शौच मुक्त बनाने को बीईओ ने लिए 51 गांव गोद  

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14 पंचाायतों को 31 दिसंबर तक बाकी 31 मार्च तक होंगे शौच मुक्त

यूनुस अलवी

मेवात : मेवात जिला को शत प्रतिशत शोचमुक्त बनाने के लिये जहां जिले के अधिकारियों, सरपंचों और प्रमुख लोगों ने अपनी ओर से दिन रात एक कर रखे हैं वहीं मेवात जिले के खण्ड नगीना का एक ऐसा भी अधिकारी है जिसने अकेले अपने ही दम पर खण्ड के करीब 51 गावों को शोचमुक्त करने का बीडा उठाया है। वहीं बीईओ का कहना है कि उसने खुद ही इतने गावों को शोचमुक्त करने के लिये डीसी से कहा था और अब तक वह करीब पांच पंचायतों को शोचमुक्त बना चुका 10-dec-16-aहै तथा 14 ग्राम पंचाायतों को 31 दिसंबर तक और बाकी सभी ग्राम पंचायतों को 31 मार्च तक शोचमुक्त कर देगें।

 

    गौरतलब है कि करीब 2 महिने पहले नूंह जिले के उपायुक्त मणीराम शर्मा ने जिले के सभी विभागों के अधिकारियों की बेठक कर मेवात को शत प्रतिशत शोचमुक्त बनाने का आहवान किया था। उस समय डीसी ने अधिकारियों की डिमांड पर शोचमुक्त बनाने के लिये गांव सौंपे थे। जिनमें अधिक्तर अधिकारियों को दो से तीन गांव सौपें गये थे वहीं मीटिंग में मौजूद नगीना खण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी डाक्टर अबदुल रहमान ने उसे ज्यादा से ज्यादा गांव सौंपने का आग्रह किया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शोचमुक्त बनाने के लिये भेजी गई सूचि में बीईओ अबदुल रहमान को नगीना खण्ड की 32 पंचायतें जिनमें करीब 51 गांव, तावडू खण्ड के बीईओं को 6 गांव, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका के बीईओं और नूंह के डीईओ को तीन गांव क्रमश तीन-तीन गांव शोचमुक्त बनाने के लिये सौंपे गये थे।

 

ये हैं वो 51 गांव ओडीएफ    

नगीना खण्ड के बीईओ डाक्टर अबदुल रहमान को उनके ही आग्रह पर मेवात के डीसी मणि राम शर्मा ने उसने शोचमुक्त बनाने के लिये नगीना ब्लोक के गांव मांडीखेडा, मोहम्मद नगर, जाटका सिसोना, सुलतानपुर नूंह, बुखाराका, डूंगरा शहजादपुर, बाजीदपुर, रनियाला पटाकपुर, ढाडोली, खानपुर घाटी, ढाडोला, डुगरी, हसनपुर नूंह, गोहाना, जलालपुर फिरोजपुर, नाईनंगला, रानीका, अकलीमपुर, भादस, सादीपुर, अटेरना शमाशाबाद, कुलताजपुर, जगराली, पटाकपुर, खेडलीकलां, उमरा, ऊमरी, खान मोहम्मदपुर, खूसपुरी, रीठट, नांगल मुबारिकपुर,सांटावाडी, गुमट बिहारी, इमाम नगर, नगीना, मूलथान, खेडली खुर्द, सरल, रोणपुर, नांगल शादीपुर, दानीबास, प्रतापबास, असाईसीका, पिथौरपुरी, बडकली, सरूपाबाद, शाहपुर, कुलताजपुर, पटाकपुर, फखरपुर खोयरी और भूडबास सहित  32 ग्राम पंचायत के करीब 51 गावों को शोचमुक्त बनाने के लिये आदेश दिये थे।

 

अब तक ये गांव ओडीएफ बन चुके है   

बीईओ अबदुल रहमान को अपने खण्ड के सभी गावों को 31 मार्च तक ओडीएफ यानि पूर्ण रूप से खुले से शोचमुक्त गांव बनाने का दवाब बना हुआ है। वैसे वे अभी तक मांडीखेडा, मोहम्मद नगर, जाटका सिसोना, सुलतानपुर नूंह, बुखाराका सहित पांच गावों को शोचमुक्त बना भी चुके हैं लेकिन इसके लिये उनको करीब 12 घण्टे तक फील्ड और ऑफिस में काम करना पडता है। उनके कंधों पर जहां डीसी द्वारा गोद दिये गावों को शोचमुक्त बनाने के लिये दिन रात महनत करनी पड रही है वहीं वह फील्ड में स्कूलों की चैकिंग करने जरूर जाते हैं, इसके अलावा वह देर रात तक अपने कार्यालय में बेठक ऑफिस का काम निपटाते हैं। गांव में प्रमुख लोगों के साथ पंचायत या बेठक कर लोगों को शोचमुक्त बनाने के लिये प्रेरित करते हैं।
क्या कहते हैं समाजसेवी

    समाजसेवी एवं मेवात विकास सभा के अध्यक्ष उमर मोहम्मद का कहना है कि शतप्रतिशत शोचमुक्त बनाना एक अच्छी बात है, इसके लिये सभी अधिकारियों, समाजसेवियों और प्रमुख लोगों को भी जिम्मेदारी निभानी चाहिये न कि किसी एक अधिकारी पर इतना लोड डाल दिया जाये कि वह कुछ कर भी ने सके। उनका कहना है कि अगर इन 51 गावों में से अन्य अधिकारियों को भी थोडे-थोडे गांव बांट दिये जाते तो इससे जहां एक अधिकारी पर बोझ कम होता वहीं ये गांव जल्दी ही शोचमुक्त हो जाते।
क्या कहते है बीईओ

  बीईओ अबदुल रहमान का कहना है कि उसने ये पंचायतें खुद डीसी से कहकर ली थी, वह आसानी से इन सभी 51 गावों को 31 मार्च से पहले ओडीएफ बनाकर ही दंम लेगा वहीं इससे सरकारी कामकाज पर भी कुछ असर नहीं पडेगा। इसके लिये वह हर रोड 10 से 12 घण्टे तक काम करता है। गांव के प्रमुख लोगों और अधिकारियों का उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है।

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