अपने बलबूते पर ही सुरक्षा संभव : थिरीयान

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लेबर लॉ एडवाईजर्स एसोसिएशन की ओर से महिला सुरक्षा पर सेमीनार 

निर्भया कांड के चार वर्ष 

गुरूग्राम : लेबर लॉ एडवाईजर्स एसोसिएशन की ओर से निर्भया के साथ हुई बर्बरतपूर्ण घटना के आज चार वर्ष पूरे होने पर निर्भया को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ महिला सुरक्षा पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। महिला सुरक्षा पर सेमीनार का आयोजन उद्योग विहार के फेज-3 स्थित निटक्राफ्ट अपैरल्स प्राईवेट लिमिटेड कंपनी में किया गया, जहां पर सैंकड़ों श्रमिक महिलाओं को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। सेमीनार में मुख्य अतिथि के तौर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य एवं एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एस थिरीयान व मुख्य वक्ता के तौर पर गुडग़ांव विकास मंच के संयोजक आर एल शर्मा एडवोकेट उपस्थित हुए।
श्री थिरीयान ने उपस्थित सैंकड़ों महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के परिवेश में महिलाओं को स्वयं अपने बलबूते पर अपनी सुरक्षा करनी है। वे घर से काम पर और काम से घर पर जाते समय इस बात का ध्यान रखें कि रास्ते में कौन व्यक्ति आपसे किस तरह का व्यवहार करता है। आप स्थिति को भांपकर अपनी सुरक्षा कर सकती हैं।

 

उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय आप महिलाएं 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को तुरंत बुला सकती हैं। उन्होंने कहा कि कामकाज के दौरान भी महिलाएं अपने सहकर्मी के शौषण करने पर पुलिस या प्रबंधन को सूचित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं मजबूती से अपने ऊपर हुए अपराधों का मुकाबला करके उन्हें मुंहतोड़ जवाब दें। उन्होने कहा कि महिलाएं समाज में पढ़-लिखकर मजबूत बनें।

घरेलू हिंसा के खिलाफ समझौता ना करें : आर एल शर्मा

मुख्य वक्ता के तौर पर महिला सुरक्षा पर बोलते हुए गुडग़ांव विकास मंच के संयोजक आर एल शर्मा एडवोकेट ने कहा कि पहले महिलाएं अपने घर को सुरक्षित रखें उसके बाद ही बाहर का सोचें। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाएं कोई समझौता ना करें। यदि घर का कोई भी सदस्य महिला के साथ मारपीट या गलत व्यवहार करता है, तो वह तुरंत पुलिस या जिला प्रशासन को इस बात की सूचना देकर सुरक्षित रह सकती है। उन्होंने कहा कि कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा का दायित्व नियोक्ता पर है। नियोक्ता अपने महिला कर्मचारियों को कार्य स्थल पर होने वाले यौन उत्पीडऩ के लिए संस्थान में एक कमेटी बनाए। उस कमेटी के अंतर्गत कोई भी कामकाजी महिला यौन उत्पीडऩ के खिलाफ शिकायत दे सकती है।

 

उन्होंने कहा कि 16 दिसम्बर 2012 को यदि निर्भया जागरूकता और समझदारी से काम करती तो वह इस बुरे हादसे से बच सकती थी। निर्भया और उसके साथी दोस्त ने उस बस का चयन किया, जिसमें केवल 5 से 6 लोग थे और बस में अंधेरा था। यदि आप अपने कार्यस्थल और समाज के बीच में जागरूक हैं, तो आप आने वाली मुसीबत से बच सकती हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता में ही बचाव है।

 

उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया कि महिला समाज का अभिन्न अंग है। उसकी सुरक्षा और सम्मान पूरे समाज का दायित्व है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार और केन्द्र सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जो नारा दिया है, उससे निश्चित ही महिला समाज को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा पर हरियाणा पुलिस विशेषकर गुडग़ांव पुलिस कमिश्नरेट बहुत जागरूक है और महिला सुरक्षा के लिए जिस तरह से महिला थानों का गठन किया गया है, वह समाज के लिए शुभ संकेत है। इस अवसर पर संस्थान के एचआर मैनेजर राजेश पोसवाल, सुनील वशिष्ठ व एडमिन ऑफिसर जगन्नाथ मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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