नई दिल्ली। इन्फैंट्री, जोकि भारतीय सेना का सबसे बड़ा अंग है, के योगदानों की याद में 27 अक्टूबर 2020 को इन्फैंट्री डे मनाया गया। इस दिवस का इन्फैंट्री के लिए एक अनूठा महत्व है, क्योंकि 1947 में इसी दिन भारतीय सेना के पैदल सैनिक श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरने वाले पहले सैनिक बने थे। यह एक ऐसा कदम था जिसने श्रीनगर के बाहरी इलाके से आक्रमणकारियों को वापस खदेड़ दिया और जम्मू एवं कश्मीर राज्य को पाकिस्तान समर्थित कबायलियों के हमले से बचा लिया।
इन्फैंट्री डे समारोह के एक अंग के रूप में इन्फैंट्री के शहीदों, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में विभिन्न युद्धक्षेत्रों में सर्वोच्च बलिदान दिया, के सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक ‘पुष्पांजलि समारोह’ आयोजित किया गया। इस पवित्र अवसर पर जनरल बिपिन रावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, और जनरल एमएम नरवने, चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ ने इस रेजिमेंट के सभी कमांडरों एवं कर्नलों के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन मेघदूत के अलंकरण प्राप्त तीन दिग्गजों ब्रिगेडियर उमेश सिंह बावा, वीर चक्र (सेवानिवृत्त), सूबेदार (मानद कप्तान) संसार चंद, महा वीर चक्र (सेवानिवृत्त) और नायक जय राम सिंह, वीर चक्र (सेवानिवृत्त) ने भी इन्फैंट्री के पुराने सैनिकों की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर इन्फैन्ट्री के सभी सैनिकों को दिए अपने संदेश में, इन्फैंट्री के महानिदेशक ने उन्हें बहादुरी, बलिदान, अपने कर्तव्यों के प्रति निस्वार्थ समर्पण और पेशेवर रवैये के बुनियादी मूल्य के प्रति खुद को फिर से समर्पित करने और अपने देश की अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा के संकल्प में अडिग बने रहने का आह्वान किया।