भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की पांच शहनाइयां चोरी

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10 साल बाद भी नहीं बन सका संग्रहालय

इनायत खान सम्मान व दो सोने के कंगन भी ले उड़े 

नई दिल्ली : चोरों ने भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान के परिवार को भी नहीं छोड़ा. खबर है कि विश्व प्रसिद्ध शहनाईवादक के यादगार धरोहरों में शुमार पांच शहनाइयां और कुछ जेवरात वाराणसी स्थित उनके बेटे के घर से चोरी हो गई है. बताया जाता है कि चोरी हुई शहनाइयों में से एक उनकी पसंदीदा शहनाई भी शामील है जो वह अक्सर मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे.
उल्लेखनीय है कि दुनिया में अपने जैसा अकेला शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान का इंतकाल लगभग दस बरस पहले हुआ और उनकी याद में संग्रहालय बनाने की मांग होती रही लेकिन अभी तक कोई संग्रहालय नहीं बन सका. जाहिर है उनकी अनमोल धरोहरें जिनमें वो शहनाईयां भी हैं जिनके माध्यम से वे अपने जीवन में दुनिया को चकित व मंत्रमुग्ध करते रहे थे उनके बेटों के पास घर में संदूकों में पड़ी हैं. आश्चर्यजनक रूप इनमें से पांच शहनाइयां रविवार रात चोरी हो गई. बिस्मिल्लाह खान के पोते रजी हसन के अनुसार उन्हें कल रात इस चोरी के बारे में पता चला. उन्होंने तत्काल पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया.

मामला दर्ज 

पुलिस को दी गयी शिकायत के अनुसार चोरी हुए सामान में चार चांदी की शहनाइयां, एक चांदी की और एक लकड़ी की शहनाई, इनायत खान सम्मान और दो सोने के कंगन पर चोरों ने हाथ साफ कर सबको चौंका दिया है.

 

नए मकान में रखे थे सामान 

उनके पोते के अनुसार उन्होंने पिछले दिनों दालमंडी में नया मकान लिया है लेकिन 30 नवंबर को सभी सराय हरहा स्थित पुश्तैनी मकान में आये थे जहां उनके दादाजी यानि बिस्मिल्लाह खान रहा करते थे. उन्होंने बताया की मुहर्रम के दिनों में “हम इसी मकान में कुछ दिन रहते थे. जब नये घर लौटे तो दरवाजा खुला था और संदूक का ताला भी टूटा हुआ था” अब्बा (काजिम हुसैन) ने देखा कि दादाजी की धरोहरें चोरी हो चुकी थीं. हसन का कहना है कि ये शहनाइयां दादाजी को बहुत प्रिय थीं. इनमें से एक पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव ने उन्हें भेंट की थी, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने और एक राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने दी थी जबकि एक उन्हें उनके एक प्रशंसक से तोहफे में मिली थी।

मुहर्रम के जुलूस में बजाने वाली खास शहनाई 

दुखद प्रकरण यह है कि इनमें से एक, शहनाई के बेताज बादशाह बिस्मिल्लाह खान की सबसे खास शहनाई भी थी जिसे वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे. अब उनकी कोई शहनाई नहीं बची है. शायद रियाज के लिये इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की कोई शहनाई बची हो.
परिवार के सदस्यों के अनुसार उनकी धरोहरों के नाम पर भारत रत्न सम्मान, पदमश्री, उन्हें मिले कई अन्य पदक हैं. यह पूछने पर कि इतनी अनमोल धरोहरें उन्होंने घर में क्यों रखी थीं, हसन ने कहा कि पिछले दस साल से उनका परिवार इसकी रक्षा करता आया था तो उन्हें लगा कि ये सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा कि हमें पहले उम्मीद थी कि दादाजी की याद में संग्रहालय बन जायेगा लेकिन नहीं बन सका। हम इतने साल से उनकी धरोहरों को सहेजे हुए थे. हमें क्या पता था कि घर से उनका सामान यूं चोरी हो जाएगा. वाराणसी के एसएसपी नितिन तिवारी ने इस घटना की पुष्टि की है.
उन्होंने बताया कि यह सही है कि बिस्मिल्लाह खान साहब की शहनाइयां चोरी हो गई हैं. उनके परिवार ने कल एफआईआर दर्ज कराई है. हम मामले की जांच कर रहे हैं और कोई सूचना मिलने पर जानकारी देंगे.

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