“ पॉलिथीन मुक्त भारत, लायंस क्लब का सपना ”

Font Size

रोज लैन्ड पब्लिक स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन6-dec-5-a

गुरुग्राम : रोज लैन्ड पब्लिक स्कूल, एन. एच.8, गुरुग्राम एवं लायंस क्लब, गुरुग्राम सिटी द्वारा शुरू किए गए अभियान ‘Say No to Polythene – Save Mother Earth’  के अंतर्गत रोज लैन्ड पब्लिक स्कूल, एन. एच. -8, में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विद्यालय के स्टाफ व बच्चों को पॉलिथीन के दुष्प्रभावों के प्रति विस्तार से जानकारी दी गयी. क्लब की ओर से सभी को पॉलिथीन मुक्त भारत बनाने को प्रेरित किया गया. इस जागरुकता अभियान के प्रोजेक्ट चेयरमेन लायन डी. वी. तनेजा, रोज लैन्ड पब्लिक स्कूल के चेयरमैन वाई. पी. गोयल व रोज लैन्ड पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम शर्मा, लायन संदीप कुमार व राजीव कुमार, मैनेजर लायंस पब्लिक स्कूल सहित कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे.

 

स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने के लिए आयोजियत इस कार्यक्रम का आरम्भ विद्यालय की प्रधानाचार्या पूनम शर्मा के स्वागत भाषण से हुआ. उन्होंने   अपने संबोधन में ‘Say No to Polythene – Save Mother Earth’ विषय की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने उपस्थित लोगों को इस विषय पर चर्चा करने की आवश्यकता व इसके महत्व के बारे में समझाया.

सदा के लिए करें तौबा

कार्यशाला की मुख्य वक्ता जीव विज्ञान की वरिष्ठ शिक्षिका नीरज थीं. उन्होंने  ‘Say No to Polythene – Save Mother Earth’ अभियान की शुरुआत के लिए लायंस क्लब की सराहना की और पॉलिथीन के दुष्प्रभावों को वैज्ञानिक तथ्यों के साथ समझाया. उन्होंने सेमिनार में आये स्कूल के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों व बच्चों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की कि सभी पॉलिथीन से सदा के लिए तौबा कर लें. साथ ही अपने परिवार व समाज के अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें. नीरज ने लोगों के समक्ष वातावरण व मानव के साथ साथ वन्य जीवों पर भी पड़ने वाले कुप्रभावों को आंकड़ों के साथ समझाया. उन्होंने आगाह किया कि हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि प्लास्टिक प्रदूषण कई प्रकार से हो सकते हैं. यह भूमि, जलमार्ग व महासागर को भी बुरी तरह प्रभावित करते हैं. सबसे अधिक परेशानी वाली बात यह है कि पॉलिथीन मनुष्य के थाइराइड हारमोंस ग्लैंड पर भी बुरा असर डालता है जिससे हमारा शारीर कई प्रकार की विसंगतियों से ग्रस्त हो जाता है.

हम सब की भागीदारी होनी चाहिए

इस अवसर पर‘ स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ प्रोजेक्ट के चेयरमेन लायन डी. वी. तनेजा भी उप6-dec-6-aस्थित थे जो इस अभियान के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं. लायन तनेजा का मानना है कि इस विषय को सामाजिक आन्दोलन के रूप में तब्दील करने से ही आम लोगों में जागरूकता आएगी. यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि इसमें हम सब की भागीदारी होनी चाहिए. अगर हम पॉलिथीन का प्रयोग न करने के लिए लोगों को तैयार करेंगे तो इससे समाज व देश का भला होगा साथ ही यह आने वाली पीढ़ी को हमारी ओर से एक सौगात होगा कि उन्हें स्वच्छ वातावरण मिलेगा. वे स्वस्थ जीवन जी सकेंगे. उन्होंने सभी से पॉलिथीन को नकारने की अपील की और अपने जीवन के लम्बे अनुभवों को लोगों के साथ साझा किया. उन्होंने ध्यान दिलाया कि क्लोरिनेटेड प्लास्टिक से मिटटी में रासायनिक तत्व निकलते हैं जो भूमिगत जल में मिल कर हमारे शरीर तक पहुंच जाते हैं. यह बेहद खतरनाक है. इससे हमें अपनी पृथ्वी को बचाना है. उन्होंने कहा कि केवल कीमत कम होने की वजह से इसका उपयोग कर हमें अपने स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डालना चाहिए. कार्यक्रम में उन्होंने इसके विकल्प के रूप में लोगों में जूट से बने बैग भी वितरित किए.

जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा

लायंस पब्लिक स्कूल के मैनेजर राजीव कुमार ने इस अभियान को जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. उनका कहना था कि यह कार्यक्रम सफल व सार्थक तभी होगा जब समाज के हर उम्र के लोग इसे अपनाएंगे. शिक्षकों की भूमिका को अहम् बताते हुए उन्होंने सपष्ट किया कि लायंस क्लब जनहित के ऐसे विषयों को लगातार उठाता रहता है जिससे हजारों लोगों को लाभ मिलता है. समाज हित के लिए कम करना क्लब की प्राथमिकता है और इसलिए ही ‘Say No to Polythene – Save Mother Earth’ अभियान के तहत कई कार्यक्रमों व कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है. हमें ख़ुशी है कि अब तक सैकड़ों लोग इसमें शामिल होकर पॉलिथीन को त्यागने की कसमें खा चुके हैं.

विज्ञान के शिक्षकों की जिम्मेदारी

कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के चेयरमैन वाई. पी. गोयल ने इस मुहिम को शुरू करने के लिए क्लब की सराहना की. इसमें अध्यापकों की भूमिका को एक उत्प्रेरक के रूप में परिभाषित किया. शिक्षा में इसे शामिल करने का अध्यापकों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वे बच्चों को इसके लिए अवश्य प्रेरित करें. उनका तर्क था कि खास कर विज्ञान के शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि इस विषय पर बच्चों को अवश्य जानकारी दें. इससे बच्चों के माध्यम से यह जागरूकता उनके माता पिता तक पहुंचेगी. उनके विचारों में इस मद में अध्यापकों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हो सकती है. उन्होंने सभा में उपस्थित सभी लोगों का अभार प्रकट करते हुए ‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ की इस उम्मीद के साथ कामना की कि एक दिन हमारा देश पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त हो जाएगा.

You cannot copy content of this page