कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी सभी प्रोटोकाल का पालन करें : डॉ शशांक

Font Size

मोतिहारी :  भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) का तांडव जारी है. नए मामले तेजी से बढ़ने के साथ-साथ इस संक्रमण से होने वाली मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इस स्थिति से उबरने के लिए सरकार और चिकित्सा जगत दोनों ही प्रयासरत है. इस अभियान में संक्रमण से बचाव सम्बन्धी सभी प्रोटोकाल का पालन कर देश की जनता की सहभागिता भी बेहद आवश्यक है. नियमों का पालन करने की दृष्टी से सामाजिक वातावरण में अपेक्षित रिस्पांस नहीं मिलने से कोरोना वायरस तीव्र गति से कोरोना लोगों को अपना शिकार बना रहा हैं.

यह कहना है रामेश्वरम हॉस्पिटल, अम्बिका नगर, मोतिहारी, बिहार के निदेशक डॉ शशांक का. उन्होंने लोगों को आगाह किया कि कोरोना संक्रमण से स्त्री, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी को कोरोना वायरल होना लाजमी है. संक्रमण की दृष्टि से यह समय बहुत ही खतरनाक चल रहा है.  इसलिए जरूरी है कि इससे बचने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए उपायों पर अमल करते हुए आवश्यक सावधानी बरती जाए.

उनका कहना है कि आने वाले महीनों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में विकृति, सांस लेने में परेशानी, स्वर भंग जैसे रोग और विकारों की उत्पत्ति अधिक होगी. उन्होंने कोरोना संक्रमण के आरंभिक लक्षण के बारे में बताया. उनका कहना है कि इस संक्रमण में सर्दी जुकाम से पीड़ित होने पर पहले तो नाक से स्राव होता है. फिर नाक बंद हो जाती है. नाक बंद हो जाने पर मुंह से  श्वास लेने पर रोगी परेशान होता है. रात को सो नहीं पाता. सर्दी जुकाम के कारण रोगी को खांसी भी हो जाती है. बार-बार खासने से रोगी परेशान होता रहता है. उनके अनुसार खांसी के प्रकोप से कमर और पेट में दर्द होने लगता है.

एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण फैलने के सवाल पर उनका कहना है कि कोरोना संक्रमित रोगी जब किसी से बात करते हैं या छींकते व खांसते हैं तो ड्रॉपलेट के साथ वायरस वातावरण में फैल कर दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच कर उन्हें भी संक्रमित कर देता है. वायरस के संक्रमण से शरीर में अनेकानेक विकृति होने लगती है.

डॉ शशांक के अनुसार वर्तमान में कोरोना के कुछ नए लक्षण उभर कर आ रहे हैं. जीभ पर धब्बे और सूजन का उभरना, स्किन पर लालिमा , स्किन पर जलन , पाँवों के तलवों में जलन , पैरों के तलवों में सूजन , स्किन एलर्जी , डायरिया , उल्टी दस्त , अपच , पेट में दर्द , बहती हुई नाक, सूखी खांसी, और  बुखार भी अगर किसी को है तो उन्हें तत्काल कोरोना टेस्ट करवानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कुछ सामान्य लक्षण शरीर में दर्द एवं पीड़ा, गले में खराश, दस्त लगना, आँख आना / आँखों में तकलीफ होना, सरदर्द / तेज़ सरदर्द ,स्वाद या गंध का चला जाना, त्वचा पर दाने या उंगलियों या पैर की उंगलियों का काटना,  चुभन या लालिमा होना हैं.

डॉ शशांक ने लोगों को सतर्क व सावधान रहने की दृष्टि से कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण भी बताये. उनके अनुसार अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ होना, ऑक्सीज़न लेवल का गिरना , सीने में दर्द या दबाव की शिकायत, बोलने और चलने-फिरने में परेशानी एवं शरीर का टूटने लगना जैसे लक्षण महसूस हो तो उन्हें तत्काल अपने डाक्टरों की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों को त्वरित मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है.

उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमारे वैज्ञानिकों द्वारा डेवलप स्वदेशी वैक्सीन लगवाने की अपील की. उनका कहना है कि वैक्सीन से संक्रमण से होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि हमें भारत के वैज्ञानिकों पर गर्व है जिन्होंने निर्धारित मापदंड के आधार पर सबसे कम समय में कोरोना की वैक्सीन को न सिर्फ डेवलप किया बल्कि दूसरे देशों को भी इस त्रासदी से बचाने के लिए वैक्सीन उपलब्ध करवाया.

You cannot copy content of this page