नई दिल्ली। दक्षिण भारत के तमिलनाडु और केरल के तट की ओर बन रहे कम दबाव के क्षेत्र को देखते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) के साथ बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप के सलाहकार और विभिन्न मंत्रालयों के सचिव भी मौजदू थे।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक ने तूफान की सक्रियता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिणी समुद्री तट पर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। उसकी वजह से तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप के इलाकों में 2-4 दिसंबर के बीच भारी वर्षा की आशंका है। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा की वजह से फसलें और जरूरी सेवाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसलिए 4 दिसंबर तक इन इलाकों में मछली पकड़ने से संबंधित गतिविधियों को पूरी तरह से निलंबित कर देना चाहिए।
बैठक के दौरान तमिलनाडु, केरल के मुख्य सचिव, लक्षद्वीप के सलाहकार ने एनसीएमसी को राज्य की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान उन लोगों ने बताया कि, उनके राज्य के जिलों में मौजूद जिला आपदा प्रबंधन समितियां, मछुआरों को लगातार तूफान से संबंधित चेतावनी दे रही हैं। साथ ही प्रभावित होने वाले इलाकों में बचाव दल भी तैनात किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने तैयारियों के संबंध में बताया कि जरूरी राहत दल संबंधित क्षेत्रों में तैनात कर दिए गए हैं। जबकि अतिरिक्त दलों को पूरे तमिलनाडु में भी किसी आकस्मिक स्थिति के लिए तैनात कर दिया गया है।
बैठक के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय, टेलीकम्युनिकेशंस, विद्युत, गृह मंत्रालय के सचिव के साथ एनडीएमए और रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी अपनी तैयारियों की जानकारी एनसीएमसी को दी।
कैबिनेट सचिव ने सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों से कहा है कि तूफान को देखते हुए ऐसी व्यवस्थाएं करें, जिससे नुकसान कम से कम हो। साथ ही इस बात का खास ध्यान रखे, कि तूफान से बाधित सेवाओं को जल्द से जल्द पुर्नस्थापित हो जाये।