नई दिल्ली। सुनीत शर्मा ने रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद संभाल लिया। वह भारत सरकार के प्रधान सचिव स्तर के अड़गिकारी हैं। आईआरएसएमई श्री शर्मा 1978 बैच के एसपीआरए ऑफिसर है। भारतीय रेलवे में लगभग 37 वर्षों के लंबे अनुभव के साथ श्री शर्मा रेलवे की विविध गतिविधियों से संबंधित विशेषज्ञता रखते हैं। इस दौरान उन्होंने जर्मनी फ्रांस और अमेरिका में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
केंद्र सरकार की अप्वाइंटमेंट कमिटी ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दी जो इससे पूर्व ईस्टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर के रूप में कार्यरत थे।
उल्लेखनीय है कि सुनील शर्मा ने 1979 स्पेशल क्लास अप्रेंटिस के रूप में तब इंडियन रेलवे जॉइन किया था जब वह आईआईटी कानपुर में अध्ययनरत थे। उन्होंने मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की थी। रेलवे में सर्विस के दौरान उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया। वर्ष 2006 में मुंबई ट्रेन विस्फोट के समय सुनीत शर्मा रेलवे के उन अधिकारियों की टीम में शामिल थे जिन्होंने इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद कुछ समय में ही रेलवे को पुनः ट्रैक पर ला दिया था । एडीआरएम मुंबई सीएसटी के रूप में उन्हें सब अर्बन नेटवर्क सर्विसेज को विस्तार देकर मुंबई की लाइफ लाइन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाता है।
चीफ मैकेनिकल इंजीनियर डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी के रूप में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्रोडक्शन शुरू कराने मैं उनका योगदान सराहनीय रहा है। डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में तब्दील करने में उनके नेतृत्व में रिकॉर्ड टाइम में सफलता मिली थी।
श्री शर्मा जनरल मैनेजर मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली के पद पर रहते हुए 1 साल में मॉडर्न पैसेंजर कोचिंग के उत्पादन को रिकॉर्ड संख्या में करने के लिए जाने जाते हैं।
इसके अलावा श्री शर्मा ईस्टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर भी रहे और माल ट्रेन की गति को बढ़ाने की दिशा में उनका निर्णायक योगदान रहा। इस जोन में रेलवे की आधारभूत संरचनाओं को विस्तार देने और मजबूत करने में भी उन्होंने महती भूमिका अदा की है।