यूनुस अलवी
पुन्हाना : सोमवार को इसलाम धर्म के आखरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिवस यानि ईद मिलादुन्नबी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मेवात जिला में इसलाम धर्म के मानने वालों ने जूलूस कि शकल में एक रैली का आयोजन किया और मेवात जिला के कस्बा नूंह, तावडू और पिनगवां में मोहम्मद साहब के जन्म दिवस को एक खुशी के त्योंहार के रूप में मनाया।
इस मौके उलेमाओं ने मोहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डाला और उनको केवल इसलाम धर्म का नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये नबी बनाकर भेजा गया है। मोलाना मोहम्मद जमील का कहना है कि 12 रबिउलअव्वल को ही मोहम्मद साहब की पैदाईश हुई थी और इसी दिन उनकी वफात (मृत्यु) हुई थी।
इस दिन को मुस्लिम समाज का एक तबका उनके जन्म दिवस को जहां एक खुशी के रूप में मनाता है जबकी दूसरा तबका उनके जन्म दिवस को मनाने से परहेज करता है। मोहम्मद का संदेश देने और जो लोग इसलाम के नाम पर आंतक फैलाते हैं उनको गलत बताया गया। उलेमाओं का कहना है कि मोहम्मद साहब के पैगाम और उनके तरीके पर चलकर पूरी दुनिया में शांति कायम की जा सकती है। उनका कहना है कि पूरी दुनिया के लिये मोहम्मद साहब एक शांति का पैगाम लेकर आये थे और उन्होने पूरी दुनिया का अमन भाई चारा से रहने का रास्ता दिखा था।