एसटीआईपी की बैठक में विशेषज्ञों का राज्य स्तर पर शोधकर्ताओं का नेटवर्क विकसित करने पर बल

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नयी दिल्ली : 5वीं राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (एसटीआईपी) की पहली पोस्ट-ड्राफ्ट परामर्श बैठक का 21 जनवरी 2021 को आयोजन किया गया। इस बैठक में विशेषज्ञों ने राज्य स्तर पर शोधकर्ताओं का नेटवर्क विकसित करने और उसे राष्‍ट्रीय स्‍तर पर जोड़ने, प्रौद्योगिकीय रूप से पिछड़े क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍टता के केन्‍द्र स्‍थापित करने तथा अंतर संस्‍थागत सहयोग स्‍थापित करने के लिए केंद्र-राज्य सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। 

एसटीआईपी सचिवालय के प्रमुख डॉ. अखिलेश गुप्ता ने विचार-विमर्श करने वाले दिग्‍गजों, सरकार के प्रतिनिधियों और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के शिक्षाविदों तथा उद्योग प्रतिनिधियों के साथ पोस्ट-ड्राफ्ट एसटीपी के परामर्श के दौरान कहा कि इस परामर्श के माध्यम से प्राप्‍त सुझाव प्रतिक्रिया और टिप्पणियां बहुत ही सुखद रही हैं और एसटीआईपी मसौदे को संशोधित करते समय इन्‍हें शामिल किया जाएगा। 

उन्होंने एसटीआई इकोसिस्‍टम से संबंधित और सृजित सभी प्रकार के डेटा के एक केन्‍द्रीय भंडार के रूप में राष्‍ट्रीय एसटीआई वेधशाला जैसी एसटीआईपी की सिफारिशों पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने सभी सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान के आउटपुट तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक समर्पित पोर्टल आईएनडीएसटीए,  एक राष्ट्र एक प्रमाणीकरण, भारत में ग्रामीण समस्याओं पर ध्यान देते हुए अनुसंधान समाधान प्रदान करने, जमीनी स्तर के नवाचारों को सहायता प्रदान करने, समुदाय की जरूरतों के लिए संलग्न विश्वविद्यालयों का सृजन, इक्विटी और समावेश,  प्रवासी भारतीयों का अधिक से अधिक जुड़ाव, राष्ट्रीय नीति अनुसंधान संस्थान की स्‍थापना  आदि के बारे में भी जानकारी दी। 

डॉ् गुप्ता के नेतृत्व में एसटीआईपी सचिवालय द्वारा ड्राफ्ट एसटीपी को एक साथ संलग्‍न किया गया, जिसमें भारत सरकार  के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भी सहयोग किया है। सचिवालय ने 300 से अधिक दौर की चर्चाओं में देश और विदेश के 43,000 से अधिक हितधारकों को शामिल करते हुए एक व्यापक विचार-विमर्श प्रक्रिया का आयोजन किया। एसटीआईपी को 31 दिसंबर 2020 को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था। तब से  सुझावों और सिफारिशों को आमंत्रित करने के लिए अनेक पोस्‍ट ड्राफ्ट परामर्श शुरू किए गए हैं। अगले 2 सप्ताहों के दौरान परामर्श की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है।

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के उप-कुलपति प्रोफेसर राजकुमार ने इस आयोजन की अध्यक्षता की। उन्‍होंने स्थानीय लोगों की जरूरतों अनुसंधान तथा विकास को उद्योग के साथ जोड़ने के बारे में ध्‍यान देते हुए विचार-विमर्श करते समय पुनरीक्षण और पुन: ध्‍यान केन्द्रित करने की जरूरत पर जोर दिया। 

सरकार, शिक्षा और उद्योग के प्रतिनिधियों ने डेटा भंडार स्‍थापित करने, प्रौद्योगिकी सुविधा केंद्रों की स्थापना करने जैसे पहलुओं पर टिप्पणियां और सुझाव दिए। एसटीआईपी सचिवालय और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में नीति अनुसंधान के लिए डीएसटी केन्‍द्र ने ईमेल [email protected] पर 31 जनवरी 2021 तक मसौदा दस्तावेज पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया आमंत्रित की है।

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