चंडीगढ़ 16 जनवरी : मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 52वीं बैठक में 245 करोड़ रुपये की 218 नई योजनाओं और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की 49.27 करोड़ रुपये की 6 योजनाओं को मंजूरी दी गई। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे. पी. दलाल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों और अन्य विभागों के अधीक्षण अभियंताओं (एसई) को लघु अवधि की योजनाओं को 30 जून, 2021 तक पूरा करने के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तेजी से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उपायुक्तों और जिला नगर आयुक्तों के साथ तालमेल रखें और उन क्षेत्रों, जहां जलभराव की संभावना है, जिन्हें आज की बैठक में अनुमोदित योजनाओं में शामिल नहीं किया गया है, ऐसे क्षेत्रों से पानी की निकासी के लिए अलग से डीवाटरिंग योजनाओं का मसौदा तैयार करें, ताकि जलभराव की समस्या से निपटा जा सके।
बैठक के दौरान सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि बाढ़ से बचाने के अलावा प्रदेश सरकार के जल संरक्षण के विजऩ को आगे बढ़ाते हुए सिंचाई विभाग ने जल संरक्षण और भूमि पुनरुद्धार पर अधिक जोर दिया है। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में स्वीकृत 218 योजनाएँ जल संरक्षण, पुनरुद्धार, आबादी/कृषि भूमि का संरक्षण, बाढ़ मशीनरी की खरीद और पुलों इत्यादि की मरम्मत व पुनर्निर्माण से संबंधित हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले साल यमुना नदी में कोई बाढ़ की स्थिति नहीं थी, हालांकि हिसार, सोनीपत, अंबाला, झज्जर, जींद, जैसे कुछ जिलों में भारी बारिश के कारण जलभराव की समस्या हुई थी। उन्होंने कहा कि 6 जनवरी, 2021 को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा राज्य सलाहकार समिति द्वारा प्रस्तावित सभी बाढ़ सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा और सिफारिश की गई।
उन्होंने पिछले वर्ष कार्यान्वित भूमि/मृदा पुनरुद्धार पायलट योजनाओं की सफलता के बारे में बताया और सब मर्ज एरिया के पुनरुद्धार के लिए अन्य जिलों में भी इन योजनाओं के व्यापक क्रियान्वयन में तेजी लाने का भी प्रस्ताव दिया, जिससे फसलों को बचाया जा सके और कृषि उपज बढ़ सके।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म सिंचाई पहल के तहत “सूक्ष्म सिंचाई से हर खेत में पानी” पहुंचाने के उद्देश्य से वेब पोर्टल https://cadaharyana.nic.in भी लॉन्च किया। इस पोर्टल के माध्यम से किसान/डब्ल्यूयूए सूक्ष्म सिंचाई (एमआई) प्रणाली के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट में सूक्ष्म संिचाई प्रणाली पर 95 प्रतिशत सब्सिडी की दर से सामुदायिक आधारित सोलर / ग्रिड पॉवर इंटिग्रटिड माइक्रो इरिगेशन की स्थापना के लिए वॉटरकोर्स को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि अपने खेतों में सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए किसानों या किसानों के समूह को न्यूनतम 25 एकड़ जमीन के कलस्टर के साथ आना होगा। सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए किसानों की ओर से 5 प्रतिशत सूक्ष्म सिंचाई लागत योगदान के साथ हितधारकों (किसानों) की शत-प्रतिशत सहमति और 25 एकड़ जमीन हेतु टैंक के निर्माण के लिए 2 कनाल मुफ्त जमीन मुख्य आवश्यकता होगी। इसलिए सरकार द्वारा इस वेब पोर्टल के माध्यम से भंडारण टैंकों, सौर पंपों और सूक्ष्म सिंचाई घटकों जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर को सब्सिडी दरों पर पारदर्शी तरीके से प्रदान किया जाएगा।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों के साथ-साथ जिला नगर आयुक्तों को मुख्यमंत्री द्वारा आगामी मानसून सीजन से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए अपनी व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और चकबंदी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त श्री संजीव कौशल, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) और वास्तुकला विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस. एन. रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, वन एवं वन्यजीव विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती जी. अनुपमा, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री ए. के. सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री अमित कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।