नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ‘पदयात्रा’ (फ्रीडम मार्च) को झंडी दिखाई तथा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’India@75 के पूर्वावलोकन कार्यकलापों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, केन्द्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल तथा गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी और गांधी आश्रम ट्रस्टी भी उपस्थित थे।
साबरमती आश्रम में जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव, 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।उन्होंने महात्मा गांधी और महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी।
प्रधानमंत्री ने पांच स्तंभों अर्थात स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कार्रवाइयां तथा 75 पर संकल्प को प्रेरणा मानते हुए सपनों और दायित्वों को बनाए रखने तथा आगे बढ़ने के मार्गदर्शी बल के रूप में दोहराया।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आजादी अमृत महोत्सव का अर्थ स्वतंत्रता की ऊर्जा का अमृत है। इसका अर्थ हुआ स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की प्रेरणाओं का अमृत; नए विचारों और संकल्पों का अमृत और आत्मनिर्भरता का अमृत।
इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि 91 वर्षों के बाद अब हम सभी उसी भूमि पर खड़े हैं जहां गांधी जी ने दांडी यात्रा आरंभ की थी। लेकिन अब यह पूरी तरह से बदला हुआ भारत है। प्रधानमंत्री के शब्दों का स्मरण करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने कहा कि भारत की यात्रा अब आत्मनिर्भरता तथा आत्मसम्मान के साथ जानी जाएगी। विश्व फलक पर हमारी छवि अब योगदान दाता की है। नए और आत्मनिर्भर भारत ने विश्व को दवाइयों और टीकों की आपूर्ति की है। हम श्रम और मेहनत पर फोकस करना चाहते हैं जिससे कि हमारे भविष्य की पीढ़ी सुदृढ़ बने। प्रधानमंत्री का विजन है कि जब देश आजादी की 100वीं वर्षगांठ बनाए तब हमारी उपलब्धियां और सांस्कृतिक गौरव दुनिया के सामने एक सुनहरा उदाहरण बने। श्री प्रहलाद सिंह ने यह भी कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जनमहोत्सव होगा तथा आम जनता की दिलचस्पी के अनुरूप कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। वास्तव में इन कार्यक्रमों का आयोजन खुद नागरिकों द्वारा ही किया जाएगा।
श्रोताओं को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने प्रधानमंत्री को गुजरात की भूमि से हमारी आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों की शुरुआत करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दांडी यात्रा हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एक आशावान भविष्य के लिए अपने अतीत को समझना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज पूरे देश का ध्यान गुजरात पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि गुजरात के दो सपूतों अर्थात गांधी जी और सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में केंद्रीय भूमिका निभाई और अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में हमारा राष्ट्र देश को एक विश्व गुरु के रूप में परिवर्तित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर India@75 की वेबसाइट लांच की। उन्होंने विलुप्त होने के कगार पर खड़े कारीगरों/शिल्पकारों के कौशलों तथा कलाओं को संरक्षित करने के लिए साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक ट्रस्ट की साझेदारी में संस्कृति मंत्रालय के “आत्मनिर्भर इंक्यूबेटर” कार्यक्रम की भी शुरुआत की।
“वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा देने के लिएप्रधानमंत्री द्वारा एक अनूठा चरखा अभियान भी आरंभ किया गया।
इस अवसर पर “आजादी का अमृत महोत्सव” पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई और दांडी यात्रा गीत आयोजित की गई। इस अवसर पर देश की सांस्कृतिक विभिन्नताओं तथा विविधता को प्रदर्शित करते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना में रंगारंग और प्रेरणादायी सांस्कृतिक प्रदर्शन किए गए। इन प्रदर्शनों में विख्यात तमिल कवि सुब्रमणिया भारती से लेकर बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा वंदे मातरम जैसे देश भक्ति गाने तथा कश्मीर के खूबसूरत सांस्कृतिक कार्यकम शामिल थे।
आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। यह महोत्सव जनभागीदारी की भावना में एक जन-उत्सव के रूप में पूरे देश भर में मनाया जाएगा।