुब्बारा फूट जाएगा.

राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया था कि उनके पास पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़ी ऐसी जानकारी है जिससे उनके नोटबंदी के फैसले का गुब्‍बारा  फूट जाएगा, लेकिन उन्‍हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा.

खबर यह आ रही थी राहुल गाँधी सहित सभी विपक्षी पार्टियों के नेता राष्ट्रपति से मिलने वाले हैं लेकी अचानक यह पता चला की राहुल गाँधी सहित लोक सभ में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे व राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद सहित कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पीएम नरेन्द्र मोदी से मिले. पीएम से मिलने के बाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने पत्रकारों को बताया कि राहुल गाँधी ने गत 10 जुलाई से उत्तर प्रदेश की यात्रा की थी और उस दौरान किसानों से मिले. उन्होंने किसानों से उनकी मांग सम्बन्धी एक पात्र भरवाया था और उनसे वायदा किया था कि इन मांगों को वे पीएम मिडी को देंगे और उनसे किस्सनों का कर्ज माफ़ करने की मांग करेंगे.

श्री आजाद के अनुसार उत्तरप्रदेश से लगभग दो करोड़ किसानों ने जबकि पंजाब से ३४ लाख किसानों ने मांग पत्र सौपें थे. उन्हीं मांग पत्रों को राहुल गाँधी सहित काग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पीएम को सौपा.

पत्रकारों ने जब सवाल किया कि केवल कांग्रेस पार्टी ही क्यों गयी पीएम से मिलने क्या विपक्ष में अब फूट हो गया तो उनका कहना था कि यह मांग पात्र केवल कांग्रेस की और से जमा कराया यथा इसलिए यह केवल कांग्रेस का मामला था. इसमें विपक्ष की फूट जैसी कोई बात नहीं है.     

 

पत्रकारों ने उनसे पूछा कि पीएम ने क्या  कहा तो गुलाम नवीं ने कहा की पीएम ने अभी कुछ नहीं कहा है.

गौरतलब है कि बुधवार को राहुल ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के अंदाज़ में पत्रकारों से उनके होंठों की भाषा पढ़ने के लिए कहा था और घोषणा की थी कि उनके पास ऐसी जानकारी है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘निजी भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी.तभी से सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तनातनी जारी है. लेकिन अचानक कांग्रेस के नताओं के पीएम से मिलने की घटना से विपक्ष के माथे पर बल पड़ने लगे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम से विपक्ष में फूट के प्रबल आसार बन गए हैं.

 

इधर संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर से लोकसभा में जाहिर की गई नाराजगी के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि पूर्व उप-प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के भीतर ‘लोकतांत्रिक मूल्यों’ के लिए लड़ रहे हैं.

 

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में पिछले करीब तीन सप्ताह से जारी गतिरोध पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का आक्रोश फूट पड़ा था और उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा किए बिना यदि शुक्रवार को लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई तो ‘‘संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी. आडवाणी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद आक्रोश जताते हुए कुछ अन्य दलों के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा, मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दूं. उन्होंने कहा, सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा जरूर होनी चाहिए.

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