मिस्र के पिरामिड से जुड़ी बातें

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मिस्र के प्रेसिडेंट अब्देल फतह अल सिसी आज से भारत के ऐतिहासिक दौरे पर आ रहे हैं। मिस्र की संस्कृति दुनिया की प्राचीनतम संस्कृति मानी जाती है। यहां पर कई ऐतिहासिक इमारतें भी हैं। इनमें मिस्र के पिरामिड सबसे ज्यादा मशहूर है। हर साल इन्हें देखने लाखों टूरिस्ट जाते हैं। हालांकि, इससे जुड़ी ऐसी कई बातें है जो आज भी विज्ञान के लिए किसी रहस्य की तरह हैं। हम यहां पर इन पिरामिड से जुड़ी कुछ रोचक बातें बता रहे हैं।

1. मिस्त्र के पिरामिड में राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा जाता है। जिसे हम दूसरी भाषा में मम्मी कहते हैं।इन शवों के                    स्त्र,गहने,बर्तन,हथियार या अन्य चीज़ें भी दफनाई जाती थी।
2. मिस्त्र में कुल 138 पिरामिड हैं ,जो कि 13 एकड़ की ज़मींन में फैली हुई है। यह 450 फ़ीट ऊँचा है। इसे ‘ग्रेट पिरामिड कहा जाता है।
3. ऐसा कहा जाता है की पिरामिड को बनाने में लगभग 30 साल का समय लगा था। तथा इसे 30 लाख से ज़्यादा मजदूरों ने मिल कर इसे        बनाया था।
4.इस पिरामिड में 2 से लेकर 30 तन तक के 23 लाख चूना पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
5. इस पिरामिड के अंदर का तापमान हमेशा 20 डिग्री तक रहता है।चाहे बहार का तापमान कितना भी हो। 6.तथ्यों के आधार पर इनका         निर्माण करीब 2560 ईसा पूर्व पहले मिस्त्र के शाशक खुफु के चौथे वंश ने अपनी कब्र के तौर पर बनवाया था।
7. विशेषज्ञओं के मुताबिक पिरामिड के बहार पत्थरों को इस तरह लगाया गया है की इनके  जोड़ मैं एक ब्लेड भी नहीं घुसाई जा सकती है।
8. पिरामिड के पत्थरों को 30 सेंटीमीटर मोटे टुकड़ों में काटें, तो उनसे फ्रांस के चरों और एक मीटर ऊँची दिवार बनाई जा सकती है।
9. पिरामिड के नीव के चरों ओर के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाए गए हैं, ताकि ऊष्मा से होने वाले प्रसार और भूकंप से यह सुरक्षित            रहे।
10.मिस्त्रवासी पिरामिड का इस्तेमाल वैधशाला,कईलेंडर, सनडायल और सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी की गति और प्रकाश के वेग को जानने       के लिए करते थे।

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