फरीदाबाद निगम के 90 कचरा वाहनों में जीपीएस सिस्टम

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कामचोर व डीजल चोरी करने वाले वाहन चालकों की खैर नहीं

धर्मेन्द्र यादव 

फरीदाबाद :   नग5-dec-6र निगम फरीदाबाद में अब कचरा लाने ले जाने वाले कामचोर व डीजल की चोरी करने वाले वाहन चालकों की खैर नहीं, जी हां नगर निगम ने अब करीब 90 कचरा वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगा दिया है जिससे वाहनों को दफ्तर में बैठे अधिकारी अपनी निगरानी में रख सकेेंगे। जिससे तीन फायदे होंगे, एक तो उन्हें पता लगेगा कि वाहन कहां है, दूसरा वाहन किस हालत में है कहीं खराब तो नही है, तीसरा जो वाहन चालक डीजल व पैट्रोल की चोरी करते हैं उनपर भी कडी निगरानी रहेगी। इन्हीें फायदों के साथ हारियाणा सरकार के निर्देशानुसार आज निगमायुक्त सोनल गोयल ने सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाकर शहरवासियों की सुविधा के लिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

 

भ्रष्ट्राचार मुक्त भारत और डिजीटल युक्त भारत को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने एक और सार्थक कदम उठाते हुए नगर निगम फरीदाबाद को आदेश दिये हैं कि वो शहर में कचरे से संबंधित सभी वाहनों को अपनी निगरानी में रखें. इसको लेकर सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगा दिया है जिससे शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने वाले कचरा वाहनों पर निगरानी रखी जा सके। इन वाहनों को आज फरीदाबाद की नगर निगम आयुक्त सोनल गोयल ने अपने तौर पर जांच की और जीपीएस सिस्टम को नियंत्रित कर रहे सिस्टम को भी देखा, सब कुछ ठीक ठाक होने पर निगमायुक्त गोयल ने निगम के दर्जनों अधिकारियों के साथ मिलकर कचरा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर शहर की सुविधाओं के लिये रवाना किया।

 

 इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए निगमायुक्त सोनल गोयल ने बताया कि उनके पास हरियाणा सरकार से आदेश आये थे कि कचरे से संबंधित सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाये, जिसमें नेटवर्किग के लिये में बीएसएनएल को चुना गया जिसका 6 माह का खर्च करीब 9 लाख है, वहीं 6 माह बाद प्रति वाहन पर 15 सौ रूपये चार्ज लगेगा, इसी के चलते उन्होंने आज फरीदाबाद में नगर निगम के 90 कचरा वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगा कर उन्हें रवाना किया है।

 

जीपीएस से होने वाले लाभ के बारे में बताते हुए गोयल ने कहा कि जीपीएस से उन्हें कई फायदे होंगे जिसमें एक तो उन्हें दफ्तर में बैठे हुए पता लगेगा कि वाहन कहां पर है और क्या कर रहा है, दूसरा कई बार वाहन रास्ते में खराब हो जाता है तो उन्हें देर से सूचना मिलती थी अब ऑनलाईन सिस्टम होने से तुरंत पता लगेगा कि वाहन किस हालत में है, वहीं तीसरा जो वाहन चालक चालाकी से वाहनों में डलने वाले डीजल व पैट्रौल की चोरी करते थे उन पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।

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