नई दिल्ली। देश आज उन सभी शहीदों को नमन कर रहा है जिन्होंने 13 दिसंबर वर्ष 2001 को भारत की संसद पर हुए आतंकवादी हमले को नाकाम बनाने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। इस हमले में 8 सुरक्षाकर्मी और एक माली शहीद हो गए थे। देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी वरिष्ठ मंत्रियों एवं नेताओं ने आज संसद भवन में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शहीदों को सलामी दी गई और पुष्प चक्र समर्पित कर उनके अतुलनीय योगदान को याद किया गया। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई वरिष्ठ मंत्री और सांसद भी शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि आज से ठीक 18 साल पहले 13 दिसंबर को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने संसद भवन पर अचानक हमला कर दिया था।
13 दिसंबर, 2001 को पांच आतंकवादी लाल बत्ती और गृह मंत्रालय का नकली स्टीकर लगी एंबेसडर कार से संसद भवन परिसर में घुस गए थे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी।
जैसे ही यह कार गेट नंबर 12 की तरफ बढ़ने लगी थी तभी संसद की सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी को इस पर संदेह हुआ।
12 नंबर गेट की तरफ बढ़ रही कार को जब सुरक्षाकर्मियों ने वापस मुड़ने पर मजबूर किया तो यह तत्कालीन उप राष्ट्रपति कृष्ण कांत के वाहन से टकरा गई।
टक्कर होते ही आतंकवादी कार से उतरे और गोलियां बरसानी शुरू कर दी। तब तक अलार्म बजा दिया गया था और संसद के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए थे।
लगभग 30 मिनट तक चली फायरिंग में सभी पांचों आतंकवादी मारे गए। वहीं एक माली और आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। हमले के समय संसद में 100 से ज्यादा सांसद मौजूद थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान पर खेलते हुए उन्हें खरोंच तक नहीं आने दी। हमले में 15 लोग घायल हुए थे।