श्रद्धालुओं ने व्रत रखा, मनाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, श्रद्धालुओं के लिए मंदिर भी खुले

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कोरोना के भय से श्रद्धालु घरों में ही पर्व को मनाना समझ रहे हैं बेहतर

गुडग़ांव, 12 अगस्त : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व दूसरे दिन भीबुधवार को श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान के अनुसार मनाया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 2 दिनों तक मनाया गया। अधिकांश श्रद्धालुओं ने तो गत दिवस ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया था, लेकिन बुधवार को भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर इस पर्व को मनाया। जिला प्रशासन द्वारा गत दिवस बुधवार से जिले के सभी मंदिरों को कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन कराने की शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी थी।

शहर के राजेन्द्रा पार्क विष्णु गार्ङन स्थित हनुमान मन्दिर को गत वर्षो की तरह सजाया गया और हजारो भक्तों ने भगवान के दर्शनों का लाभ लिया. शहर की अन्य कालोनियों में स्थित घंटेश्वर, सिद्धेश्वर, भूतेश्वर, प्रेम मंदिर, गुफावाला मंदिर, सुदर्शन मंदिर, सैक्टर 4 के श्रीकृष्ण व श्रीराम मंदिर,  सूर्य विहार के वैष्णोदेवी मंदिर, शीतला माता मंदिर, बाबा प्रकाशपुरी  आश्रम 5 माह के बाद बुधवार से पूजा-अर्चना करने के लिए खुल गए हैं। मंदिर कमेटियों द्वारा फेस मास्क लगाने व सैनिटाइज कराने तथा सामाजिक दूरी का पालन कराने की पूरी व्यवस्था भी की हुई है। जिला प्रशासन ने सभी मंदिर कमेटियों को हिदायत देते हुए कहा है कि वे दिशा-निर्देशों का पालन कराने में किसी प्रकार की कोताही न बरतें, अन्यथा कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जा सकती है।

बुधवार में दोपहर 12 बजे के बाद अधिकांश मंदिरों के कपाट बंद ही दिखाई दिए। जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों को भव्य रुप से सजाया हुआ
भी है। मंदिरों में पुजारी पूजा-अर्चना करते भी दिखाई दिए। इन पुजारियों का कहना था कि मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने के लिए देर सायं श्रद्धालु आएंगे। मंदिरों में दर्शनों की व्यवस्था मंदिर कमेटियों ने पूरी तरह से कर ली है। कुछ श्रद्धालुओं ने कोरोना के भय के कारण अपने घरों में ही भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य रुप की आराधना की। इन श्रद्धालुओं का कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है। कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है, इसलिए सावधानी रखनी जरुरी है।

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