एनआईए की विशेष अदालत में सजा पर फैसला 19 को
पटना/हैदराबाद : एनआईए की विशेष अदालत ने 2013 में हैदराबाद में हुए धमाकों में आईएम के यासीन भटकल और तहसीन अख्तर उर्फ मोनू समेत पांच को दोषी करार दिया है। देश में यह पहला मामला है जब प्रतिबंधित संगठन आईएम के सदस्य किसी आतंकी मामले में दोषी पाए गए हों। इनकी सजा पर फैसला 19 को होगा।
समस्तीपुर के कल्याणपुर का रहने वाला तहसीन 27 सितंबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड था। विशेष अदालत ने यासीन भटकल और तहसीन के अलावा इस मामले में उत्तर प्रदेश के असदुल्लाह अख्तर, पाकिस्तानी नागरिक जियाउर्रहमान उर्फ वकास और महाराष्ट्र के अजीज शेख को दोषी पाया है।
हैदराबाद ब्लास्ट में आतंकी मोनू दोषी करार पर पटना ब्लास्ट में चार्जशीट का इंतजार
हैदराबाद के दिलसुखनगर ब्लास्ट के मामले में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को अब कोर्ट से सजा मिलेगी, पर पटना ब्लास्ट; में मामले में तीन वर्षों के बाद अब भी उसके खिलाफ एनआईए की चार्जशीट का इंतजार है। आईएम का सेकेंड मैन; रहा मोनू पटना व बोधगया ब्लास्ट का भी मास्टर माइंड; रहा है। 2013 में हुए दिलसुखनगर ब्लास्ट व पटना ब्लास्ट की टाइमिंग में छह महीने का अंतर है, पर जांच एजेंसी एनआईए ही है। जांच की ताजा स्थिति यह है कि 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान व पटना जंक्शन पर हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में मोनू को छोड़ कर आईएम के 11 आतंकियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। इनमें इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, नोमान अंसारी, मुजीबुल्लाह, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, मो. फखरुद्दीन, तौफिक अंसारी, असलम परवेज आैर इफ्तिखार शामिल हैं।
कोर्ट में चल रहा ट्रायल
पटना ब्लास्ट में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। इस कड़ी में एनआईए की ओर से गवाही चल रही है। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के सरगना मोनू के खिलाफ आने वाले समय में चार्जशीट दायर की जाएगी। समस्तीपुर जिले के मनियारपुर गांव के मूल निवासी आईएम आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को पटना ब्लास्ट के छह महीने बाद वर्ष 2014 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। अहम पहलू यह भी है कि वह एक राजनीतिक दल के नेता के परिवार से जुड़ा हुआ है। एनआईए की विशेष अदालत ने उसे करीब दो वर्ष पहले हुए दिलसुखनगर ब्लास्ट (हैदराबाद) मामले में दोषी करार दिया है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन अन्य ब्लास्ट के मामले में बिहार व अन्य राज्यों की अदालतों में भी उसके खिलाफ मामले चल रहे हैं।
हैदराबाद के बाद बोधगया व पटना में सीरियल ब्लास्ट, मोनू था आईएम का मोटिवेटर
हैदराबाद में खूनी इबारत लिखने के बाद पाक समर्थित इंडियन मुजाहिदीन ने बिहार को निशाने पर लिया था। आतंक की इस कहानी की शुरुआत करीब तीन वर्ष पहले शुरु हुई थी। तब पहली बार आतंकियों ने राज्य में दस्तक देते हुए महज छह महीने के अंदर दो शहरों बोधगया व पटना को दहला दिया था। इसके पीछे आईएम के दूसरे नंबर के आका तहसीन अख्तर उर्फ मोनू द्वारा बनाए गए रॉची मॉड्यूल का हाथ था। दरभंगा मॉड्यूल के जरिए आतंक की गलियों में पहुंचा मोनू बम ब्लास्ट से जुड़ी साजिशों का मेन प्लांटर होने के साथ ही मोटिवेटर भी था। हैदराबाद के दिलसुखनगर में 21 फरवरी 2013 को दो ब्लास्ट को अंजाम देकर 18 लोगों को मारने के बाद मोनू ने झारखंड में ठिकाना बनाते हुए बिहार पर नजरें गड़ाई थी। इसके बाद जुलाई में बोधगया में महाबोधि मंदिर व आसपास सीरियल ब्लास्ट किए पर संयोगवश किसी की मौत नहीं हुई। फिर तीन महीने बाद 27 अक्टूबर 2013 को पटना में तत्कालीन मुख्यमंत्री व भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पर के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (पीएम) की रैली के दौरान गांधी मैदान व जंक्शन पर हुए सिलसिलेवार धमाकों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।