गांव मामलीका का मारपीट का मामला हत्या में तब्दील

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मारपीट में घायल व्यक्ति की हुई मौत 

यूनुस अलवी

मेवात :   पुन्हाना खण्ड के गांव मामलीका में करीब आठ महिने पहले लाठी डंडो और तेज हथियारों से किये गये हमले में घायल एक व्यक्ति की उपचार के दौरान हुई मौत के बाद पुलिस ने दर्ज किये गये मुकदमें में हत्या कि और धारा जोड दी है। हत्या के आरोपी अदालत से फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं लेकिन अब उनको दुबारा से जमानत करानी होगी। वहीं एमएलआर काटने वाले डाक्टर द्वारा एक ही आदमी कि दो अलग-अलग ओपिनियन देने से मामला पहले ही उलझ गया था लेकिन अब विसरा कि रिपोर्ट में सद्दीक की चोटों से मौत होने का कारण पाये जाने से आरोपियों कि मुश्किल बढ गई हैं। वहीं पुलिस ने सभी नामजद 14 आरोपयिों की गिरफ्तारी तेज कर दी है।

 

गांव मामलीका निवासी शब्बीर पुत्र इसमाईल ने बताया कि गांव मेें बीपीएल का राशन ने बांटने पर करीब दो दर्जन से अधिक लोगों ने गांव के डीपू होल्डर के खिलाफ शिकायत दी हुई थी जिसकी जांच करने के लिये गत 12 मई 2016 को गांव में सरकारी अधिकारी आये हुऐ थे, वे भी आपने राशन कार्डो को लेकर गांव के सरपंच के घर गये हुऐ थे।

 

इसी दौरान डीपू होल्डर वरसीना, उसका पति साहून के अलावा हनीफ, मगरू, अली बहादुर, रोजदार, नियाजू, आबिद, सोहल, जैकम, मुस्तुफा, अकबर, जूहूरूदीन और दीन मोहम्मद सहित डेढ दर्जन लोग लाठी, डंडे लेकर आये और आरोपियों ने आते ही उनको और शिकायतकर्ताओं को मारना पीटना शूरू कर दिया। जिसमें सद्दीक, रिजवान, शब्बीर, सलीम, अनीश सहित आधे दर्जन लोगों के हाथ, पैर तोड दिये और सद्दीक को इतना मारा कि उसके बचने की उम्मीद ही नहीं बची थी।

 

आखिरकार सद्दीक कि 9 अगस्त को मौत हो गई थी लेकिन पुलिस ने बिना विसरा रिपोर्ट आये मामले में धारा 302 जोडने से मना कर दिया था। दो दिन पहले मेडिकल कि विसरा रिपोर्ट में चोटों के कारण हुई मौत की तस्दीक हो जाने से पुलिस ने गत 13 मई 2016 को दर्ज किये गये मुकदमा में धारा 148, 149, 323 और 506 के अलावा धारा 302 भी जोड दी गई है।

क्या कहती है पुलिस ?

पिनगवां पुलिस चौकी प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि मामलका निवासी शब्बीर कि शिकायत पर दिनांक 13 मई को मुकदमा दर्ज किया गया था। उसमें अन्य धाराओं के अलावा हत्या कि धारा 302 भी जोड दी गई है। उन्होने बताया कि अधिक्तर आरोपी जमानत पर चल रहे हैं लेकिन अब सभी को दुबारा से गिरफ्तार करना होगा।

एलएलआर एक ओपिनियन अलग-अलग 

    पीडित के वकील जावेद ने बताया कि झगडे में करीब आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे। जिनमें सद्दीक की हालत नाजुक थी जिसके सिर में कई गंभीर चोटें लगी थी। पुन्हाना में उसकी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले डाक्टर ने दिनांक 18 जून को आपनी ओपिनियन में हत्या का प्रयास और हड्डी टूटने की ओपिनियन दी थी, जिसपर पुलिस ने इस मामले में धारा 307 और 325 भी इजाद कर दी लेकिन उसी डाक्टर ने उसी सद्दीक की एमएलआर में दिनांक पहली जुलाई को दुसरी ओपिनियन देकर उन्ही चोटो को सामान्य करार दे दिया जिससे पुलिस ने मुकदमेें से धारा 307 और 325 हटा दी। वहीं उन्हीं चोटों में विसरा कि आई रिपोर्ट में मौत होने का कारण बनाया गया है, जिसके आधार पर सद्दीक की मौत हुई है।

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