गुडग़ांव, 24 जनवरी: जिला जेल में कार्यरत लाईन ऑफिसर के रिश्वत लेने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने दोषी लाईन ऑफिसर को 10 साल की कैद व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी लाईन ऑफिसर को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
गत दिवस अदालत ने आरोपी कृपा राम को राज्य
चौकसी ब्यूरो द्वारा अदालत में पेश किए गए गवाहों व सबूतों के आधार पर दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने सुना दिया है। गौरतलब है कि गुडग़ांव के मनीष भारद्वाज ने वर्ष 2017 की 29 दिसम्बर को गुडग़ांव के राज्य चौकसी ब्यूरो में शिकायत दी थी कि उसका दोस्त सुरेंद्र उर्फ टुण्डा हत्या के मामले में जिला जेल में बंद है।
सुरेंद्र की पत्नी सीमा ने उसे बताया कि सुरेंद्र का जेल से फोन आया था और उसने बताया था कि उसको जेल वार्ड से मेंटल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है तथा उसे सोनीपत जेल भेजे जाने की तैयारियां चल रही हैं। उसने यह भी बताया था कि इस कार्यवाही को रुकवाने के लिए जिला जेल में कार्यरत लाईन ऑफिसर कृपा राम ने डेढ़ लाख रुपए बतौर रिश्वत की मांग की है।
शिकायतकर्ता का कहना था कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता, लेकिन जेल में बंद सुरेंद्र को परेशान किया जा रहा है। राज्य चौकसी ब्यूरो ने छापामार टीम का गठन कर शिकायतकर्ता से सोहना रोड़ स्थित जिला जेल मोड़ पर आरोपी कृपा राम को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया था और उसे जेल भेज दिया गया था। मामले की सुनवाई अदालत में चली। राज्य चौकसी ब्यूरो ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने अब सुना दिया है।